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रिलायंस डिजिटल – विज्ञापन में लुभावने ऑफ़र और दुकान में ऑफ़र में फ़ेरबदल, जनता के साथ धोखाधड़ी Reliance Digital – Differ offer then Ad in Newspaper in Store

शूक्रवार के टाइम्स ऑफ़ इंडिया का विज्ञापन में लुभावने ऑफ़र को रविवार को देखा, तो रविवार को ही तत्काल टीवी लेने का मन बनाया। ऑफ़र में लिखा था किसी भी सीटीवी के बदले इतनी छूट दी जायेगी, जिसमें कोई स्टार वगैरह नहीं था, और टीवी का ब्रांड भी नहीं लिखा था, तो हमने सोचा कि चलो पास वाले रिलायंस डिजिटल स्टोर पर जाकर पता लगा लिया जाये, पर उससे पहले हमने सोचा कि चलो पहले फ़ोन पर पता कर लेते हैं, तो शायद ज्यादा पता चल जाये और हमने पास वाले स्टोर पर फ़ोन लगाया तो पता लगा कि स्टोर तो १० बजे खुलता है परंतु सेक्शन के स्टॉफ़ ११ बजे तक आते हैं (तो ऐसा लगा कि रिलायंस भी अपने लोगों का कितना ध्यान रखती है, या फ़िर लोग रिलायंस की सुनते नहीं हैं, खैर जो भी है!)।

हमने कमनहल्ली के स्टोर पर फ़ोन लगाया तो किसी ने फ़ोन ही नहीं उठाया तब तो पक्का यकीन हो गया कि रिलायंस अपने लोगों का बहुत ध्यान रखती है, यह फ़ोन लगभग हमने सुबह १०.२५ पर लगाया था, फ़िर हमने ठान ली कि बैंगलोर के हर स्टोर पर फ़ोन लगाकर पता करते हैं, जिससे प्राथमिक जानकारी जुटाई जा सके और  तीसरे स्टोर कोरमंगला पर फ़ोन लगाया, यहाँ फ़ोन लगाकर खुशी हुई, जिस गर्मजोशी से यहाँ बात की गई और उत्पाद के बारे में भी प्राथमिक जानकारी प्रदान की गई, लगा कि रिलायंस में अच्छे कर्मचारी भी हैं। (वैसे यह सत्य है कि हरेक कंपनी में कुछ बहुत अच्छे कर्मचारी होते हैं, जो कंपनी का नाम बड़ाते हैं।)

reliance digital offer on LED TV हम वही पास वाले फ़िनिक्स माल के रिलायंस स्टोर गये और LED TV उत्पाद का पूरा निरिक्षण किया, वह LED TV 32 इंच का था और रिलायंस डिजिटल का खुद का ब्रांड था, (रिलायंस के खुद के LED TV Reconnect and ORZ कंपनियों के होते हैं), जिस पर क्रमश: २ एवं १ वर्ष की पूर्ण गारण्टी दी जा रही थी, हमने टीवी पसंद कर लिया और फ़िर खरीदने की बात आई तो जब हमने बताया कि हम इस ऑफ़र के तहत यह LED TV खरीदना चाहते हैं, तो हमें कहा गया कि आप ५ मिनिट का समय दें आपको सारी जानकारी जुटा देते हैं, उन १० मिनिटों में हमने iPhone 4S का निरिक्षण किया।

वह कर्मचारी फ़िर हमारे पास आया और बोला कि ’सर’ यह कंपनी की दूसरी टीम जो कि पुराने टीवी खरीदती है, वह आपके घर पर आकर टीवी देखेगी, हमने कहा कि ठीक है आज दोपहर तक यह भी करवा दो तो शाम को हम टीवी ले लेते हैं, घर पहुँचे दूसरी टीम का फ़ोन आया कि आपका टीवी २१ इंच का है और यह ऑफ़र केवल २९ इंच सीटीवी के लिये है, हमने कहा कि विज्ञापन में तो रिलायंस डिजिटल ने ऐसा कुछ लिखा नहीं है और अगर कभी भी इस तरह की शर्त होती है तो स्टॉर(*) लगाकर जरूर छोटे अक्षरों में लिख दिया जाता है, अगर कुछ लिखा नहीं है इसका मतलब कि आपको कोई भी सीटीवी स्वीकार्य है। परंतु वह कर्मचारी बोला कि ’सर’ यही ऑफ़र है, हमने कर्मचारी की मजबूरी समझते हुए कहा कि हमें अब LED TV लेने में अब कोई रूचि नही है, धन्यवाद।

हमें टीवी अगले दो वर्ष के लिये लेना था तो सोचा कि १९,९०० में 32 इंच LED TV under exchange offer with working CTV में बुरा नहीं है। परंतु रिलायंस डिजिटल विज्ञापने में कुछ और लिखती है और स्टोर पर कुछ और होता है जो कि जनता के साथ खुली धोखाधड़ी है। हम तो अपने पैसे की पूरी कीमत वसूलना जानते हैं, इसलिये अब तय किया गया कि अभी यही टीवी थोड़े दिन और देखी जाये।

