आज का युग तकनीक की दृष्टि से बेहद अहम है, हम बहुत सी तरह की सामाजिक तानेबाने वाली वेबसाईट से जुड़े होते हैं और अपने सामाजिक क्षैत्र को, उसके आवरण को मजबूत करने की कोशिश में लगे होते हैं। हम सोशल नेटवर्किंग को बिल्कुल भी निजता से जोड़कर नहीं देखते हैं, अगर हम किसी से केवल एक बार ही मिले होते हैं तो हम देख सकते हैं कि थोड़े ही समय बाद उनकी फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट हमारे पास आयी होती है या फिर हम खुद से ही भेज देते हैं। जबकि हम अपनी निजी जिंदगी में किसी को भी इतनी जल्दी दाखिल नहीं होने देते हैं, किसी का अपनी निजी जिंदगी या विचार में हस्तक्षेप करना हम बहुत बुरा मानते हैं और शायद यही एक कारण है कि जब तक हम किसी को जाँच परख नहीं लेते हैं तब तक हम उससे मित्रता नहीं करते हैं। Continue reading सोशल नेटवर्किंग के युग में टूटती आपसी वर्जनाएँ
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UCBrowser से बेहतरीन रफ्तार पायें आप अपने मोबाईल पर
जब भी मोबाईल पर हम नेट सर्फिग करते हैं, हमेशा ही 3 जी हो या 2 जी हो हम हमेशा ही गरियाते रहते हैं, पर आजकल कुछ अच्छे ब्राउजर भी उपलब्ध हैं जैसे कि यूसीब्राउजर(UCBrowser) जिनसे हम डाटा और नेटवर्क की कम रफ्तार होने पर भी हम अपने सारे कार्य कर सकते हैं, क्योंकि ये ब्राउजर वेब कंटेंट को मोबाईल के अनुकूल ऑप्टिमाईज कर लेते हैं और कम डाटा खर्च कर कंटेंट को ऑप्टिमाईज्ड मोड में दिखाने लगते हैं।
वैसे तो मैं कभी क्रिकेट का बहुत ही बड़ा फैन रहा हूँ पर जब से नौकरी में आये हैं तो इतनी व्यस्तता हो गई कि क्रिकेट को शौक लगभग त्यागना ही पड़ा है, जब भी कही ऑफिस में काम करते रहो तो ऐसा लगता है कि काश ऑफिस में टीवी भी होता तो कम से कम बैटिंग या बोलिंग ही देख लेते पर ऐसी कोई सुविधा नहीं होने के कारण हम केवल हमारा मन ही मार सकते हैं, अब ऐसा लगता है कि यूसीब्राउजर के नवीनतम फीचर्स के साथ हम अपना ये शौक अब आगे से जिंदा रख पायेंगे।
यूसीब्राउजर (UCBrowser) का डाटा ऑप्टिमाईजेशन इतना जबरदस्त है कि यह भारी कंटेंट को भी अपने अनुसार ढालकर उस कंटेंट को मोबाईल पर झट से दिखा देता है, हमने कई बार मोबाईल पर लाईव मैच देखने की कोशिश की परंतु वह इतना डाटा खाता था कि हमारा बिल जबरदस्त आने लगा और दिखता भी स्ट्रीमिंग करके था, परंतु अब यूसीब्राउजर में इस झंझट से मुक्ति मिल गई है, अब बिना स्ट्रीमिंग के क्रिकेट का मजा हम मोबाईल पर कहीं भी ले सकते हैं, धन्यवाद यूसीब्राउजर । अब मैं भी UC Cricket का दीवाना हो गया हूँ।
इसमें (UCBrowser) बेहतरीन फीचर्स भी हैं –
प्राइवेसी – आप अपने एकाऊँट में लॉगिन करके आसानी से मैनेज कर सकते हैं और यह कूकीज को भी सपोर्ट करता है।
बुकमार्क और हिस्ट्री – वैसे तो यह आम फीचर होता है, पर यहाँ आपको त्वरित तरीके से यह सुविधा उपलब्ध है।
वेबसाईट एड्रेस अपने आप आना – आप कुछ ही शब्द एड्रेस के लिये लिखना शुरू करेंगे और ये आपके द्वारा लिखे जाने वाला वेबसाईट के एड्रेस को ले आयेगा।
