आज श्रावण मास का स्वाति नक्षत्र है क्या आप इसके बारे में जानते हैं..

आज श्रावण मास का स्वाति नक्षत्र है और इसमें हुई वर्षा का जल ही चातक याने कि पपीहा पीता है जिसके विषय में प्रसिद्ध है कि यह पृथ्वी पर गिरे हुए जल को नहीं पीता है। जिसके बारे में कालिदास ने “मेघदूतम” के पूर्वमेघ में लिखा है –

11

मन्दं-मन्दं नुदति पवनश्चानुकूलो यथा त्वां

वामश्चायं नदति मधुरं चातकस्ये सगन्ध:।

गर्भाधानक्षणपरिचयान्नून्माबद्धमाला:

सेविष्यन्ते नयनसुभगं खे भवन्तं बलाका:॥

यक्ष मेघ को अलका की ओर प्रस्थान के लिए शुभ शकुन का उल्लेख करते हुए कहता है –

“और जैसे कि अनुकूल वायु तुम्हें धीरे-धीरे प्रेरित कर रहा है तथा गर्व से भरा यह पपीहा तुम्हारे वाम भाग में स्थित होकर मधुर शब्द कर रहा है। निश्चय ही गर्भ धारण करने के आनन्द के अभ्यास के कारण पंक्तिबद्ध बगुलियाँ नेत्रों को सुन्दर लगने वाले आपकी आकाश में सेवा करेंगी॥”

माना जाता है कि जब कभी यात्रा पर निकलें तो बायीं ओर चातक का दिखायी देना शुभ माना जाता है। मोर, चातक आदि पक्षियों का तथा हरिणों का बायीं ओर होना शुभ माना जाता है। यह भी प्रसिद्ध है कि बगुलियां वर्षा में आकाश में पंक्तिबद्ध होकर मेघ के संयोग से गर्भ धारण करती है।

5 thoughts on “आज श्रावण मास का स्वाति नक्षत्र है क्या आप इसके बारे में जानते हैं..

  1. वाह खूब याद दिलाया आपने –
    रे रे चातक सावधान मनसा मित्रक क्षणं श्रूयतां
    बहुधा ही आम्बो सन्ति गगने अपि नैताद्रिषा
    केचिद वृष्टिभिः आर्द्र्यन्ति वसुधा गर्जन्ति केचित वृथा
    यम् यम् पश्यन्ति तस्य तस्य पुरुतो मान ब्रूहि दीनं वचः

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *