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भाग ३ – आपको यूलिप (ULIP) के बारे में क्या क्या पता होना चाहिए… ? यूलिप क्या होता है.. [What is ULIP.. Part 3]

यूलिप लेते समय कौन सी बातों पर ध्यान देना चाहिये

जब भी आप कोई भी ब्रोशर देख रहे हों यूलिप बीमा खरीदने के लिये, हमेशा कुछ चीजों को ध्यान से देखना चाहिये जो कि निम्न हैं –

  • सभी प्रकार के शुल्क जो कि योजना के तहत काटे जाने हैं
  • समय से पहले धन की निकासी होने पर शुल्क
  • सुविधाएँ और लाभ
  • क्या क्या बीमे में कवर किया गया है और क्या नहीं
  • लेप्स होने पर इसके क्या नुकसान हैं
  • अन्य प्रकटीकरण (Other Disclosures)
  • उदाहरण जो कि देय लाभ को प्रदर्शित करते हैं उसे ६% और १०% दोनों स्थितियों में रिटर्न की गणना कर लें।

यूलिप के लाभ

यूलिप के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं –

  • बीमा और निवेश, यह आपकी दोनों आवश्यकताओं का ध्यान रखता है।
  • आपको अपने निवेशों का प्रबंधन करने की जरुरत नहीं होती है।
  • यूलिप आपको अपने धन को जिस प्रकार चाहें उस प्रकार से चुन सकते हैं, इसकी पूरी आजादी होती है।
  • सामान्य बीमा योजनाओं के विपरीत, इसमें आप अपने प्रीमियम की राशि को बड़ा भी सकते हैं, अगर आप के पास अतिरिक्त धन होता है तो आप इसके द्वारा अतिरिक्त लाभ ले सकते हैं।
  • यूलिप में निवेश के परिवर्तन का विकल्प (Switching Option) भी उपलब्ध होता है| यह आपको अपने निवेश को विभिन्न कोषों में स्विच करने का विकल्प देता है, जो कि आप अपने विवेक से बाजार के उतार चढ़ाव और अपने पसंद के अनुसार स्विच कर सकते हैं।

भाग २ – आपको यूलिप (ULIP) के बारे में क्या क्या पता होना चाहिए… ? यूलिप क्या होता है.. [What is ULIP.. Part 2]

यूलिप की विशेषताएँ –

   यूलिप बीमा और निवेश का संयोजन है। निवेशक के कुल निवेश में से एक भाग से जीवन की सुरक्षा प्रदान की जाती है और बची हुई पूरी राशी यूनिट फ़ंड में निवेश कर दी जाती है। यूलिप की राशि का यूनिट एक तत्व होती है। जैसे कि म्यूचयल फ़ंड में, वैसे ही बीमा कंपनियाँ यूलिप में निवेशकों को यूनिट आवंटित करती हैं और शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (NAV) की दैनिक आधार पर घोषणा की जाती है। यूलिप में निवेश की गई राशि का प्रदर्शन आपके द्वारा चुनी गये कोष के ऊपर निर्भर करता है।

   यूलिप की कुछ अद्वितीय विशेषताएँ भी हैं, जो अन्य किसी निवेश उत्पाद में उपल्ब्ध नहीं होती है। यूलिप की कुछ विशेषताएँ –

  • टॉप अप सुविधा
  • स्विचिंग सुविधा (कोष को इक्विटी या डेब्ट में स्विच करना)
  • बीमा अवधि के दौरान, सुरक्षा के स्तर को कम या ज्यादा कर सकते हैं।
  • बीमा सुरक्षा आवरण बनाये रखने का विकल्प
  • निवेश को समय पूर्व निकास (Surrender Option)
  • राइडर्स विकल्प जो कि आपकी मुख्य पॉलिसी के विशेषताओं के साथ मिल सकता है, जो कि अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।

यूलिप में निवेश राशि को विभिन्न प्रकार के कोषों में रखने का विकल्प

   ज्यादातर बीमा कंपनियाँ विभिन्न प्रकार के कोषों में निवेश रखने का विकल्प देती हैं, जिससे निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सके और जिसमें कि समय और जोखिम आप खुद आपके निवेश के लिये तय कर सकते हैं। रिटर्न की राशि का सीधा संबंध आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है, क्योंकि यहाँ पर विभिन्न प्रकार के कोष हैं, जिसे निवेशक ही चुनता है। सामान्यत: जो कोष सबसे ज्यादा उपयोग किये जाते हैं वे इस प्रकार हैं –