झूम मोड – आप किसी भी वेबसाईट को पूरी भी देख सकते हैं और झूम करके उसके कंटेट आसानी से देख सकते हैं।
शेयर पेज – आप किसी भी पेज को सेव करके बाद में शेयर भी कर सकते हैं।
फाईल मैनेजर – आप फाईल मैनेजर के जरिये अपनी फाइलों को सेव कर सकते हैं और हटा भी सकते हैं।
नाईट मोड – रात को यह ब्राउजर अपने आप ही मोबाईल के प्रकाश को कम कर देता है, जिससे आपकी आँखों को आराम मिलता है।
कंप्रेशन तकनीक – इसके जरिये आपका मोबाईल डाटा का बिल 85 प्रतिशत तक कम होता है।
डाउनलोड मैनेजर – डाउनलोड मैनेजर इस इस ब्राउजर में आंतरिक रूप से ही मौजूद है, जिसे आप बीच में रोक भी सकते हैं, उसे चालू भी कर सकते हैं और कई सारी फाईलें एक साथ डाउनलोड भी कर सकते हैं।
आप भी एकदम से नई तकनीकी पर आईये और मोबाईल पर बेहतरीन रफ्तार का मजा यूसीब्राउजर (UCBrowser) से उठाइये। इस ब्राउजर (UCBrowser) को आप http://www.ucweb.com/ वेबसाईट से डाउनलोड कर सकते हैं।
ब्लॉगिंग (Blogging) के 10 वर्ष पूर्ण.. बहुत सी बातें और बहुत सी यादें
ब्लॉगिंग (Blogging) की शुरूआत के अनुभव (भाग १)
ब्लॉगिंग (Blogging) की शुरूआत के अनुभव (भाग २)
ब्लॉगिंग की शुरूआत के अनुभव (भाग ३)
एफ.एम. रेडियो की टीआरपी बढ़ाते भद्दे से कार्यक्रम
आजकल रेडियो पर भी काम की बात कम और बेकार की बातें ज्यादा होती हैं, कोई किसी को मुर्गा बनाता है तो कोई किसी का उल्लू बना रहा है और पूरी दुनिया के सामने उसका मजाक करके इज्जत का जनाजा अलग निकालते हैं। किसी किसी कार्यक्रम में तो केवल टूँ टूँ की ही आवाज आती है और ये रेडियो वाले भी जानबूझकर पहला शब्द सुना देते हैं कि सुनने वाला खुद ही अंदाजा लगा ले कि कौन सी गाली बकी गई है, इन सबमें ऐसा नहीं कि लड़कियों और महिलओं से परहेज किया जाता है, जो लड़कियाँ और महिलाएँ गाली बकती हैं, उनसे बातों को और लंबा खींचा जाता है जिससे कि कार्यक्रम के श्रोताओं की संख्या बड़ती जाये और उनके इस तरह के कार्यक्रमों से उनकी टीआरपी बड़ती जाये।
लगभग सारे एफ.एम. चैनलों में इस तरह के कार्यक्रमों की बाढ़ सी आई हुई है, और इन कार्यक्रमों को रिकार्ड करके ये लोग अब यूट्यूब चैनलों पर भी अपलोड कर रहे हैं, यूट्यूब चैनलों पर हिट्स से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये कार्यक्रमों कितने लोकप्रिय हो रहे हैं। कुछ ही एफ.एम. चैनलों पर बहुत ही अच्छी जानकारियों के बारे में बताया जाता है, कि कोई एन.जी.ओ. कितना अच्छा कार्य कर रहा है या फिर किसी एक व्यक्ति के द्वारा उठाये गये कदमों से समाज को कितना फायदा हो रहा है, सामाजिक कार्यों की प्रगति के बारे में कम ही बताया जाता है।
इस तरह से हमें आजकल के श्रोताओं की मानसिक विकृति के बारे में भी समझ में आता है, आम जनता ऑफिस से घर आते जाते समय अपने आप को इस तरह के कार्यक्रमों में संलिप्त करके अपने आप को मनोरंजित भी महसूस करते होंगे। कई बार ऐसी परिस्थितियां भी आ जाती हैं कि उसमें या तो हमें एफ.एम. रेडियो चैनलों को बदलना पड़ता है या फिर रेडियो को बंद ही करना पड़ता है, कई बार अपने मूड को शायद हल्का महसूस करने के लिये सभी लोग इस तरह के कार्यक्रमों को सुनना पसंद करते हैं।
