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माइक्रोसॉफ़्ट के डॉस को ३० वर्ष हो गये.. (MS-DOS is 30 Years old today)

    आज एक मेल पढ़ रहा था तो उसमें एक लिंक थी – MS-DOS is 30 Years old today. हम तो डॉस वाले जमाने से ही कम्पयूटर सीखे हुए हैं, इसलिये इस खबर की ओर ध्यान आकर्षित हो गया।

    आज से तीस वर्ष पहले २७ जुलाई, १९८१ को माइक्रोसॉफ़्ट ने QDOS के राईट्स २५,००० डॉलर में सिएटल कम्प्यूटर प्रोडक्ट्स से खरीदे थे। नहीं तो QDOS को 86-DOS के नाम से जाना जाता था, सिएटल कम्प्यूटर प्रोडक्ट्स ने इसका अभिकल्पन इन्टेल के 8086 प्रोसेसर के लिये किया था।

    हमने MS-DOS के 5.0 वर्शन से सीखना शुरू किया था, फ़िर ६.२ वर्शन सीखा, जिसकी command.com 54,645 बाईट्स की होती थी, और अगर command.com फ़ाईल का साईज बदल गया तो इसका मतलब कि DOS की सीडी में वाईरस आ गया है। काली स्क्रीन का फ़ोटो देखकर पुराने लोगों को पुराने दिन याद आ जायेंगे।

 vpc.msdos62v dos62

उस समय जितने भी सॉफ़्टवेयर सीखे थे बहुतों को तो वर्षों से उपयोग नहीं किया परंतु अगर आज भी मिल जाते हैं तो देखकर बहुत खुशी होती है, और उनके कमांड तो ढूँढ़ने भी नहीं पड़ते वो तो ऐसे याद हैं जैसे कि हमारी साँसों में घुल गये हैं।

    वर्डस्टॉर, लोटस १२३, डीबेस, फ़ॉक्स प्रो, अक्षर और भी बहुत सारे सॉफ़्टवेयर थे। खैर आज कम्प्यूटर चलाने के लिये कोई कमांड याद नहीं रखना पड़ता है, सब माऊस से मजे में हो जाता है। अगले तीस वर्षों में कम्प्यूटिंग का विकास देखने लायक होगा।

प्रवीण पाण्डे जी के ब्लॉग पोस्ट का फ़ायदा और xBox काइनेक्ट

    ब्लॉग से नुकसान तो शायद कम ही होंगे पर फ़ायदे बहुत हैं। प्रवीण पांडे जी ने अपने ब्लॉग में कुछ दिनों पहले xBox काइनेक्ट का विवरण लिखा था और मैं पिछले तीन वर्षों से लगभग इसी तरह की चीज ढूँढ़ रहा था, जब मुंबई में था तो Wii का गेमिंग कन्सोल देखा था परंतु उसमें खेलने के लिये एक रिमोट को पकड़ना होता था, जो कि मुझे पसंद नहीं था।

    हाथ में रिमोट न चाहने का कारण था हमारे बेटेलाल, क्यूँकि अगर फ़ेंक दिया बज गया बैंडबाजा महँगे गेमिंग कन्सोल का, इसलिये कुछ ऐसी तकनीक वाला कन्सोल चाहिये था जिसमें बिना रिमोट पकड़े खेल सकें, इसी बीच माइक्रोसॉफ़्ट ने xBox के साथ काइनेक्ट बाजार में उतारा परंतु इसके बारे में हमने कहीं सुना नहीं था। सुना तो प्रवीण जी के ब्लॉग से, ब्लॉग का हमारे लिये एक फ़ायदा ।

    प्रवीण जी से xBox के बारे में पूरी जानकारी ली और एक शोरूम में जाकर डेमो भी देख लिया, बस हमको भा गया, कीमत हालांकि कुछ ज्यादा थी परंतु जैसी चीज अपने को चाहिये हो मिल जाये तो कीमत मायने नहीं रखती है।

