आचार्यकुलम

बाबा रामदेव के स्कूल में एडमीशन

यह बात है वर्ष 2014 की जब भारतवर्ष में चुनावी बिगुल बजा हुआ था और बाबा रामदेव खुलेआम भाजपा का समर्थन कर रहे थे व वित्त के क्षैत्र में बहुत से ऐसे ऐसे बयान दे रहे थे, कि हमें भी आश्चर्य होता था कि ऐसा हो ही नहीं सकता और ये व्यक्ति जो कि इतने लोगों की सोच प्रभावित करता है कैसे कह सकता है कि अगर पेट्रोल 30-40 रूपये चाहिये तो भाजपा को जिताओ। इतना प्रचार किया था कि बताया नहीं जा सकता था, उस समय कई फ़ोरम में मैंने अपने विचार रखे तो लोगों ने मुझे पसंद नहीं किया। खैर हम तो इतना जानते हैं कि बाबा रामदेव को सरकार बनने के बाद ही संसद के सामने धरने पर बैठकर सरकार से माँग करनी चाहिये थी कि पेट्रोल 30-40 रूपये प्रति लीटर करो।

हुआ उसका बिल्कुल उलट अब हम 30-40 रूपये पेट्रोल के लिये प्रति लीटर ज़्यादा दे रहे हैं, अब जो बाबा रामदेव कह रहे हैं कि सरकार देश कैसे चलायेगी अगर पेट्रोल सस्ता हो जायेगा। यह बात हमने फ़रवरी 2014 में जब बाबा रामदेव के स्कूल में बेटेलाल का एडमीशन करने के दौरान उनके मैनेजमेंट को भी कही थी।

दरअसल हुआ यह था कि बाबा रामदेव ने हरिद्वार में नया स्कूल खोला था, जिसमें कि वेदों के साथ साथ अंग्रेज़ी में भी पढ़ाई होती है, हमने बैंगलोर में एडमीशन टेस्ट दिलवाया था, फिर सिलेक्शन होने पर कहा गया कि हरिद्वार में उनके स्कूल आचार्यकुलम में 7 दिन बच्चे को रहना होगा, और वे देखेंगे कि बच्चा वाक़ई उनके स्कूल के काबिल है या नहीं। तब हम हरिद्वार गये और बेटेलाल को 7 दिन के लिये स्कूल में छोड़ दिया। जब 7 दिन बाद हम वापिस लेने गये तो उनके आचार्य जी ने कहा कि हमने आपके बेटे की सबसे ज़्यादा अनुशंसा की है क्योंकि बालक मेधावी है। फिर पता चला कि अब अभिभावकों का मैनेजमेंट से साक्षात्कार होगा।

उस समय हमारा भारत के बाहर जाने का प्लान भी बन रहा था, हमसे पूछा कि भारत से बाहर क्यों जाना चाहते हैं। हमने कहा कौन बेहतर विकल्प नहीं अपनाना चाहेगा। फिर पूछा कि आप तो वित्त क्षैत्र से जुड़े हैं तो बताइये कि आप बाबा रामदेव के चुनावी मुद्दों में इकॉनोमिक्स के विचारों को कैसे देखते हैं, तो हमने बिना लाग लपेट के कह दिया कि बाबा रामदेव के विचार अपनी जगह और व्यवहारिक दुनिया में यह संभव नहीं। बाबा रामदेव जिन बातों को समझते नहीं क्यों उन पर अपने विचार रखते हैं। फिर हमसे पूछा गया कि अगर किसी कारण से बाबा रामदेव या स्कूल कहता है कि तत्काल ही 50-70 हज़ार रूपये जमा करवाइये बिना सवाल जबाब के, तो आप करवा पायेंगे। हमने कहा अगर यह रूपये हमारे बालक के किसी कार्य के लिये करवाये जायेंगे व हम उस कारण से पूर्ण रूप से संतुष्ट होंगे तो करवा देंगे।

फिर बाद में एडमीशन की लिस्ट जारी हुई तो हमारे बेटेलाल का नाम उसमें नहीं था, आचार्य जी आये और बोले कहीं कुछ गड़बड़ हुई है, मैं पता करके आता हूँ। वे पता करके आये बोले कि आपका बच्चा तो एडमीशन के लिये पास था, पर आप साक्षात्कार में फेल हो गये, आपने अपने विचार उचित दिशा में नहीं रखे। हम मन ही मन हँसे कि हम तो वैसे भी यहाँ एडमीशन करवाने वाले थे नहीं, पर कम से कम बाबा रामदेव के स्कूल और मैनेजमेंट के मन की खो़ट तो हमें पता चल गई।

आज भी यह क़िस्सा इसलिये लिख रहा हूँ कि जब एक पत्रकार ने पूछा था कि बाबाजी आपने कहा था कि पेट्रोल 30-40 रूपये हो जायेगा, तो बाबा रामदेव ने कहा तो क्या पूँछ पाड़ेगा मेरी।

5 thoughts on “बाबा रामदेव के स्कूल में एडमीशन

  1. हा हा बाबा रामदेव नाम के राम लगे हैं अब तक,जनमानस को एकत्र करने की कला का उनका कोई तोड़ नहीं ,निश्चित रूप से बाबा ने योग सिखाकर जन मानस को लाभान्वित किया है लेकिन लाभान्वित वे ही हुए जिन्होंने अपने मन और बुद्धि से अपने शरीर की क्षमता को समझते हुए योग सीखा और उपयोग किया। आपने भी वही किया, 7दिन की शिक्षा में जीवन मंत्र अपने बच्चे को दिलवा कर। अपने जीवन में क्या सही और क्या गलत ,आपका बच्चा प्रायोगिक तरीके से समझ चुका। वेद में भी यही सब होगा ।😂

  2. बाबा रामदेव के लोगो की पारखी नजर ने आपके अंदर के कुसंस्कार को पहचान लिया और समझ गए कि जैसा परिवार वैसा संतान। बाबा रामदेव ने आपके बच्चे को एडमिशन न देकर बाकी बच्चों को कुसंस्कारों से बचाया।बाबा रामदेव ने सवालों के जरिये आपके अंदर के मक्कारी को पहचान लिया।वो समझ गए कि आपका उद्देश्य एडमिशन नही कुछ और हैं।आप राजनीति से प्रेरित लोग विदेशों में ऐश करके लाखो लुटाएंगे और यँहा पेट्रोल की कीमत में जरा सी बढ़ोतरी पर छाती पीट कर विधवा की तरह विलाप करेंगे।आपने ब्लॉग में यह आर्टिकल लिख कर इस बात को prove भी कर दिया।बहुत अच्छा किया जो उन्होंने आपको आईना दिखा दिया।अब आईना तोड़ने से कुछ नही होगा।मक्कारी कम करो।खुद को और बच्चे को अच्छे संस्कार सिखाओ , लोगो की परीक्षा लेना बंद करो।बनिया हो बनियागिरी तक ही बुद्धि चलेगी तेरी।

    1. ब्लॉग पर फेसबुकियों भगत के कमेंट से पुराने ब्लॉग के दिन याद आ गये।

  3. बाबा रामदेव पर भरोषा करना अपने आपको धोखा देना है
    बड़बोलापन जिसके पास होता है उसकी बुद्धि घुटनों में रहती है

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