Tag Archives: बोल वचन
जब बेटा अपने माता पिता को अपने साथ गाँव से शहर ले जाने की जिद करता है, तो पिता के शब्द अपने बेटे के लिये – डॉ. राम कुमार त्रिपाठी कृत “शिखंडी का युद्ध” कहानी “वानप्रस्थ”
उज्जैन की प्रसिद्ध चीजों के बारे में, हमारे मित्र “बल्लू” का एस.एम.एस
भारत के विभिन्न भागों में कार ड्राइविंग :-
मनीष हाड़ा उवाच
भारत के विभिन्न भागों में कार ड्राइविंग :-
* एक हाथ स्टियरिंग व्हील पर,दूसरा हार्न पर.
यू.पी.
* एक हाथ स्टियरिंग व्हील पर, दूसरा खिड़की से बाहर.
पंजाब
* एक हाथ स्टियरिंग व्हील पर, दूसरा अखबार पर,पाँव एक्सीलेटर पर.
तमिलनाडु
* दोनों हाथ स्टियरिंग व्हील पर,आँखें बंद, दोनों पाँव ब्रेक पर.
बिहार
* दोनों हाथ इशारे करते हवा में, दोनों पाँव एक्सीलेटर पर, सिर पिछली सीट के सवार से बात करने के लिए एक सौ अस्सी के अंश पर घूमा हुआ.
हरियाणा
* एक घुटना स्टियरिंग व्हील पर,एक हाथ पेसेंजर सीट पर बैठी गर्ल फ्रेंड की पीठ पर, दूसरा उसके गिरहबान में, दूसरा पाँव दक्षता से बारी-बारी एक्सीलेटर, क्लच,ब्रेक पर.
इंदौर.
* एक हाथ हार्न पर-वहां नहीं तो खिड़की से बाहर -दूसरा गियर स्टिक पर,एक कान स्टीरियो सुनता,दूसरा मोबाइल सुनता,एक पाँव एक्सीलेटर पर,एक क्लच पर,ब्रेक पर कोई नहीं,दोनों आँखें बाजू में स्कूटी चलाती लड़की पर.
धार में आपका स्वागत है
गूढ़ ज्ञान :- हमारे मित्र का उवाच –
मनीष हाड़ा उवाच (द्वितीय)
गूढ़ ज्ञान :-
* फैसला करूँ या न करूँ, ये फैसला है; फैसला कर न सकूँ, ये नाकामी है.
* बेवकूफ अगर अनगिनत हों तो उनकी ताक़त को कम कर के आंकना नादानी है.
* कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्वाभाविक मूर्खता का मुकाबला नहीं कर सकती.
* आपके चारों ओर हाहाकार है,लेकिन आप शांत हैं तो इसका मतलब है कि स्थिति की गंभीरता आपके पल्ले नहीं पड़ी है.
* किसी चीज पर लिखा हो कि एक ही साइज़ सबको फिट आता है तो इसका मतलब है वो किसी को फिट नहीं होगा.
* इतना आसान कोई काम नहीं होता कि उसे बिगाड़ा न जा सके.
* खुद न करना पड़े तो कोई काम नामुमकिन नहीं होता.
* अगर आप कामयाब नहीं होते,तो इस बात के सारे सबूत नष्ट कर देना ही श्रेयस्कर होता है कि आपने कोशिश की थी.
* अगर आप कुशल कार्यकर्ता हैं तो सबसे ज्यादा काम आपके पल्ले पड़ेगा, आप अतिकुशल कार्यकर्ता हैं तो ज्यादा काम से पल्ला झाड़ने की जुगत आप यक़ीनन कर लेंगे.
इसी का नाम दुनिया है : हमारे मित्र का उवाच –
* कोई दूसरा टिप न दे तो वो कंजूस है,हम टिप न दें तो हम पैसे की कीमत समझने वाले हैं.
* कोई दूसरा “आउट” हो जाये तो वो पी के उधम मचाने वाला गैर-जिम्मेदार शख्स है,उन्ही हालत मैं हम पार्टी की जान हैं.
* कोई दूसरा कहीं लेट पहुंचे तो वो वक़्त का पाबन्द नहीं, हम वक़्त के गुलाम थोड़े ही हैं.
* कोई दूसरा मुंह फाड़े तो उसे अपनी जुबान पर काबू नहीं है,हम ऐसा करें तो इसलिए क्योंकि हम मुक्त संवाद में आस्था रखते हैं.
* कोई दूसरा नुक्ताचीनी करे तो वो खुन्दकी है,हम ऐसा करें तो हम पारखी निगाह रखते हैं.
* कोई दूसरा कोई नुकसान करे तो वो गैर-जिम्मेदार है,उसे कमाना नहीं पड़ता न, वही नुकसान हम करें तो आखिर गलती इंसान से ही होती है.
* कोई दूसरा चुगली करता है, हम वही कहते हैं जो सच है.