  • इक्विटी कोष (Equity Funds)
  • संतुलित कोष(Balanced Funds)
  • फ़िक्स्ड ब्याज जौर बॉन्ड कोष(Income, Fixed Interest and Bond Funds)
  • नकद कोष(Cash Funds)

भाग १ – आपको यूलिप (ULIP) के बारे में क्या क्या पता होना चाहिए… ? यूलिप क्या होता है.. [What is ULIP.. Part 1]

    यूलिप लेने पर बीमा धारक को प्रारंभिक वर्षों में ज्यादा पॉलिसी शूल्क देने पड़ते हैं। आबंटन प्रभार, फ़ंड प्रबंधन शुल्क, मोर्टेलिटि चार्जेस इत्यादि शुल्क यूलिप को महँगा बना देते हैं।  इसके अलावा बाजार में उतार चढ़ाव के कारण इसमें किये गये निवेश के शुरु के वर्षों में अपेक्षाकृत कम रिटर्न मिलता है। लेकिन धीरे धीरे शुल्क की संरचना से शूल्क कम होते जाते हैं, पहले तीन वर्षों में शुल्क ज्यादा कटते हैं। आईआरडीए ने यूलिप की फ़ीस का जो नया तरीका बनाया है जिससे यह और अधिक आकर्षक हो गई है। इसके अंतर्गत बीमा कंपनियाँ १० वर्ष से कम के बीमा निवेश पर ३% से ज्यादा, और १० वर्ष से ज्यादा के बीमा निवेश पर २.२५% से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकती हैं। लंबी अवधि के बाद यूलिप से आप अपने निवेश पर अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करते हैं।

   जैसा कि हम सब लोग जानते हैं कि बाजार में निवेश के लिये वित्तीय उत्पाद आते ही जा रहे हैं। इन उत्पादों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है, १. जिससे उपभोक्ता को लाभ मिलता हो और २. जिससे एजेंट को लाभ मिलता हो। जैसे जैसे  वित्तीय उत्पादों की संख्या बाजार में बढ़ती जा रही है, वित्तीय उत्पाद खरीदना उतना ही जटिल होता जा रहा है, क्योंकि यह समझना बहुत मुश्किल होता जा रहा है कि कौन सा वित्तीय उत्पाद अच्छा है और कौन सा बुरा।

यूलिप क्या है –

   यूलिप का मतलब है यूनिट लिंक्ड बीमा योजना। यूलिप प्लॉन एक ऐसा वित्तीय उत्पाद है जो कि बीमे के द्वारा आपको सुरक्षा तो प्रदान करता ही है साथ में आपको निवेश का सुनहरा अवसर भी प्रदान भी करता है। यह एक अनूठा उत्पाद है जो कि आपकी बीमा और निवेश की आवश्यकताओं को एकीकृत रुप में उपलब्ध करवाता है। इसकी संरचना म्यूचयल फ़ंड के समान है, देखिये यह कैसे कार्य करता है –

  • आप बीमा कंपनी एक निश्चित आवधिक प्रीमियम भुगतान करते हैं।
  • प्रीमियम के एक हिस्से से आपको बीमा कवर दिया जाता है।
  • और बचा हुआ प्रीमियम इक्विटी या सुरक्षित बांड(Debt Market) में निवेश कर दिया जाता है।
  • बीमा धारक की मृत्यु की स्थिती में, बीमा राशि का भुगतान नोमिनी को कर दिया जाता है।
  • पॉलिसी की परिपक्वता पर पॉलिसी की परिपक्वता राशि बीमा धारक को प्रदान कर दी जाती है।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ७ (What is Term Insurance…) Part 7

टर्म जीवन बीमा योजना लेने के लिये जो राशि आपने खर्च की है उस राशि पर आपको आयकर की धारा ८०(सी) के तहत छूट मिल जायेगी।