एक बार शुरूआत में मैं भी एक कार्यक्रम सुन रहा था, हमारे बेटेलाल भी सुन रहे थे, उन्हें भी हँसी आ रही थी क्योंकि बातें ही मजेदार तरीके से की जा रही थीं, पर जब बार बार टूँ टूँ की आवाज आने लगी तो हमें समझ आया कि ये गालियों को मनोरंजन में मिश्रित करके कार्यक्रम करने का एक तरीका है, अब हालात यह है कि हम केवल कहानियाँ या गाने सुनने के लिये ही रेडियो बजाते हैं, इस तरह के फूहड़ कार्यक्रम आते ही रेडियो बंद कर दिया जाता है। हमारे बेटेलाल को भी टूँ टूँ की आवाज से बहुत बैचेनी होती है और हमें पूछते हैं कि डैडी यह क्या कह रहे हैं और हमारे पास कोई उत्तर नहीं होता है।
एफ.एम. चैनलों से जितने गाने सुनने को मिलते हैं उतनी ही गालियाँ भी सुनने को मिलती हैं, अब हालात यह है कि रेडियो भी सोच समझ कर सुनना पड़ता है, जिससे कि हमें अपने परिवार के सामने ही शर्मिंदगी न उठानी पड़े । पता नहीं हमारे अधिकतर एफ.एम. चैनलों को अच्छे कार्यक्रम देने की समझ कब आयेगी।
जीवनशैली को प्रभावित करने वाले तीन बेहतरीन फीचर
जब से नयी तकनीक हमारे जीवन में आयी हैं फिर भले ही वे मनोरंजन के लिये हो या कार्य के लिये परंतु हमारे जीवन में निखार आया है। हमारे जीवनशैली भी तकनीक के अनुरूप बदल गयी है। पहले जिन चीजों की जरूरत हमें नहीं होती थी, वे सारी चीजें अब हमारे जीवन के लिये बेहद ही महत्वपूर्ण हो गयी हैं। अब उन तकनीकी चीजों के कार्य में बने रहने के लिये भी हमें उनसे जुड़ी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे कि डी.टी.एच. रिजार्ज करवाना, मोबाईल रिचार्ज करवाना, या फिर अपने पोस्टपैड मोबाईल से कितने कॉल कर लिये हैं और कितने फ्री बचे हैं और कितना उपयोग कर सकते हैं। यह सब आधुनिक तकनीक ने जादुई छड़ी जैसा एक एप्प हमें दे दिया है, जिससे हम ये सारी चीजें कहीं भी याने कि घर, ऑफिस, बाजार या संडास कहीं पर भी बैठकर रिचार्ज कर सकते हैं, अपने मोबाईल कॉलिंग के उपयोग देख सकते हैं।
पहले जब टीवी आया था, तब हम लोग एँटीने को हिला हिलाकर छत से चिल्लाते थे, अब साफ दिखाई दे रहा है, पर तब भी कई बार हमें टीवी साफ दिखाई नहीं देता था, और चैनल एक ही आता था वो था दूरदर्शन । फिर धीरे धीरे अस्तित्व में केबल वाले आये और अपने साथ लाये चैनलों से उन्होंने सैंकड़ा पार कर दिया, हम एक चैनल वालों को सौ चैनल देखने को मिल जाये तो फिर क्या बात है, पर सबसे बड़ा भ्रम यही होता था कि कौन सा चैनल देखें, पता नहीं कितनी ही फिल्में हमने कितनी बार रिपीट की हैं, हमें लगता है कि हमने जिस बदलते तकनीकी युग को देखा है, जिया है, जो कि हमारे जीवन शैली को प्रभावित करता है, वह शायद ही अब आगे की पीढ़ी देख पायेगी, ऐसा नहीं है कि अब बदलाव नहीं है, बदलाव है, परंतु अब लगभग बहुत कुछ स्थिर सा हो चुका है, ठहर चुका है।
मोबाईल और डी.टी.एच. के लिये एयरटेल ने नई एप्प गूगल प्ले स्टोर पर लोकार्पण की है, यह एप्प अभी केवल एन्ड्रॉयड के लिये उपलब्ध होगी, आई फोन के आई ओएस के लिये अभी इसे आने में समय है। ज्यादा जानकारी यहाँ http://www.airtel.in/myairtel से भी ली जा सकती है।