    इसी बीच हमारे छोटे भाई का अमेरिका जाना हो गया, और हमने ऑनलाईन वहाँ का भाव देखा तो लगभग ४० प्रतिशत रुपयों की बचत हो रही थी तो हमने अपने भाई को बोला कि हमारे लिये एक xBox ले आओ, हमारा xBox मई के दूसरे सप्ताह में हमारे पास आ गया। पर अब समस्या यह थी कि xBox का पॉवर एडॉप्टर अमेरिका वाला था जो कि 110 – 130 वोल्ट होता है और यह भारत में नहीं चल सकता था।

    अमेरिका का पॉवर एडॉप्टर भारत में कैसे चलेगा गूगल में बहुत ढूँढ़ा, कई प्रकार के समाधान मिले, कि अमेरिका से भारत का पॉवर कन्वर्टर ले लो जिसमें एक ट्रांसफ़ॉर्मर लगा होता है और चल जायेगा, हम लेकर भी आये परंतु काम नहीं बना, फ़िर गूगल पर ढूँढ़ा गया, तो पता चला कि इस समस्या से केवल हम ही दो-चार नहीं हो रहे हैं, इस समस्या से बहुत सारे लोग ग्रसित हैं।

    इस बाबत हमने एक बड़े शोरूम पर भी पूछताछ की तो उन्होंने हमें एक मोबाईल नंबर दिया और कहा कि आपकी समस्या का समाधान यहाँ हो जायेगा, हमने फ़ोन किया तो पता चला कि ये किसी निजी दुकान का नंबर था जो कि चीन निर्मित थर्ड पार्टी पॉवर एडॉप्टर बेचते हैं और उसकी केवल टेस्टिंग वारंटी है, और उसकी कीमत हमें लगभग ३२०० रूपये बताई गई और बताया गया कि लगभग ३०० लोग उनसे खरीद चुके हैं।

    ऐसे ही एक और समाधान मिला कि स्टेप अप / स्टेप डाऊन ट्रासफ़ॉर्मर का उपयोग करें, हमने अपने पास की इलेक्ट्रिक दुकान को इसे लाने के लिये बोल भी दिया।

    जब xBox के अंतर्जाल पर घूम रहे थे तो भारत का उपभोक्ता सेवा का फ़ोन नंबर मिला और हमने माइक्रोसॉफ़्ट को फ़ोन किया तो उन्होंने xBox से संबंधित जानकारी ली और हमने पॉवर एडॉप्टर संबंधी समस्या माइक्रोसॉफ़्ट के सामने रखी तो उपभोक्ता सेवा अधिकारी ने हमसे कहा कि आप चिंता न करें हम आपकी समस्या का समाधान करेंगे। आपने अमेरिका से xBox खरीदा है तो क्या हुआ, हम आपको भारत का पॉवर एडॉप्टर कंपनी की गुड विल के लिये कॉम्लीमेंटरी देंगे, और आप अपना अमेरिका वाला पॉवर एडॉप्टर भी अपने पास रखें जब अमेरिका जायें तब उसका उपयोग करें, उनका इस बाबत ईमेल भी तुरंत ही मिल गया और ५ दिनों में ही हमें माइक्रोसॉफ़्ट से पॉवर एडॉप्टर भी मिल गया, हमने चलाकर भी देख लिया, और इस प्रकार माइक्रोसॉफ़्ट ने हमारी समस्या का समाधान कर दिया।

जय हो प्रवीण जी की और जय हो माइक्रोसॉफ़्ट वाले बिल्लू भैया की।

माइक्रोसॉफ़्ट का बग “मौत की काली स्क्रीन” समाधान ढूँढ़ रहे हैं, Black Screen of Death

हमारा लेपटॉप – सोनी वायो, VGN-CR506E

 हमारा लेपटॉप फ़ँस गया Black Screen of Death के चुंगल में, उपाय ढूँढ़ रहे हैं। यह एक बग है जो कि माइक्रोसॉफ़्ट के OS  में होता है। इसमें लोगिन स्क्रीन के बाद काली स्क्रीन दिखाई देती है, और हमारा विस्टा कोई भी गतिविधी करने से मना कर देता है। जब कल अपना लेपटॉप खोला तो ये वाला बग आया हमारे OS में, अब गूगल पर अपने डेस्कटॉप में इसका समाधान ढ़ूँढ रहे हैं।

