All posts by Vivek Rastogi

About Vivek Rastogi

मैं २००६ से हिन्दी ब्लॉगिंग कर रहा हूँ, और वित्त प्रबंधन मेरा प्रिय विषय है। मेरा एक यूट्यूब चैनल भी है जिसे आप https://youtube.com/financialbakwas देख सकते हैं।

सप्ताहांत और कोरोना के बढ़ते मरीज़ों के कारण बाज़ार सहमे

आज का बाजार Gap Down opening के साथ खुला, Nifty लगभग 80 प्वाईंटस नीचे खुला 14326 पर। फिर उसके बाद जल्दी ही Nifty ने अच्छी रिकवरी दिखाई और दिन के उच्चतम स्तर 14460 तक जा पहुँचा। पर उसके बाद फिर से Nifty में Downtrend movement देखने को मिला और उसके बाद गिरता ही गया, जिससे आखिरकार Nifty 14341 पर बंद हुआ।

वहीं BankNifty भी Gap Down opening के साथ खुला BankNifty लगभग 300 points नीचे खुला 31490। फिर उसके बाद BankNifty लगातार दिनभर अपना अच्छा प्रदर्शन करता रहा और अपने आज के उच्चतम स्तर 32148 को छूकर फिर से Downtrend movement के चलते 31722 पर बंद हुआ।

बाज़ार में आख़िरी घंटे में कुछ शेयरों में शॉर्ट कवरिंग देखी गई। और ऐसा लग रहा था कि Nifty व BankNifty अपने आज के उच्चतम स्तर पर बंद हो सकते हैं, परंतु बाज़ार सप्ताहांत और कोरोना के मरीज़ों की रोज़ की संख्या 3 लाख से ज़्यादा होने को देखकर सहम गया और बंगाल के चुनाव होने के बाद पूरे देश में फिर से LockDown के अंदेशे को देखकर Downtrend Movement देखने में आया।

Nureca में निवेशकों व ट्आरेडर्जस को सुबह कुछ देर तक ट्रेडिंग का मौका मिला फिर दिनभर अपर सर्किट ही रहा, आज का भाव रहा 1279.65

बाजार कई बार चार्टस देखकर नहीं चलता जैसे कि कल लग रहा था कि अगले सप्ताह से बाजार बुलिश मोड में आ जायेगा और निफ्टी 16,000 की यात्रा शुरू करेगा। परंतु फिर भी अब Nifty के लिये 14000 का स्तर बहुत महत्वपूर्ण है, अगर 14000 का स्तर टूटता है तो 13650 पर सपोर्ट है।

EKC आज फिर अपर सर्किट पर खुला, आज का भाव रहा 133.50 रूपये । यह हमने 77 रूपये में खरीदा हूआ है।

Lasa जो कि कल 69 रूपयों में लिया था, उसमें आज इंट्राडे कर लिया, 79 में बेचकर अंत में वापिस से 72 रूपये में ख़रीद लिया। इसमें आज हमने 7 रूपये प्रति शेयर का लाभ अर्जित किया।

आज XELPMOC small quantity अपने portfolio के लिये खरीदा भाव 280 रूपये।

RAILTEL आज हमने 115 में ख़रीदा जिसका CLBS 90 रुपये रखा है, और टार्गेट 125, 151, 174, 191-210++ है, आज अंततः RAILTEL 123.20 रूपये पर बंद हुआ। ध्यान रहे RAILTEL ने 10% का डिविडेंड दिया था, हालांकि यह बेहद कम है।

APCOTEX जो कि 183.44 में ख़रीदा हुआ था, आज 201 रूपये में बेच दिया लगभग 10% लाभ अर्जित किया।

इसके अलावा कुछ ऑप्शन सेलिंग में भी पोजिशन ले रखी हैं 

जिसमें AMARARAJA, HDFCBANK & PFC के पुट्स हैं।

यहाँ पर दी गई जानकारी केवल वही है जो मैंने साझा करनी चाही है, मेरे पास और भी होल्डिंग है जिसके बारे में यहाँ जानकारी नहीं दी गई है।

Legal Declaimer – I am not SEBI Registered Research Analyst. All Posts, Views & Ideas are for Educational purpose only. I am not responsible for your Profit & Loss. Please consult your Financial Advisor before making any Investment / taking any trade position in market.