सबसे पहले तो इस एप्प में अपना एयरटेल का नंबर रजिस्टर करवाना पड़ता है और फिर हम एप्प के अंदर पहुंच पाते हैं। मुझे ये तीन फीचर्स एप्प के बहुत अच्छे लगे जो कि मेरी लाईफ स्टाईल को सूट भी करती है –
- डी.टी.एच. रिचार्ज करवाना – जब मैंने डी.टी.एच. लिया था तब ऑनलाईन की भी सुविधा उपलब्ध नहीं थी, मोबाईल से रिचार्ज की तो बात ही छोड़ दें, तब बाजार से स्क्रेच कार्ड लाकर रिचार्ज करवाना होता था। अब इस एप्प से चुटकी में डी.टी.एच. रिचार्ज हो जाता है।
- मोबाईल रिचार्ज करवाना या बिल भरना – मेरे जीवन में सबसे बड़ी समस्या यही है कि एक पोस्टपैड और एक प्रीपैड नंबर है मेरे पास, और बस उनके बिल या रिचार्ज के दिन याद रखो, इस एप्प से अब मैं कम से कम मोबाईल से ही यह सारे काम कर सकता हूँ।
- अपने उपयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना – पहले तो केवल अपने उपयोग तभी पता चलते थे जब बिल आता था, अब हमें इस एप्प से ही जानकारी मिल जाती है।
आसुस जेनफोन 2 से अपने स्मार्टफोन के अनुभव को चार चाँद लगायें
जब से स्मार्टफोन उपयोग करना शुरू किया है तब से अब तक हमने बहुत कुछ अनुभव किया और ऐसा लगता रहा कि काश हमारा यह अनुभव ओर अच्छा होता, हम जो भी चीज चाहें वह हमारे हिसाब से ही काम करे, कम्पयूटर की दुनिया में यह संभव है कि कुछ चीजों को अलग से लगाकर आप अपने अनुभव को अपने कार्य करने के तरीके को उत्कृष्ट बना सकते हैं, पर छोटे से मोबाईल की दुनिया में यह कठिन ही नहीं हमेशा मुझे नामुमकिन लगा, और अभी भी असंभव ही लगता है, कई बार ऐसा लगा कि काश मेरा विन्डोज फोन को मैं ऑपरेटिंग सिस्टम एन्ड्रॉयड भी संस्थापित कर पाता, हालांकि अभी तक यह मेरी सोच ही है, अभी तक यह हार्डवेयर डिपेन्डेन्ट होने के कारण संभव भी नहीं हो पाया है।
स्मार्टफोन में सबसे बड़ी समस्या है बैटरी बहुत ही जल्दी खत्म होती है, और 3जी चलाने पर तो ऐसा लगता है कि किसी ने बैटरी के पानी के सारे नल एकसाथ खोल दिये हैं, और फिर से बैटरी चार्ज करने में लगने वाला ज्यादा समय और ज्यादा परेशानी का सबब है। हमारा स्मार्टफोन हमेशा ही बहुत सारी एप्प से भरा रहता है और हम हमेशा कई सारी एप्प का उपयोग एक साथ करते हैं, तो हमारा स्मार्टफोन का उपयोग करने का अनुभव हमेशा ही खराब रहता है और हम देखते हैं कि हमारा स्मार्टफोन या तो धीमा काम करने लगा है या फिर हैंग हो गया है और हमेशा ही यह अनुभव तकलीफदेह होता है। हमेशा ही मेरा बेटा फोन पर गेम्स खेलने का शौकीन रहा है और हमेशा ही मुझे शिकायत करता है कि डैडी यह स्मार्टफोन बेकार है, हमेशा ही मेरे गेम्स खेलने के बीच में ही हैंग हो जाता है या फिर इसका वीडियो खराब हो जाता है, इसका वीडियो गड़बड़ा जाता है, क्योंकि इसकी रैम बहुत कम है।
मोबाईल के जमाने में सेल्फी तो बनती ही है, और अगर फ्रंट कैमरा ठीक न हो तो सेल्फी भी अच्छे नहीं आते हैं, और अब अलग से कैमरा ले जाने का जमाना भी नहीं है, अगर कहीं घूमने भी गये तो पूरा ट्रिप हम अब कैमरे से ही शूट करते हैं, इस काम के लिये हमारे मोबाईल का कैमरा भी अच्छा होना चाहिये, जिससे हमारी यादें आगे के लिये हम सहेज सकें।