और बची हुई राशि जो कि आमतौर पर हम लोग इंश्योरेन्स के लिये निवेश करते हैं, उसे अच्छे म्यूचयल फ़ंड में या अच्छे शेयर में निवेश करें, तो आपको लंबे समय में बेहतर रिटर्न मिलेंगे।

टर्म इंश्योरेन्स के बारे में पूरा पढ़ने के लिये पिछली पोस्टें देखें, पोस्टों पर जाने के लिये नीचे लिंक दी गई है, चटका लगाईये –

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग १ (What is Term Insurance…) Part 1

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग २ (What is Term Insurance…) Part 2

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ३ (What is Term Insurance…) Part 3

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ४ (What is Term Insurance…) Part 4

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ५ (What is Term Insurance…) Part 5

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ६ (What is Term Insurance…) Part 6

 

संबंधित चिट्ठे पढ़ें –

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ६ (What is Term Insurance…) Part 6

जब टर्म जीवन बीमा योजना का चुनाव करें तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिये –

१. सबसे पहले यह समझ लेना चाहिये कि टर्म जीवन बीमा योजना क्या होती है, इसके क्या लाभ होते हैं, यह कैसे कार्य करती है वगैरहा।

२. सभी जीवन बीमा कंपनियाँ एक जैसी नहीं होती हैं सबकी वित्तीय स्थिती अलग अलग होती हैं, जिस भी कंपनी का जीवन बीमा लेने जा रहे हैं पहले बाजार में उसकी वित्तीय स्थिती का आकलन कर लें, उसकी बाजार में प्रतिष्ठा कैसी है, वह किस समूह से ताल्लुक रखती है इत्यादि।

३.  आम जीवन बीमा से टर्म जीवन बीमा बहुत सस्ता होता है। यह सस्ता इसलिये होता है कि ये योजनाएँ इस तरह से तैयार की गई हैं कि आप एक निश्चित अवधि के लिये ही बीमित होते हैं। अगर आप अपनी पूरी जिंदगी अपने जीवन का बीमा चाहते हैं और भुलक्कड़ हैं तो टर्म जीवन बीमा योजना आपके लिये नहीं है, आप साधारण जीवन बीमा ही लें।

४. टर्म जीवन बीमा योजना बहुत बढ़िया है अगर आप अपने परिवार और घर के लिए मृत्यु के बाद की सुरक्षा चाहते हैं। अगर आप के पास गृह ऋण है तो आप केवल ऋण राशि का भी टर्म जीवन बीमा करवा सकते हैं। जिससे अगर समय के पहले गृह स्वामी की मौत की स्थिती में बीमित के परिवार को अपना घर नहीं गँवाना पड़ेगा। बीमा कंपनी बीमित की मौत की स्थिती में पूरा गृह ऋण चुका देगी।

५. हमेशा ऐसी योजना देखे जिसमें नवीनीकरण की गारंटी हो, मतलब कि अगर भविष्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या अगर हो जाये तो बीमा कंपनी नवीनीकरण के लिये इंकार न कर दे। अगर आप इस तरह की गारंटीकृत नवीनीकरण वाली योजना खरीदते हैं तो अगर भाविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर भी आपका बीमा नवीनीकरण किया जा सकेगा।

६. परिवर्तनीय योजनाओं वाला जीवन बीमा खरीदें, अगर भविष्य में कोई और अच्छी योजना आती है तो आप अपनी इस जीवन बीमा योजना को उस योजना के लिये स्विच कर पायें, अगर किसी टर्म जीवन बीमा योजना में यह सुविधा उपलब्ध होती है तो वही लेना चाहिये, नहीं तो आपको वही योजना पूरी बीमा अवधि  रखनी होगी।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ५ (What is Term Insurance…) Part 5