१४११ बाघ बचाने की मुहीम – @ सभी ब्लॉगर्स, नायक, नायिकाएँ, खिलाड़ी और विशिष्ट लोग ओह माफ़ कीजियेगा अतिविशिष्ट लोग सभी को संबोधित (1411 Save Tigers Mission A message to all…)

    @ सभी ब्लॉगर्स (जिन्होंने टिप्पणी दी है और नहीं भी दी है, जिन्होंने पिछले पोस्ट  के शेर के फ़ोटो देखे हैं या नहीं देखे हैं ) , नायक, नायिकाएँ, खिलाड़ी और विशिष्ट लोग ओह माफ़ कीजियेगा अतिविशिष्ट लोग  – ये तो सब मीडिया का पब्लिसिटी स्टंट है। कुछ नहीं होने वाला है, जो मार रहा है उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है और जो मर रहा है वो तो मर ही रहा है। हम और आप केवल शीर्षक में १४११ जोड़कर उनका मजाक ही उड़ा रहे हैं, और मीडिया पब्लिसिटी के बहकावे में आ जाते हैं। क्या है हमारी जिम्मेदारी, जिनकी जिम्मेदारी है वो लोग बाघ को बचाने के लिये कितनी जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं मतलब सरकार और उसके मुलाजिम।

    हम और आप लोग कैसे इस १४११ पर लेख, आलेख, निबंध लिखकर बाघों को बचा लेंगे, क्या बाघ इन आलेखों को पढ़ने आयेगा, नहीं भई बाघ नहीं आने वाला है, ये तो सरेआम केवल एक शोशेबाजी हो रही है, कि किसी भी चीज को कैसे हाईप दिया जाता है, जबरदस्त तरीके से कैम्पेनिंग कैसे किया जाता है ये तो इन मीडिया और राजनीतिक पार्टियों से पूछें।

    बेचारे स्कूल वाले तो १४११ बाघ को बचाओ के नाम पर बच्चों से क्या क्या नहीं करवायेंगे। परंतु वो बच्चे और वे स्कूल वालों का क्या कोई संबंध है, इन बाघों को बचाने में, नहीं, बिल्कुल भी नहीं।

    जब कोई भी चीज खत्म होने की अग्रसर होती है तब किसी को कोई चिंता नहीं होती है, सब बहुत ही लापरवाही से लेते हैं, और जब खत्म होने को आ जाती है जैसे कि ताजा उदाहरण १४११ बाघ बचे हैं, तब सब लोग चिल्लाते हैं, जैसे जनता जिम्मेदार है इस सबके लिये, अरे हर पाँच साल में जो हमारे दरवाजे पर वोट की भीख माँगने आता है, उसको हम क्यों भीख देने के लिये उदार हो जाते हैं, जब वो सरकार में रहकर अच्छे से काम ही नहीं कर रहा है। ये लोग कभी खत्म नहीं होंगे ये तो अमरबेल जैसे बड़ते ही चले जायेगे इन लोगों की संख्या हरपल १४११ बड़ती रहेगी। पर इन बाघों का क्या..

   देखिये बुद्धूबक्से पर नायक, नायिकाएँ, खिलाड़ी और विशिष्ट लोग ओह माफ़ कीजियेगा अतिविशिष्ट लोग १४११ बाघ को बचाने के लिये टीशर्ट पहने कर डॉयलाग मार रहे हैं, कि मैं कितना महान प्रयास कर रहा हूँ, आप भी इस महान प्रयास में मेरा साथ दें, अरे इन लोगों ने कभी ये भी जानने की कोशिश की है कि ये १४११ बाघ रहते कहाँ हैं, और क्यों इनकी संख्या १४११ रह गई है।

    क्या हम इन १४११ बाघों के ऊपर लिखने से, बोलने से  इन १४११ बाघों को  बचाने में सफ़ल होंगे और इनकी संख्या बड़ा पायेंगे क्या गारंटी है कि हम इन १४११ बाघों को भी बचा पायेंगे, थोड़े सालों बाद फ़िर मीडिया केवल राग अलापेगा कि बाघ प्रजाति लुप्त हो गई और इन १४११ बाघों की कहानी बन जायेगी। कि आमजन ने क्या क्या नहीं किया था इन १४११ बाघों के लिये…

   सोचिये और बताईये क्या हम १४११ बाघों के लिये क्या वाकई कुछ ऐसा कर सकते हैं, जो इनकी रक्षा करे…?