मुझे ऐसा लगता है कि आसुस जेनफोन 2 मेरे स्मार्टफोन के अनुभव को एक नया ही अवतार देने में सक्षम है और इसके लिये ये पाँच मुख्य फीचर आसुस जेनफोन 2 के हैं –
- आसुस जेनफोन 2 में 4 जीबी रेम है तो मेरा गेमिंग अनुभव और वीडियो का अनुभव बहुत ही अच्छा होगा।
- बैटरी खत्म होने के बाद केवल 39 मिनिट में ही 60 प्रतिशत बैटरी चार्ज हो जायेगी। जिससे मेरी जिंदगी ज्यादा आसान हो जायेगी।
- अब मैं बिना फ्लेश के भी अँधेरे में साफ फोटो ले सकता हूँ, क्योंकि यह 400 प्रतिशत ज्यादा ब्राईटन के साथ रात में फोटो खींच सकता है।
- 2.3 GHz के प्रोसेसर से मेरे सारे एप्प बहुत ही तेज रिस्पाँस देंगे और मेरा स्मार्टफोन अनुभव बहुत ही उम्दा होगा। मेरा वीडियो भी अच्छा दिखेगा।
- रियर कैमरा 13 मेगा पिक्सल और फ्रंट कैमरा 5 मेगा पिक्सल होने से मेरे सेल्फी बहुत ही अच्छे और मेरे ट्रिप के सारे फोटो अच्छे आयेंगे।
तो बस अब मुझे है इंतजार आसुस जेनफोन 2 के लांच होने का, और मैं अपने स्मार्टफोन के अनुभव को और परिष्कृत कर सकूँगा।
स्पोर्ट शूज कैसे चुनें (How to select sport shoes)
हमें जूते लिये हुए 6 महीने से ज्यादा हो गये थे और फिर तभी स्नैपडील पर प्यूमा के अच्छे जूतों को देखा तो हमने अपने आप को प्यूमा का स्पोर्ट शूज गिफ्ट कर दिया, अब हमारा प्रात भ्रमण हमारे नये जूते के साथ होता है। हमारे पैरों के तलवों को फिर से वही कम्फर्ट लेवल मिल गया है जो कि 6 महीने पहले हमें नये जूतों में मिला था। तो ताजा प्राणवायु लेना हमारे दिल की बात है जिसे पूरा किया स्नैपडील ने । दिल की डील स्नैपडील से।
हर इंडियन का सपना डिजिटल इंडिया (DigitalIndia)हो अपना
सूचना क्रांति के इस आधुनिक युग में #DigitalIndia सपना नहीं होना चाहिये, सूचना क्रांति को अपना काम करने का हथियार बनाना चाहिये। हमें वैश्विक स्तर पर मुकाबले में खड़े रहना है तो हमें हर जगह सूचना क्रांति का उपयोग करना होगा और पूरा भारत डिजिटलइंडिया करना होगा।
सरकारी तंत्र के कार्य संसाधन को मानवीय से हटाकर सबसे पहले डिजिटाईज करने की जरूरत है, सही जानकारी या फाईलें अधिकारियों के पास पहुँच ही नहीं पाती हैं और न ही उन्हें पता होता है कि कितनी फाईलें उनके अनुमोदन या स्वीकृति का इंतजार कर रही हैं। जब सारे कार्य डिजिटाईज हो जायेंगे तो उन्हें भी पता होगा कि कितनी फाईलें लंबित हैं और उनको स्वीकृति में लगने वाले समय के हिसाब से कम से कम सरकारी अधिकारी अपने भरपूर समय कार्य को दे पायेंगे।
मॉडल कुछ ऐसा बना सकते हैं DigitalIndia
- जनता अपने फॉर्म ऑनलाईन ही भरे और या तो अपने कागजात सत्यापित कर स्कैन करके अपलोड करे या फिर पहचान पत्र का कोई पासवर्ड हो जिससे वह अपने आई.डी. को सत्यापित कर सके।
- ग्राहक सेवा केन्द्र में ग्राहक सेवा ऑपरेटर हर चीज को वेरीफाय कर ले, और अगर किसी और दस्तावेज की जरूरत है तो उसकी डिमांड जनरेट कर दे, जिससे ईमेल और एस.एम.एस. से उसके पास तत्काल सूचना मिल जाये।