टर्म जीवन बीमा योजना की कमियाँ –

१. आयु के साथ प्रीमियम भी बड़ जाती है।

२. अस्थायी सुरक्षा ।

१. आयु के साथ प्रीमियम भी बड़ जाती है।

टर्म जीवन बीमा योजना  में बीमा धारक को ज्यादा प्रीमियम अदा करना होती है, जैसे जैसे उसकी उम्र ज्यादा होती है, इसीलिये यह योजना जितनी जल्दी हो सके ले लेना चाहिये। और ज्यादा उम्र में टर्म जीवन बीमा योजना लेने पर परेशानी हो सकती है कि आप हर वर्ष ज्यादा प्रीमियम अदा न कर पायें। इसके साथ ही बीमा धारक को अपनी कुछ और भी प्रतिबद्धताएँ पूरी करनी हो या फ़िर अप्रत्याशित रुप से भी धन की जरुरत पड़ सकती है। इसलिये सस्ती प्रीमियम केवल एक मिथक है ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों के लिये क्योंकि हो सकता है कि व्यक्ति इतनी प्रीमियम देने में सक्षम ही न हो वो भी हर वर्ष।

२. अस्थायी सुरक्षा –

टर्म जीवन बीमा योजना में बीमा धारक को स्थायी जीवन बीमा योजना जैसी सुरक्षा नहीं है, यह जीवन बीमा मृत्यु का जोखिम केवल बीमा अवधि के लिये ही कवर करती है। इस टर्म जीवन बीमा योजना में अगर बीमा धारक समय पर अपना बीमे का नवीनीकरण नहीं करवा पाया और फ़िर उसे नई टर्म जीवन बीमा योजना महँगी प्रीमियम पर खरीदनी पड़ेगी। और अगर बीमा धारक की मृत्यु उस बीमित अवधि में नहीं होती है तो बीमा कंपनी प्रीमियम का भरा हुआ पैसा वापिस नहीं करेगी।

इस तरह के बीमा बहुत अच्छे होते हैं, विशेषकर तब जब बीमा धारक प्रीमियम के लिये उस बड़ी राशि का इंतजाम न कर पाये पर उसे बड़े बीमा की बहुत ज्यादा जरुरत होती है। टर्म बीमा योजना के लिये कोई उपयुक्त समय नहीं होता है, वह १, ५, १० या १५ और ३० साल तक के लिये हो सकता है। बीमा धारक को उसकी बीमा अवधि चुननी होती है जितने भी समय के लिये वो बीमित रहकर अपने परिवार को सुरक्षा प्रदान करना चाहता है।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ४ (What is Term Insurance…) Part 4

टर्म जीवन बीमा के फ़ायदे सामान्य बीमा से ज्यादा हैं।

टर्म जीवन बीमा के के निम्नलिखित फ़ायदे हैं –

१. ऋण को खत्म करने में मदद करता है

२. लचीली अवधि

३. सस्ती

४. निवेश

५. विशेष आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिये उपयुक्त एवं संतोषजनक

१. ऋण को खत्म करने में मदद करता है –

आमतौर पर ऋण लम्बी अवधि में देय होते हैं। जब एक बीमा धारक कार या घर या अन्य किसी चल या अचल संपत्ती के लिये ऋण लेता है तो उसके लिये  ऋण को एक निश्चित अवधि में चुकाने की जिम्मेदारी होती है । इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि सावधि ऋण को चुकाने के लिये उसके आश्रितों के पास पर्याप्त नगद होगा, बीमा धारक की अप्रत्याशित मौत अगर उस बीमा अवधि में  हो जाती है तो उसके आश्रितों को डरने वाली बात नहीं है बीमा कंपनी उस ऋण को चुका देगी।

२. लचीली अवधि –

केवल यही एक इस तरह की जीवन बीमा योजना है जिसमें कि बीमा धारक एक वर्ष जैसी छोटी अवधि के लिये भी बीमा करवा सकता है। इस प्रकार के बीमे से बीमा धारक को समुचित योजना बनाने और भुगतान करने के लायक आवश्यक राशि की योजना बनाने में सहायता भी मिलती है। इस लचीलेपन के अभाव में बीमा धारक कंपनी के निर्धारित समय सीमा की बीमा अवधि को मानने के लिये मजबूर होगा।