जितने भी समाधान बताये गये हैं, वह सब कर चुके या कोशिश कर रहे हैं, परंतु अभी तक सफ़लता नहीं मिली 
है –
१. Ctrl + Alt + Del बटन दबाकर टॉस्क मैनेजर में जाकर नये टॉस्क पर क्लिक कर iexplorer.exe करें तो यह शुरु हो जायेगा।
२. रजिस्ट्री में संपादन के लिये remove C:WINDOWSsystem32driversntndis.exe from
KEY_LOCAL_MACHINESOFTWAREMicrosoftWindows
NTCurrentVersionWinlogonShellexplorer.exe
C:WINDOWSsystem32driversntndis.exe
समस्या यह है कि किसी भी तरह से हम इस विस्टा को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, F8 दबाने के पश्चात सेफ़ मोड में भी नहीं आ रहा है, Last good configuration भी नहीं चल रहा है,  विन्डो पीई से अब USB से बेकअप ले रहे हैं, फ़िर देखते हैं कि क्या कर सकते हैं।
अभी कोशिश जारी है, क्योंकि उसमें विन्डोज लाईव राईटर में कुछ लेख हमने लिखे हुए हैं, उन्हें बचाना है। और कुछ महत्वपूर्ण फ़ाईलें भी हैं। खोज जारी है, और तो और हमारी विस्टा की रिकवरी डिस्क भी काम नहीं कर रही है, अब विस्टा को डाऊनलोड कर इंस्टाल करना होगा।
यहाँ हम इसके सवाल के जबाब के लिये घूम चुके हैं – 

मुफ्त ऑनलाइन पीडीएफ़ से एक्सेल कनवर्टर सही और आसान तरीके से xls फ़ाइलों को संपादित करने के लिए।


अधिकांश पीडीएफ से एक्सेल कन्वर्टर तालिकाओं और गैर सारणीबद्ध सामग्री का पता नहीं लगा पाते हैं और केवल एक्सेल में पीडीएफ़ फ़ाइल की सामग्री को बदल देते हैं। उसके बाद आपको अवांछित डेटा को नष्ट करने की आवश्यकता होती है इस गतिविधि में ने केवल आपका समय लगता है बल्कि खीज भी होती है। ऑनलाइन पीडीएफ़ से एक्सेल कनवर्टर सही स्वरूपण और मूल सारणियां और स्प्रैडशीट्स के स्वरूप और, किसी अन्य उपकरण से अधिक xls फ़ाइलों को संपादित करने के लिए साफ सटीक और आसान बना देता है। उसके बाद आप इन तालिकाओं और स्प्रैड्शीट्स को पुनः माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, ओपनआफ़िस, गूगल डॉक्यूमेन्ट्स और वर्डपरफ़ेक्ट आफ़िस में उपयोग कर सकते हैं

पीडीएफ से एक्सेल कनवर्टर स्वरूपण (format) का ख्याल रखता है| यह स्वतः ही फ़ॉन्ट शैली, आकार एवं रंग PDF फ़ाइल से ले लेता है और रंग और सीमाओं के साथ तालिका स्वरूप, सेल रंग, और पंक्ति/स्तंभ की ऊंचाई और चौड़ाई का भी ख्याल रखता है।

पीडीएफ फाइल को एक्सेल में कैसे कन्वर्ट करें ?
1. पीडीएफ़ टू एक्सेल वेबसाईट पर चटका लगाइये और पीडीएफ कन्वर्ट करने के लिए चुन लीजिये।
2. आपका वैध ईमेल पता लिखें और कन्वर्ट बटन पर चटका लगाइये।
3. परिवर्तित फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए अपने इनबॉक्स की जाँच करें।

नीचे नमूने की पीडीएफ़ और परिवर्तित xls फ़ाइल जिसके लिए मैं परीक्षण कर रहा था। परिणाम बहुत बढ़िया थे। सभी स्वरूपण सुविधाओं को अच्छे से कन्वर्ट किया गया। मुफ़्त पीडीएफ से एक्सेल कनवर्टर स्वच्छ और साफ फ़ाइल का उत्पादन करने के लिए अच्छा है।

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग ५ (Free Tools for PC Security – Part 5)