- अगर सारे दस्तावेज जाँच लिये गये हों तो वह फाईल ग्राहक सेवा ऑपरेटर अगले पढ़ाव याने कि उस डिपार्टमेंट के सक्षम अधिकारी की क्यू में लगा दे, अधिकारी के पास तत्काल ही डेशबोर्ड पर नोटिफिकेशन चला जाना चाहिये। जैसे ही सक्षम अधिकारी सारी सूचना को वैरीफाय कर दे तो परिचय पत्र तत्काल अपने आप ही जनरेट हो जाना चाहिये।
- परिचय पत्र जनरेट करने के बाद सिस्टम सॉफ्टवेयर खुद ही ऑटोमेटेड प्रोसेस से आवेदक के ईमेल पते पर भेज दे और मोबाईल पर एस.एम.एस. भेज दे।
उपरोक्त मॉडल के फायदे होंगे कि सरकारी स्तर पर फिर से किसी भी सूचना को डिजिटाईज नहीं किया जायेगा, जिससे कोई भी काम पेडिंग नहीं होगा, और आवेदक को लॉग के जरिये पता भी रहेगा कि उसके कार्य की कितनी प्रगति हुई है, जिससे सरकारी कार्यॆं मे जनता के सामने सरकार की पारदर्शिता भी आयेगी। जिन लोगों के पास कंप्यूटर की पहुँच नहीं है या कंप्यूटर चलाना नहीं आता है, उन लोगों के लिये सरकार निजी कंपनियों के सहयोग से एक एक कंप्यूटर लगाकर छोटे छोटे सेन्टर शहरों एवं गाँवों में कई स्थानों पर खोल सकती है जिसके लिये आवेदक को नाममात्र की फीस चुकानी होगी।
इसके लिये सरकार को क्लाऊड एवं एनालिटिक्स तकनीक का सहारा लेना होगा, क्लाऊड के जरिये अथेंटिकेशन के बाद सीमित या असीमित जानकारी प्राप्त कर सकता है। क्लाऊड प्राईवेट हो या पब्लिक, उसके हर यूजर का अथेंटिकेशन हो और लॉग जनरेट होते रहना चाहिये, जो कि सुरक्षा के लिये बेहद ही अहम है। सक्षम अधिकारियों को जो कि हर जानकारी को एक्सेस कर सकते हैं उनके लिये आर.एस.ए. टोकन कोड के जरिये लॉगिन करने का प्रावधान होना चाहिये, जिससे कि कोई भी उनके लॉगिन को हैक न कर पाये।
ई-गोवर्नेंस में चार चाँद लग जायेंगे अगर हर चीज ऑनलाईन हो जायेगी, किसी चीज के खोने का डर नहीं, हम अपना परिचय पत्र या कोई भी आई.डी. अपने मोबाईल पर रखकर चल सकते हैं, जिससे पर्यावरण की रक्षा तो होगी ही और साथ ही परिचय पत्र जारी करने की गति तेज होगी, लागत कम हो जायेगी एवं सबके समय की बचत होगी। ई-गोवर्नेंस में DigitalIndia के लिये इन्टेल कंपनी भारत सरकार की मदद कर रही है।
नई शुरूआत मोटो ई के साथ
हमेशा दुनिया में आदमी को नया सीखने की चाहत होती है, और हर कोई नई तकनीक को अपनाना चाहता है जिससे वह भी सभ्य समाज में जाना जाये और उसकी समाज में अच्छी पहचान बने । समाज में उसे जाना जाये और कोई भी नई तकनीक में विशेषज्ञता हासिल हो तो समाज हमेशा से ही उन व्यक्तियों को अलग ही पहचान देता है। जब से मोबाईल आम हाथों में आया है या यूँ कहें कि विलासिता की श्रेणी से मोबाईल हर व्यक्ति के जीवन की जरूरत बन गई है तब से मोबाईल क्षैत्र मे क्रांति आ गई है। पहले मोबाईल फोन कुछ ज्यादा ही भारी होते थे, जो कि केवल मैसेज और कॉल करने तक ही सीमित थे। पर जब इसी मोबाईल में कुछ और सुविधाएँ आ गईं तब से मोबाईल में एक से एक फीचर आने लगे।
के लिये 32 जीबी की बाहरी मैमोरी तक का समर्थन है। इसमें 1 जीबी रैम होने से मुझे हर एप्प में अधिकतम रफ्तार मिलेगी और फोन हैंग भी नहीं होगा और मैं इससे वीडियो भी रिकार्ड कर पाऊँगा। इसमें एक्सेलेरोमीटर, लाईट सेन्सर और प्रोक्सीमिटी सेन्सर होने से मेरे इस टच स्क्रीन फोन का मजा दोगुना हो जायेगा। फोन का वजन मेरे पहले वाले फोन से बहुत कम है और इसकी बनावट भी बहुत अच्छी है।