निफ़्टी बुल

वीकली एक्सपायरी में बुल ने दिखाई ताक़त, निफ़्टी 14406 पर बंद

आज का बाजार जबरदस्त तरीके से नीचे खुलने के बाद भी निफ्टी 80 प्वाईंटस नीचे गिरा हुआ 14219 पर खुला। निफ्टी ने अपने ओपनिंग लेवल्स पर सस्टेन करने की बहुत कोशिश करी। बाजार खुलने के कुछ ही मिनिटों के अंदर निफ्टी 14151 के निम्नतम स्तर तक आया और उसके बाद अच्छी तरह से ऊपर और ऊपर ही जाता रहा। निफ्टी आखिरकार लगभग अपने अधिकतम स्तर 14406 पर बंद हुआ। निफ्टी का आज का उच्चतम स्तर 14424 रहा। वैसे ही बैंकनिफ्टी ने 30763 पर खुला और निम्नतम 30555 तक जाकर जबरदस्त उछाल आई और आज का उच्चतम स्तर 31834 पर आने के बाद बैंकनिफ्टी 31782 पर बंद हुआ। निफ्टी 14400 के ऊपर बंद होने में मेटल्स का जबरदस्त हाथ रहा।

सनद रहे आज बाजार की साप्ताहिक एक्सपायरी थी।

Nureca आज फिर अपर सर्किट के साथ ही खुला और बंद हुआ, आज का भाव रहा 1218.75, आज हमने आपनी 50% Holding बेच दी। लगभग 42% का लाभ अर्जित किया। ये हमने 15 अप्रैल को खरीदे थे। बाकी को 50% अभी बचाकर रखे हैं।

बाजार के चार्टस देखकर लगता है कि अगले सप्ताह से बाजार बुलिश मोड में आ जायेगा और निफ्टी 16,000 की यात्रा शुरू करेगा।

EKC आज फिर अपर सर्किट पर खुला, आज का भाव रहा 121.75। अभी तक 58% लाभ में हैं, यह हमने 77 रूपये में खरीदा हूआ है।

IndiaBulls Housing की खबर आज बाजार में आई कि अब लोन में HDFC Bank के साथ यह इनका भी शेयर होगा। इस खबर के चलते आज यह तेजी में रहा और उच्चतम 185.70 तक गया, 176.95 पर बंद हुआ। हमने यह शेयर 13 मार्च 2021 को 165 रूपये में ले रखा है। अब कुछ और समय रखने के बाद इसके चार्ट देखकर कब निकलना है इसका निर्णय लेंगे।

आज इंट्राडे के लिये Lincoln लिये थे, 255 में SL 250 रखा था। फिर 267 रूपये में बेचकर बाहर हो गये। लगभग 17 रूपये प्रति शेयर का लाभ अर्जित किया।

आज Dmart small quantity अपने Long Term portfolio के लिये खरीदी भाव 2700 रूपये।

Snowman खरीदा आज 51.90 रूपये में SL 50 रूपये रखा, 54 रूपये के भाव पर निकल गये, लगभग 2.10 रूपये प्रति शेयर का लाभ अर्जित किया।

Lasa लिया 69 रूपये में SL 62 रूपये रखा, जिसकी उम्मीद थी कि आज अपर सर्किट पर बंद होगा पर नहीं हुआ, आज यह शेयर 72.10 रूपये पर बंद हुआ। हालांकि हमने 50% Quantity 75.50 रूपये में बेचने का ऑर्डर लगा रखा था, क्योंकि 75.75 रूपये पर अपर सर्किट की लिमिट थी ।

फिर प्रेम भाई का एक ट्वीट भी आया था आज Navin Flourin और Deepak Nitrite पर

नवीन दीपक दो थे भाई

सर्किट लगने हुई लड़ाई

नवीन बोला मैं लगाऊँगा

दीपक बोला मैं लगाऊँगा

सुनके दोनों की मम्मी आई

दोनों को एक चपत लगाई

बोली – नवीन बेटा तू सर्किट लग जा

दीपक बेटा तू भी लग जा

Anjani Food 193.55 रूपये पर Long Term Portfolio के लिये खरीदा।

Weekly Expiry Trades –

Nifty 14250 CE Bought at 40, Few Lots exited at 80 and then 100 Full profit booked, Todays High was 179.80

Banknifty 31600 CE Bought at 20, Few Lots exited at 40 and then 60 Full profit booked, Todays high was 222.75

Banknifty 31500 CE Bought at 25, Few Lots exited at 50 and then 75 Full profit booked, Todays high was 317.60

Corresponding Hedge Trade also took PE, जिसके कारण मैंने अपनी रिस्क को कम किया।

इसके अलावा कुछ ऑप्शन सेलिंग में भी पोजिशन ले रखी हैं 

जिसमें AMARARAJA, HDFCBANK & PFC के पुट्स हैं।

यहाँ पर दी गई जानकारी केवल वही है जो मैंने साझा करनी चाही है, मेरे पास और भी होल्डिंग है जिसके बारे में यहाँ जानकारी नहीं दी गई है।

Legal Declaimer – I am not SEBI Registered Research Analyst. All Posts, Views & Ideas are for Educational purpose only. I am not responsible for your Profit & Loss. Please consult your Financial Advisor before making any Investment / taking any trade position in market.