9# एनमेप (Nmap) एक नेटवर्क जोड़ने व उपयोग करने का टूल जो नेटवर्क की खोज और सुरक्षा आडिटिंग के काम आता है । एनमेप (Nmap) के उपयोग में शामिल हैं:

• कौन सा होस्ट उपलब्ध हैं|
• होस्ट किन सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं।
• कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम चल रहे हैं।
• किस तरह के पैकेट फिल्टरस और फायरवॉल उपयोग में हैं।

10: ऑनलाइन स्कैन
यदि आपको सिस्टम संक्रमित होने का शक है और आपके वर्तमान उपकरण उससे निपटने में सक्षम नहीं हैं। निम्न मुफ्त ऑनलाइन स्कैन सेवाओं से कोशिश कर सकते हैं:
Ewido ऑनलाइन स्कैनर
एक्स-ब्लॉक मुफ़्त स्कैनर
ट्रेंड माइक्रो ऑनलाइन स्कैनर
एफ-सिक्योर ऑनलाइन स्कैनर
इसके अलावा, आप ShieldsUP पर अपने फ़ायरवॉल की जांच कर सकते हैं।

ज्यादा जानकारी के लिये पढ़ें –

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part १)
कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग २ (Free Tools for PC Security – Part २)
कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग ३ (Free Tools for PC Security – Part ३)
कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग ४ (Free Tools for PC Security – Part 4)

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग ४ (Free Tools for PC Security – Part ४)

7# सिसइनटर्नल (Sysinternals) सुरक्षा उपयोगिताएँ

माइक्रोसाफ़्ट (Microsoft) की कुछ मुफ्त उपयोगिताएँ महत्वपूर्ण सुरक्षा कार्यों के लिए उपलब्ध हैं।

• आपको पता चलेगा कि कौन आपकी फ़ाईल को उपयोग कर रहा है रजिस्ट्री कुंजी (registry key), या कोई
और अन्य विन्डोज सेवा (Windows Services).

• स्टार्टअप पर कौन से प्रोग्राम चलाने के लिए कॉन्फ़िगर किये गये है।

• कमांड-लाइन उपयोगिताओं का उपयोग कर स्थानीय या दूरस्थ सिस्टम पर (local or remote systems)
कौन सी प्रोसेसेस चल रही हैं, सूची देखने के लिये.

• रुटकिट्स (Rootkits) के लिए स्कैन प्रणाली.

• सुरक्षा के बचाव कार्यक्रम उपलब्ध हैं, सुरक्षित तरीके से कार्यक्रम नष्ट करने के लिये।

8# वायरशार्क (Wireshark)– सिस्टम प्रशासक वायरशार्क (Wireshark) “एक नेटवर्क प्रोटोकॉल विश्लेषक” की सराहना करेंगे, क्योंकि इसमें सुरक्षा फीचर्स के अलावा अन्य बातें भी शामिल हैं:

• लाईव कैप्चर और ऑफ़लाइन विश्लेषण

• फ़िल्टरों को दिखाना

• आधुनिकतम वीओआईपी विश्लेषण

• डिक्रिप्शन का समर्थन कई प्रोटोकॉल के लिए

ज्यादा जानकारी के लिये पढ़ें –

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part १)
कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग २ (Free Tools for PC Security – Part २)
कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग ३ (Free Tools for PC Security – Part ३)

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग ३ (Free Tools for PC Security – Part ३)

५. विनपेट्रोल (Winpetrol) – विनपेट्रोल मजबूत सुरक्षा की निगरानी कर हाइजेकिंग से, मैलवेयर हमलों, और आपके सिस्टम में आपकी अनुमति के बिना परिवर्तनों के लिए बनाया है। पारंपरिक सुरक्षा कार्यक्रम (Anti-viruses), हार्ड ड्राइव स्कैन एवं कुछ थ्रेट्स को ही खोजते हैं। विनपेट्रोल अनुमान से पता लगाता है कहीं आपके सिस्टम पर आपके अनुमति के बिना महत्वपूर्ण संसाधनों का स्नैपशॉट लेकर हमला और सुरक्षा का उल्लंघन करने की कोशिश तो नहीं की जा रही है और अगर ऐसा है तो विनपेट्रोल आपको चेतावनी दे देगा ।