आसुस जेनफोन मोबाईल जिसमें हैं मेरी वेलेन्टाइन के सारे गुण
लोग तो हर वेलन्टाईन पर नयी प्रेमिका के साथ दिखाई देते हैं, खैर जो है उसे वैसा ही रहने देते हैं, हम दुनिया को बदलने की कोशिश न ही करें, क्योंकि यह नितांत व्यक्तिगत मामला है और हमें उस बारे में बात नहीं करनी चाहिये, क्योंकि वाकई यह बात कुछ लोगों के ऊपर बिल्कुल सटीक होती है। वैसे मेरी नई प्रेमिका है आसुस जेनफोन A601CG Gold और इसके मुख्य पाँच कारण हैं –
1. सुनहरा रंग – जी हाँ सुनहरा रंग आखिर दिखने में अच्छा लगता है, दूर से ही आकर्षण पैदा करता है, कहीं भी दूर से ही कोई भी देखकर पहचान सकता है। और मुझे तो दूर से ही देखकर लगने लगता है कि वाह मेरी प्रेमिका मुझे दिख रही है, और वह भी बिल्कुल केवल मेरी क्योंकि इस रंग का कोई और फोन कहीं भी किसी के पास मिलेगा ही नहीं और दूसरे की प्रेमिका से रश्क तभी होता है जब उसमें कुछ खास होता है। और कोई भी देखकर ही कहे कि भाई ये तो उसकी प्रेमिका है।
2. पतला और अच्छा दिखना – मोबाईल तो वही अच्छा होता है जिसे कोई भी परिचित देखे और कम से कम एक बार अपने हाथ में लिये बिना न रह सके, और अपरिचित लालच भरी नजरों से देखता रहे, कि एक बार जेब में हम मोबाईल रखें तो वह केवल इस बात का इंतजार करता रहे कि कब ये जेब से फोन निकाले और कब उसके दर्शन हों। आसुस जेनफोन को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह तकनीक और बनावट का एक सम्पूर्ण मिश्रण है।
3. 13 एवं 2 मेगापिक्सेल का कैमरा – जब मैं तैयार होऊँ तो मैं कैसा दिखूँगा, वह मैं कैमरे की नजरों से देखना पसंद करता हूँ, और जब मैं किसी का भी फोटो खींचू तो कम से कम पिक्सेल टूटें और फोटो सुस्पष्ट, दोष रहित हो । वीडियो चैटिंग में तो यह किसी भी तरह से बेमिसाल होगा, लोग मेरी वीडियो क्वालिटी देखकर ही सोचते रहेंगे कि मैं आखिरकार कौन सा फोन उपयोग में लाता हूँ कि मेरी वीडियो इतनी साफ है।
4. 16 जीबी आंतरिक और 64 जीबी बाहरी मैमोरी – आजकल बहुत ही बड़े बड़े एप्प बाजार में आ रहे हैं, और बाहरी मैमोरी में स्टोर होने से फोन की गति अत्यंत धीमी हो जाती है, पर इस फोन में 16 जीबी आंतरिक मैमोरी होने से फोन की गति तीव्र रहती है, और किसी भी कार्यवाही की प्रतिक्रया काफी तेज होती है। यहाँ तक कि इस फोन की स्क्रीन 6 इंच है पर किसी भी एप का गतिप्रदर्शन लाजबाब होता है।
5. 3300 mAh बैटरी और 3 जी – आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में जैसे हम अपने आप को सोकर चार्ज करते हैं वैसे ही फोन को भी उसकी जरूरत होती है, पर हमारी बैटरी से इस फोन की बैटरी जबरदस्त ताकतवर है और 6 इंच का फोन और लगातार 3 जी के उपयोग होने के बावजूद इसकी बैटरी काफी चलती है और कभी भी बीच में धोखा नहीं देती है।
जब इतनी जबरदस्त मोबाईल फोन रूपी मेरी प्रेमिका होगी तो अपना रंग और ढंग भी बदल जायेगा, दुनिया देखेगी कि वो देखो आसुस जेनफोन A601CG Gold उसकी वेलेन्टाइन है।