३. सस्ती –

हालांकि टर्म बीमा के प्रीमियम पिछले सालों में बहुत बड़ गये हैं फ़िर भी यह अन्य योजनाओं से बहुत सस्ती हैं। सस्ती टर्म जीवन बीमा योजना का मतलब यह नहीं है कि उपभोक्ता को कम लाभ या कम गुणवत्ता मिलेगी। यह योजना उपभोक्ताओं की प्रारंभिक अवधि में अन्य किसी योजना में अधिक प्रीमियम भुगतान में करने से बचाता है और पैसे बचाने में मदद करता है। इसके विपरीत जब बीमा की प्रीमियम बड़ती है तो बीमा धारक बचायी गई राशि द्वारा उस प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसी बीच जो भी राशि पहले बचायी है उस पर उसे ब्याज भी अर्जित हो जाता है। इससे व्यक्ति कम प्रीमियम में ज्यादा राशि का बीमा पा सकता है जो कि सस्ता होता है।

४. निवेश –

अन्य किसी जीवन बीमा योजना से तुलना करेंगे तो पायेंगे कि टर्म बीमा जीवन योजना की लागत बहुत सस्ती है। इससे आप अपनी बची हुई राशि को कहीं किसी और अच्छी जगह निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आप अपनी राशि का निवेश खुद कर रहे हैं, इसके लिये आप बीमा कंपनी के ऊपर निर्भर नहीं हैं। बीमा कंपनियाँ आमतौर पर बीमा धारक की राशि  निवेश में बहुत ही सुरक्षित और प्राचीन  तरीके अपनाती हैं, तो टर्म जीवन बीमा योजना का चयन करने से आप अपनी बची हुई राशि के साथ अपनी मर्जी से निवेश करने के लिये स्वतंत्र हैं।

५. विशेष आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिये उपयुक्त एवं संतोषजनक –

टर्म जीवन बीमा योजना केवल ऋण की अदायगी को बीमित करने के लिये ही नहीं बल्कि और भी आवश्यकताओं के लिये उपयोगी है। मान लीजिये एक व्यक्ति घर बनाना चाहता है या अपने बच्चे के बड़े होने पर उसे महँगी पढ़ाई कराना चाहता है तो उस अवधि के लिये वह टर्म जीवन बीमा योजना लेकर आम प्रीमियम से बची हुई राशि को लंबी अवधि के लिये निवेश कर सकता है। इससे भविष्य में किसी भी मुश्किल से बचने में आसानी होती है।

टर्म इंश्योरेन्स क्या होता है.. भाग ३ (What is Term Insurance…) Part 3

सिंगल प्रीमियम टर्म पॉलिसी

सिंगल प्रीमियम टर्म पॉलिसी के अंतर्गत एक मुश्त प्रीमियम का भुगतान करना होता है। इस पॉलिसी के अंतर्गत पूर्वनिर्धारित अवधि के लिये जीवन का जोखिम कवर किया जाता है। केवल एक बार प्रीमियम भर देने से आपको प्रीमियम का भूगतान हर वर्ष नहीं करना पड़ता है और हर वर्ष आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता है, केवल एक बार प्रीमियम भरो और भूल जाओ, ये आपके जीवन का जोखिम पूर्वनिर्धारित अवधि के लिये कवर करता है। नियमित रुप से प्रीमियम भरने वाले प्लॉन से इस प्लॉन की प्रीमियम ज्यादा जरुर है क्योंकि केवल एक बार प्रीमियम देना है, जबकि नियमित प्रीमियम प्लॉन्स में यह हर वर्ष  देना होती है।

नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी

नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी आपको वार्षिक आधार पर प्रीमियम भुगतान करने का विकल्प प्रदान करता है, अगर आप एक साथ ज्यादा बड़ा प्रीमियम भूगतान करने के इच्छुक नहीं है तो यह प्लॉन ले सकते हैं। आपको हर वर्ष बीमा अवधि के अंत तक  प्रीमियम भरनी होगी।

प्रीमियम की वापसी के साथ टर्म पॉलिसी

आमतौर पर टर्म योजनाओं में अगर बीमा धारक को बीमा अवधि में कुछ नहीं होता है तो उसे कुछ भी रिटर्न नहीं मिलता है। आपने जो भी प्रीमियम भरी है वह नहीं मिलेगी। पर इस प्लॉन में आप वो प्रीमियम राशि प्राप्त कर सकते हैं जो कि आपने भरी हैं, जो कि बिना ब्याज के भी हो सकता है और ब्याज के साथ भी। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अगर बीमा धारक जीवित रहता है तो उसने जितनी भी प्रीमियम भरी है, वह बीमा अवधि समाप्त होने के बाद परिपक्वता पर मिल जाती है, इसमें बीमा धारक को भरी गई प्रीमियम का नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। लेकिन इसकी प्रीमियम नियमित प्रीमियम टर्म पॉलिसी से ज्यादा होती है।

