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सीसी प्रॉक्सी (CCProxy) – प्रॉक्सी सर्वर सॉफ्टवेयर Windows के लिए

प्रॉक्सी सर्वर सीसी प्रॉक्सी उपयोग करने में आसान और इंटरनेट कनेक्शन साझा करने का शक्तिशाली साफ़्टवेयर है।

सीसी प्रॉक्सी ब्रॉडबैंड, डी.एस.एल. (DSL), डायल अप, ऑप्टिकल फाइबर, उपग्रह (satellite), ISDN एवं DDN कनेक्शन में समर्थन (support) करता हैं, यह आप के लैन(LAN) के भीतर कुशलतापूर्वक और आसानी से अपने खुद के प्रॉक्सी सर्वर और शेयर इंटरनेट को उपयोग करने में मदद करता है| सी.सी. प्रॉक्सी सर्वर एक HTTP, मेल, FTP, Socks, समाचार और Telnet प्रॉक्सी सर्वर के रूप में कार्य कर सकता है। इसकी सुविधाएँ हैं – सुचारु रुप से खातों का प्रबंधन, इंटरनेट का उपयोग नियंत्रण, बैंडविड्थ नियंत्रण, इंटरनेट वेब छानने, सामग्री छानना और समय पर नियंत्रण|
यह वेब कैशिंग, ऑनलाइन पहुँच निगरानी, कार्य उपयोग और बैंडविड्थ उपयोग के आँकड़े भी उपलब्ध करवाता है। सी.सी. प्रॉक्सी Win98, WinME, Winnt, Win2000, WinXP, Win2003 और Vista के साथ अच्छे से कार्य करता है।

प्रॉक्सी सर्वर CCProxy का पहला संस्करण जून 2000 में विकसित किया गया था।

यह शुरू में लैन में मॉडेम साझा करने के लिए तैयार किया गया था।

अगर एक लैन में किसी एक कंप्यूटर पर इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं तो लैन के भीतर सभी अन्य कंप्यूटरों पर इस प्रॉक्सी सर्वर सॉफ्टवेयर के द्वारा इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं. यह हार्डवेयर और इंटरनेट कनेक्शन के रुप में धन की बचत कर सकता है।

सी.सी. प्रॉक्सी वेब प्रॉक्सी सॉफ्टवेयर, के रूप भी कार्य कर सकता है। जिससे आप वेब पन्नों, डाउनलोड फ़ाइलें और भेजने और IE, फ़ायरफ़ॉक्स, नेटस्केप वेब ब्राउज़र के माध्यम से ब्राउज़ करने के लिए सक्षम बनाता है और वेब कैशिंग फ़ंक्शन से.सर्फिंग गति बढ़ा सकते हैं।

सी.सी. प्रॉक्सी (CCProxy) लैन पर इंटरनेट का उपयोग को नियंत्रित करने के लिए कई तरीकों से शक्तिशाली प्रबंधन कार्य करता है। जो कि आईपी पता, आईपी रेंज, मैक पता, उपयोगकर्ता नाम / पासवर्ड और समूह हैं।
वेब फ़िल्टरिंग और सामग्री फ़िल्टर फ़ंक्शन से आप क्लाइंट्स का उपयोग कुछ सीमित वेबसाईटों तक कर सकते हैं, यह आपके कर्मचारियों को अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा है और बच्चे अनुपयुक्त स्थलों की यात्रा करने में असमर्थ रहें यह सुनिश्चित करने के लिए आपको मदद मिलेगी। समय अनुसूची फ़ंक्शन उपयोगकर्ताओं ‘ऑनलाइन समय को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

क्लाइंट के लोगिन और ऑनलाइन उपयोग पर निगरानी में और इंटरनेट गतिविधियों को रिकार्ड करने में मदद करेगा।

अधिक जानकारी के लिये यहां तड़का लगाइये।

श्रवण कुमार और दिल्ली की मिट्टी का कमाल

आज ताऊ के ब्लाग पर कलयुगी श्रवण पढ़ा तो एक वाक्या याद आ गया दिल्ली में श्रवण कुमार का।

दिल्ली वाले कृपया बुरा न मानें वैसे मैं भी नार्थ इंडियन हूँ और मुंबई में रहते हुए लगभग ४ साल पूर्ण हुए हैं।