६. सीकुनिया (Secunia) निजी सॉफ्टवेयर इंस्पेक्टर (SPI) – हम में से अधिकांश ने हमारे सिस्टम में कम से कम एक असुरक्षित प्रोग्राम तो अवश्य स्थापित किया हुआ है जो हमारे सिस्टम को खतरे में डालता है। सीकुनिया (Secunia) निजी सॉफ्टवेयर इंस्पेक्टर (SPI) असुरक्षित कार्यक्रम के लिए आपके पीसी को स्कैन करता है। यह आपके स्थापित प्रोग्राम के लिए आपको अद्यतन (updates) और पैच(patches) की सूचना भी रखता है.

ज्यादा जानकारी के लिये पढ़ें –
कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part १)कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग २ (Free Tools for PC Security – Part २)

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग २ (Free Tools for PC Security – Part 2)

३. स्पायबोट – स्पायवेयर इन्टरनेट पर आपके कम्प्यूटर पर जो भी हो रहा है उसका एक मार्केटिंग प्रोफ़ाईल बनाता है और बिना आपकी जानकारी के आपकी प्रोफ़ाईल विज्ञापन कंपनियों को उपलब्ध करवाता है। अगर आप ध्यान दें तो आपके ब्राउजर का कोई भी नया टूलबार यह सब कर सकता है, और आपको बिना पता चले स्पायवेयर आपके मार्गों को रिकार्ड कर के भेज देता है। कई बार तो स्पायवेयर आपके वेबपेज पर अनाधिकृत प्रवेश कर लेता है और किसी और वेबपेज पर ले जाता है। हालांकि स्पायवेयर का स्वाभाव विनाशकारी नहीं है पर यह आमतौर पर प्रदर्शन (performance) को प्रभावित करता है| अगर आपके सिस्टम की स्पीड बहुत कम हो जाये तो मान लीजिये कि स्पायवेयर ने हमला कर दिया है। आप स्पायबोट से स्पायवेयर को ढ़ँढकर खत्म कर सकते हैं, जो कि बहुत सारे एन्टीवायरस साफ़्टवेयर भी नहीं कर पाते हैं।

विशेष: #१,#२,#३ साफ़्ट्वेयरों का संयोजन एकल उपयोगकर्ता प्रणालियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करता है। इनका आसानी से उपयोग कर सकते हैं इसके लिये किसी विशेष तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं है।

४. वोट (WOT) – बाजार के संदर्भ में, वोट (WOT) एड-इन(add-in) के द्वारा ब्राउज़र के लिए सुरक्षा के लिये एक नई पेशकश है| यह आपके सिस्टम को ऑनलाइन घोटाले, पहचान, चोरी, स्पायवेयर, स्पैम, वायरस और संदिग्ध वाणिज्य साइटों से सुरक्षित, रखेगा। जैसे ही वोट (WOT) संदिग्ध साईट की पहचान करेगा, ये आपको सतर्क कर देगा। बेशक फ़ैसला आपको करना है कि आपको कार्य जारी रखना है या नहीं पर कम से कम आपको यह पहले ही सतर्क तो कर देगा।

ज्यादा जानकारी के लिये पहले पढ़ें कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part १)

कम्प्यूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part 1)

कम्प्यूटर की सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसके लिये सभी बहुत चिन्तित भी रहते हैं ।

कुछ सुरक्षा उपकरणों को हमें खरीदना भी पड़ता है, और कुछ मुफ़्त में भी उपलब्ध हैं। मुफ़्त सुरक्षा उपकरण भी बहुत
अच्छा काम करते हैं। आजमा कर देखें –

१. एवीजी एन्टीवायरस – शायद एवीजी सबसे लोकप्रिय एन्टीवायरस सोफ़्टवेयर है। यह वायरस एवं स्पायवेयर दोनों से सुरक्षा प्रदान करता है।