टर्म पॉलिसी जो ऋण भी कवर करती हो

यह पॉलिसी खास उन लोगों के लिये बनायी गई है जिन लोगों ने गृह ऋण ले रखा है। बीमा राशि बकाया ऋण राशि के बराबर होगी। और यह धीरे धीरे उसी अनुपात में घटती जाती है, जैसे जैसे ऋण का भूगतान होता जाता है। यहाँ पर प्रीमियम की गणना बिल्कुल वैसे ही होती है जैसे कि गृह ॠण की मासिक किस्त की गणना। और यह पूरी बीमा अवधि में एक समान रहती है। इस पॉलिसी का लाभ यह है कि यह परिवार को बीमा धारक की मृत्यु के समय अतिरिक्त सुरक्षा देता है, बीमा धारक की मृत्यु की स्थिती में परिवार को इतने भारी ऋण का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।

गंभीर बीमारियों का बीमा भी उतना ही जरुरी है जितना कि जीवन बीमा (Critical Illness Insurance is equal imprtant as Life…)

टर्म इंश्योरेन्स और मेडिक्लेम इंश्योरेन्स का जितना महत्व है उतना ही महत्व है क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेन्स का याने कि गंभीर बीमारियों के लिये बीमा।

हमारी मानसिकता है कि हम केवल अपनी गाढ़ी कमाई खर्च ही कर रहे हैं पर हमें उसका कोई प्रतिफ़ल या रिटर्न नहीं मिल रहा है, तो मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि पहले इन बातों का मनन करें और फ़िर इस बारे में सोचें। जितना आपका आपके परिवार से भावनात्मक लगाव है कि कोई भी किसी भी परेशानी में हो तो आपको बहुत तकलीफ़ होती है, वैसे ही इस बारे में भी सोचना चाहिये। यह बहुत ही चिंतन और मनन का विषय है।

अब अगर टर्म इंश्योरेन्स और मेडिक्लेम इंश्योरेन्स ले लिया पर अगर कोई गंभीर बीमारी हो गई तो क्या, इस पर मेडिक्लेम से आपको इलाज पर होने वाला खर्च तो मिल जायेगा पर अगर गंभीर बीमारी को ठीक होने में ज्यादा समय लग जाता है तो जो घर के नियमित खर्च हैं वो कैसे चलायेंगे, नियोक्ता तो तन्ख्वाह नहीं देने वाला, सरकारी का तो पता नहीं पर प्राईवेट में तो बिल्कुल नहीं देने वाला। तब क्या करेंगे, सोचिये सोचिये…?

घबरा गये, अरे घबराने की कोई बात नहीं है, इसीलिए तो क्रिटिकल इलनेस प्लान बनाया गया है, जो कि ९ से लेकर १४ गंभीर बीमारियों के होने पर आपको आर्थिक रुप से सुरक्षित करता है। जो कि निम्न हैं –

कैंसर
पैरालिसिस
कोरोनरी आरट्री बाइपास सर्जी
मेजर आर्गन ट्रांसप्लांट
प्राइमरी पलमोनरी आरटेरियल हाइपरटेंशन
फस्ट हार्ट अटैक
स्ट्रोक
किडनी फेलियर
अरोटा ग्राफ्ट सर्जी

और भी बीमारियाँ हैं जिससे आप आर्थिक रुप से सुरक्षित हो सकते हैं, पर ये हर बीमा कंपनी के पालिसी पर निर्भर करता है।

यह क्रिटिकल इलनेस पालिसी जीवन बीमा कंपनियों के साथ साथ कुछ साधारण बीमा करने वाली कंपनियों के पास भी उपलब्ध हैं जैसे कि बजाज एलायंज और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड।