दिल्ली में एक मित्र से वार्तालाप चल रहा था और हम सामाजिक मुद्दों पर बात कर रहे थे कि मुंबई और दिल्ली में क्या भिन्नता है। दिल्ली में कोई भी तबके का व्यापारी हो वो ग्राहक को लूटने का प्रयत्न करता है, जैसे आटो वाले, फ़लवाले, इलेक्ट्रानिक दुकानवाले इत्यादि। ऐसा नहीं है कि मुंबई में लूट नहीं है परंतु दिल्ली के मुकाबले तो बहुत कम है पर फ़िर भी लूट तो लूट ही है। फ़िर भी मुंबई का आम आदमी आत्म अनुशासित है पर दिल्ली का नहीं क्यों ??

साउथ इंडिया की श्रंखला का एक प्रसिद्ध होटल करोलबाग में है और वहाँ पर साउथ इंडियन आँख बंद करके जाते हैं और अगर कमरा खाली नहीं भी होता है तो घंटों तक खाली होने का इंतजार करते रहेंगे पर किसी और होटल में जाना पसंद नहीं करेंगे। क्योंकि उन्हें साउथ इंडियन होटल पर विश्वास है परंतु दिल्ली वालों पर नहीं और अगर तब भी को कमरा खाली नहीं होता है तो जो भी वहाँ आते हैं उन लोगों को वो साउथ इंडियन होटल वाले ही दूसरे होटल में कमरा आरक्षित करके देते हैं।

कहते हैं कि जब श्रवण कुमार अपने अंधे माता पिता को कंधे पर पालकी में ले जा रहे थे तो जैसे ही श्रवण कुमार का दिल्ली में आगमन हुआ उन्होंने अपने माता पिता से घुमाने का किराया मांगा तो उनकी माताजी ने कहा चल बेटा आगे चल तुम्हें हम आगे किराया दे देंगे और थोड़ी सी मिट्टी अपने हाथों में लेकर अपने पास रख ली। जब मथुरा पहुंचे तो श्रवण कुमार से उनकी माता ने कहा कि कितना किराया चाहिये तब श्रवण कुमार ने कहा कैसा किराया क्योंकि वो तो सब भूल गये थे। फ़िर वो मिट्टी को रखकर उनकी माता बोली अब इस पर खड़े हो और बताओ तो झट से फ़िर श्रवण कुमार ने फ़िर किराया मांगा। यह सब दिल्ली की मिट्टी का कमाल है।

ये कैसी शादी के बाद की आजादी, जो कुछ करना है वो पर्दे की पीछे करें, सार्वजनिक न करें।

अभी परसों ही में ट्रेन में यात्रा कर रहा था तो जिस केबिन में मेरी सीट थी, उस केबिन में एक परिवार जो कि नागपुर से सफ़र कर रहा था और उनका एक ६ साल का बेटा भी था। साइड लोअर व साइड अपर में एक नवविवाहित दंपत्ति थे। जो कि सबके सामने बड़ी ही अभद्र हरकतें कर रहे थे, खुलेआम एक दूसरे को चूम रहे थे और अश्लीलता की हरकतें कर रहे थे। परंतु बोले कौन ! क्योंकि कोई भी बोलना नहीं चाहता, मैं भी नहीं। क्योंकि इन लोगों को समझाने का कोई मतलब ही नहीं है।

जो परिवार मेरे पास बैठा था वो भी कनखियों से ये सब देख रहा था और बच्चे को अपने में बिजी रख रहे थे ताकि वो उनकी हरकतों पर ध्यान न दें परंतु वो बच्चा तो बड़ी गौर से वही सब देख रहा था और कुल मिलाकर वातावरण प्रदूषित हो रहा था। उस परिवार के सज्जन मुझसे बोले ये लोग क्यों थर्ड एसी में आये यही सब करना था तो सेकंड एसी में जाते कम से कम वहाँ पर्दा रहता है जो भी करते ये लोग उस पर्दे के पीछे कम से कम हमें तो दर्शक नहीं बनना पड़ता वो भी जबरदस्ती।

इस परिस्थिती ने वाकई यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि अगर आप शादी के बाद घूमने (हनीमून) जा रहे हो तो बाहर नैतिकता से रहें और जो कुछ करना है वो पर्दे की पीछे करें, सार्वजनिक न करें।