शैतान मन ने एक सेकंड में इस जुऎं को इन्वेस्टमेन्ट का नाम दे दिया और 5 मिनिट में 60 रुपये फ़ूँके ।

कल रात को ऐसे ही टीवी के रिमोट पर चैनल को बदलते हुए हम पहुँच गये न्यूज चैनल E-24 पर, वहाँ पर एक एँकर काफ़ी लुभावने अंदाज में बोल रहा था तो हमारा हाथ जड़ हो गया, क्योंकि वो रुपये जीतने की बातें कर रहा था। स्क्रीन पर कुछ छ: पंक्तियों में अलग अलग रुपये लिखे थे, १०,००० से ६०,००० तक और एँकर पूछ रहा था कि बताइये हीरो या हीरोइनों के नाम जिनका नाम ए(A) पर खत्म होता हो और अगर वो उस लिस्ट में होंगे तो आपको उतनी ही रकम इनाम में मिलेगी। पहले तो हम देखते रहे कि यह क्या बला है, क्या आज हम पर किस्मत मेहरबान होकर कुछ हजारों रुपये चंद मिनिटों में ही जितवा देगी, आखिर हरेक आदमी यही सोचता है कि बिना काम करे किस तरह से ज्यादा से ज्यादा धन कमाया जाये।

कितने ही फ़ोन आये जा रहे थे और स्क्रीन के सीधे तरफ़ टाईमर चल रहा था, ओर एँकर बारबार जबाब सुनकर कह रहा था “ओह गलत जबाब”, कुछ दो लोगों का सही जबाब था तो उन्हें बताया गया कि १०,००० व ५०,००० रुपयों का इनाम जीत गये हैं। वह बारबार उकसा रहा था फ़ोन करने के लिये कि देखिये कितने आसान तरीके से आप इतने सारे रुपये जीत सकते हैं केवल २ मिनिट बचे हैं, हमने अपने मन को संयमित रखा और चुपचाप देखते रहे। कितने ही फ़ोन आये और कितने ही हीरो, हीरोईनों के नाम सुनने को मिले जो भूले बिसरे से हमारे मन में थे।

यह सवाल खत्म होने के बाद दूसरा सवाल आया कि पहचानिये आँखें किस हीरोईन की हैं, नाम बताइये और जीतिये २०,००० रुपये अब शर्त एक ओर कर दी गई कि हरेक कालर के गलत जबाब के बाद इनाम की रकम १,००० रुपयों से बड़ा दी जायेगी और कालर को १५०० रुपयों का इनाम मिलेगा, जबाब भले ही सही हो या गलत। अब भी हम अपने मन को संयमित रख कर चुपचाप देख रहे थे, पर हमारा मोबाईल हमारे हाथों में नाचने लगा था। हम अब चुपचाप उस नंबर की ओर देख रहे थे जिस पर डायल करना था, 5664424 अब नंबर न तो मुंबई का लगा न दिल्ली का तो हमने नोएडा का कोड मिलाकर डायल करने की कोशिश की परंतु असफ़ल। हम हताश हो रहे थे कि देखो केवल काल करने पर १,५०० रुपयों की कमाई हमारे हाथ से जा रही है। तभी एँकर ने टाईम खत्म करने की बात की (हम रुँआसे हो गये कि हाय फ़्री में १५०० रुपये का नुक्सान हो गया, जो जीते होंगे वो कितने किस्मत वाले होंगे), ओर कहा कि अब तक सही जबाब नहीं मिला है अब इनाम की रकम ५०,००० की जाती है और अब हर कालर को १५०० की जगह मिलेंगे २५०० रुपये और समय १० मिनिट और बढ़ा दिया गया है।

हमारी आँखों में चमक आ गई और हाथों में पड़ा मोबाईल बैचेन होने लगा हमारे मन जैसा पहले सोचा छोड़ो यह जुँआ है और हम जुँआ नही खेलते तो शरारती मन ने किसी कोने से निकलकर कहा अरे काल करने में क्या जाता है केवल एक मिनिट के १२ रुपये तो लगेंगे और अगर काल लग गया उत्तर गलत भी हुआ तब भी २,५०० रुपये मिलेंगे।

१२ रुपये प्रति मिनिट का खुलासा तब हुआ जब हमने ध्यान से एक छोटी सी पट्टी स्क्रीन पर चलती हुई पायी और काल डाइरेक्ट मोबाईल से ही करनी थी कोई कोड पहले नहीं लगाना था। वहाँ कार्यक्रम में तो धड़ाधड़ काल आये जा रहे थे और हमारा दिल भी धाड़ धाड़ कर सोच रहा था कि बस केवल काल लग जाये तो २,५०० रुपये अंटी हो जायेंगे। इन्वेस्टमेन्ट तो केवल कुछ रुपयों का ही है हमारे शैतान मन ने एक सेकंड में इस जुऎं को इन्वेस्टमेन्ट का नाम दे दिया और झट से हमने फ़ोन मिला दिया, मधुर आवाज महिला की आयी और हमारा स्वागत किया और कहा गया कि कृपया इंतजार करें किसी भी क्षण आपका काल स्टूडियो में ट्रांसफ़र किया जा सकता है। उधर से मधुर आवाज में वह यही निवेदन करती रही और हम बारबार अपने मोबाईल की स्क्रीन पर बड़ते हुए टाइम को देख रहे थे। कुछ ५ मिनिट के पहले ही काल अपने आप ही कट गई। हमारा ६० रुपये का नुक्सान हो गया, और चैनल वाले का फ़ायदा।

थोड़ी देर और वह कार्यक्रम देखा तो समझ में आ गया कि ये चैनल वाले बेवकूफ़ बना रहे हैं और केवल रुपये एंठने का काम कर रहे हैं। अपने उपर बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई, कि काश इस शैतान मन की बात न मानी होती।