केवल क्रिटिकल इलनेस पालिसी लेने पर बीमा १,३ और ५ वर्ष के लिये उपलब्ध होता है, जिसका प्रीमियम सुरक्षा की तुलना में बेहद कम होता है, अगर ३५ वर्ष की उम्र के व्यक्ति के लिये देखा जाये तो लगभग ६ लाख की बीमा राशि के लिये एकमुश्त प्रीमियम होता है १३-१४ हजार रुपये, पाँच साल की सुरक्षा के लिये।

यह क्रिटिकल इलनेस प्लान आप टर्म इंश्योरेन्स के साथ भी ले सकते हैं।

सोचिये और बताईये आप क्या सोचते हैं –

हेल्थ इंश्योरेन्स (मेडिक्लेम) लेकर खुद को आर्थिक रुप से सुरक्षित करें… [Secure yourself financially, by Family Mediclaim..]

कल की पोस्ट नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें और परिवार को तोहफ़ा दें आज ही, जल्दी सोचिये और अमल करें [Secure your family, Think fast ….] में मैंने केवल टर्म इंश्योरेन्स की ही बात की थी, परिवार को सुरक्षित करने के लिए और भी इंश्योरेन्स की जरुरत होती है, जैसे कि हेल्थ और गंभीर बीमारियों के लिये।

अगर आप ऑफ़िस से आ रहे हैं और किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फ़िर कोई बीमारी हो गई जैसे कि पीलिया या कोई और बीमारी जिससे आपको अस्पताल में रहना पड़े, तो मानसिक दबाब के साथ साथ आप आर्थिक दबाब में भी आ जायेंगे, क्योंकि आजकल अस्पताल में जाना मतलब बहुत अधिक मात्रा में धन खर्च होना, क्योंकि आजकल इलाज का खर्च बहुत अधिक हो गया है और अस्पताल भी पाँच सितारा जैसे महंगे हो गये हैं, अगर सामन्य बीमारी है तो कम से कम दो हजार रोजाना और ज्यादा की तो कोई सीमा ही नहीं है।

कब धन को पंख लग जाते हैं अस्पताल में जाते ही पता ही नहीं चलता है। सबसे पहले ये सोचिये क्या आप इस आकस्मिक आपदा खर्च को वहन कर पायेंगे, अगर आप इसका इंश्योरेन्स करवा लेते हैं तो कोई घबराने वाली बात ही नहीं है। थोड़ी प्रीमियम में आप बड़ी राशि का इंश्योरेन्स करवा सकते हैं, जिससे आप आर्थिक रुप से दीवालिया होने से बच सकते हैं। कि अपनी तो सारी बचत एक बीमारी में ही चली गई, सोचिये सोचिये !!

आप अपना खुद का और परिवार का दोनों का हेल्थ इंश्योरेन्स करवा सकते हैं, अगर आपका हेल्थ इंश्योरेन्स आपका नियोक्ता करवा रहा है तब तो आपके लिये कोई चिंता की कोई बात नहीं है, परंतु परिवार का क्या ?

बीमारी कोई दस्तक देकर तो नहीं आती और न ही आकस्मिक राशि के साथ कोई तैयार रहता है, इसके लिये बहुत जरुरी है हेल्थ इंश्योरेन्स। जितना भी खर्चा होगा अस्पताल में ले जाने के पहले, अस्पताल में, अस्पताल से घर जाने के बाद होने वाला इलाज का खर्च, दवाईयों का खर्च सब कुछ हेल्थ इंश्योरेन्स  (मेडिक्लेम) में सम्मिलित होता है।

सामयिक परिवार (फ़ैमिली फ़्लोटर) हेल्थ इंश्योरेन्स लेने से यह फ़ायदा होता है कि पूरी या कुछ बीमित राशि का उपयोग परिवार का किसी भी व्यक्ति के लिये किया जा सकता है।

सोचिये सोचिये और जल्दी से ले लीजिए मेडिक्लेम इंश्योरेन्स । अरे नहीं इसकी प्रीमियम भरने के बाद आप सुरक्षित हैं पर आपको यह रकम वापिस नहीं मिलेगी बस हाँ आप उस बीमित राशि से वर्षभर के लिये सुरक्षित रहेंगे।