२. मेलवेयरबाइट्स – यह सुरक्षा प्रदान करता है मेलवेयर से। दुर्भाग्यवश, मेलवेयर एक बार संस्थापित हो जाने के बाद किसी भी तरीके से हटाया नहीं जा सकता, क्योंकि यह कंट्रोल पेनल में भी नही दिखाई देता है। मेलवेयर कुछ हेल्पर फ़ाइल्स को संस्थापित कर देता है, अगर हम मेलवेयर हटा भी देते है तो यह वापस से डाउनलोड कर संस्थापित कर देता है। मेलवेयर में वायरस, वोर्मस, रूट्किट्स, स्पायवेयर एवं ट्रोजन्स होते हैं। मेलवेयरबाइट्स एक अच्छा उपकरण है मेलवेयर ढूँढ़्ने और हटाने के लिये।

माइक्रोसोफ़्ट विस्टा के बग से लड़ाई और हमारी जीत

अभी दो दिन पहले ही हमारे लेपटाप के ओपरेटिंग सिस्टम विस्टा में एक समस्या आ गई हम परेशान हो गये कि रात को तो बराबर नेटसर्फ़िग हो रही थी, अचानक सुबह कैसे खराब हो गया। विस्टा में मैसेज आ रहा था कि “Logon process initialization failure” और लोगिन नहीं होने दे रहा था। बाद में अपने एक्सपर्ट दोस्तों से भी पूछा, सब जगह से यही जबाव मिला कि अब या तो विस्टा रिस्टोर करो या फ़िर किसी तरह से application.evt फ़ाईल system फ़ोल्डर में से कापी करके किसी और विस्टा की उसी फ़ाईल से मिलान कर अनुचित एन्ट्रीज हटा दें, पर समस्या यह थी कि यह फ़ाईल हासिल कैसे की जाये और कापी कैसे की जाये क्योंकि विस्टा कैसे भी लोगिन नहीं करने नहीं दे रहा था, किसी भी सैफ़ मोड में भी नहीं शुरु हो रहा था।

ओफ़िस में नेट पर ढूँढा तो जबाव पता चला कि ये विस्टा का बग bug है, फ़िर हमने माइक्रोसोफ़्ट Microsoft के जालतंत्र पर भी बहुत ढूँढा पर वहाँ कोई जबाव ही नहीं था। जबकि गूगल देवता बहुत सारे जबाव ले कर आये पर सब वैसे ही थे जैसे मैंने ऊपर उल्लेखित किया । अब हमारे सामने समस्या यह थी कि विस्टा को रिस्टोर कैसे करें क्योंकि हमारे पास कोई सीडी नहीं थी क्योंकि विस्टा प्रिलोडेड था और यू.एस. से लेपटाप खरीदा था और वारंटी भी केवल वहीं की थी तो हम सोनी वायो से भी कोई मदद नहीं ले सकते थे। अब चूँकि हम कम्प्यूटर के पुराने खिलक्क्ड़ थे तो हार तो मानने वाले नहीं थे बार बार पावर आन कर एफ़ १ से एफ़ १२ तक और डिलीट सब बटन दबा कर देख लिया तो काम का बटन मिला एफ़१० (F10) और वहां अपना डाटा बैक़अप लेने के लिये आप्शन मिल गया वो भी customized अपना सारा डाटा बैक़अप डीवीडी पर लेने के बाद तो कोई चिंता ही नहीं थी। अब तो कुछ भी करने के लिये स्वतंत्र थे।

फ़िर वहां एक और आप्शन था रिस्टोर फ़ेक्टरी सेटिंग्स जिससे हमारा पूरा डाटा चला जाता और जैसे फ़ेक्टरी से प्रिलोडेड विस्टा निकला था वैसा हो जाता पर वापस पूरा डाटा जगह पर कापी करना और जगह जगह से बटोरे गये फ़्री टूल्स को वापिस लाने का समय नहीं था हमारे पास, हम सोच रहे थे कि कैसे भी वह समय बचा लिया जाये।

वहीं एक और आप्शन मिल गया विन्डोज बेस्ट रिस्टोर जिससे पुरानी बेस्ट सेटिंग रिस्टोर करके विन्डोज स्टार्ट हो गया।

और आखिरकार हम माइक्रोसोफ़्ट विस्टा के बग से लड़ाई जीत ही गये।