मोटापा कम कैसे करें

मोटापा कम कैसे करें

जब पिछला ब्लॉग लिखा तो बहुत से मित्रों का आग्रह था कि मोटापा कम कैसे करें, इस पर भी लिखें। दरअसल मैं अपने ही मोटापे से बहुत परेशान हूँ, शायद यह मेरे शरीर की प्रकृति है कि थोड़ी सी खानपान में ढ़ील दो और मोटापा वापिस से शरीर पर हावी होने लगता है। जब मोटापा शरीर पर चढ़ता है तो बहुत सारी तकलीफ़ें भी साथ में लेकर आता है, जैसे कि उच्चरक्ताचाप, मधुमेह, मुझे उच्चारक्ताचाप है, जब मैं अपनी ज़बान पर कंट्रोल रखता हूँ तब कई बार तो डॉक्टर ने ख़ुद ही मेरी बीपी की दवाई बंद कर दी थी। पर वजन बढ़ने पर फिर से बीपी की दवाई शुरू हो जाती है। खर्राटे शुरू हो जाते हैं। दिनभर अपना पेट ऐसा लगता है कि फूले ही जा रहा है, कुल मिलाकर कोई बहुत अच्छा नहीं लगता है।

मोटापा कंट्रोल करना इतना मुश्किल भी नहीं पर उतना आसान भी नहीं। मैं अपना तरीक़ा बता सकता हूँ कि मैंने कैसे मोटापे को कंट्रोल किया था।

खानपान पर संयम –

क्या नहीं खाना है – डेयरी उत्पाद बिल्कुल भी नहीं लेने हैं, दूध, दही, घी, पनीर।

डब्बाबंद पोलीथीन वाली चीजें नहीं खानी है – चिप्स, नमकीन, मिठाई, बिस्कुट

खाना क्या है – सलाद, फल, अंकुरित खाने में 70% कच्चा याने कि सलाद 30% पका हुआ।

पेट को साफ़ करने के लिये – एक महीने तक तीन समय पानी से एनिमा लेना है।

शरीर को हल्का रखने के लिये – दिन में कम से कम दो बार यानि कि सुबह और शाम नहाना है, हो सके तो तीन बार याने कि दोपहर में भी नहाना है।

16 घंटे का व्रत रोज़ रखना है, जिसमें पानी भी नहीं पीना है, कुछ खाना भी नहीं है। मतलब अगर शाम 8 बजे खाना खा लिया फिर उसके बाद अगले दिन दोपहर 12 बजे तक कुछ नहीं खाना पीना है। इसे आजकल की आधुनिक भाषा में इंटरमिटेंट फास्टिंग भी कहा जाता है।

दोपहर 12 बजे पहले थोड़ा थोड़ा पानी पियें, फिर अगर हो सके तो हरी पत्तियों के रस का सेवन करें लगभग 300ml, उसमें पालक, धनिया, पुदीना, एक नींबू, 4 आँवले डालना है, इस रस में आप हर वो पत्ती डाल सकते हैं जिसका फल हम खा सकते हैं, जैसे कि आम, अमरूद, चीकू, सहजन फली की पत्तियाँ इत्यादि।

फिर जब भी भूख लगे आप फलों का सेवन करें, मौसमी फलों का उपयोग करें, जो भी बाज़ार में सबसे सस्ते मिलते हैं वही मौसमी फल होते हैं। जैसे अभी खरबूज, तरबूज़ का मौसम है, फिर आम का मौसम आ रहा है। फल जितना खा सकते हैं उतना खायें कोई रोक टोक नहीं, केवल केले व चीकू पर संयम रखें क्योंकि इनमें शक्कर की मात्रा ज़्यादा होती है और 12 महीने उपलब्ध होते हैं।

दोपहर को फलों के बाद आप भरपूर मात्रा में सलाद का सेवन करें, जैसे ककड़ी, गाजर, टमाटर (टमाटर के बीज निकाल दें), शिमला मिर्च इत्यादि।स्वाद न आये तो हरी चटनी बनाकर रखें और उसके साथ खायें। नींबू निचोड़े सकते हैं।

शाम को फिर से फल या सलाद खा सकते हैं, रात्रि भोजन में 70% सलाद और 30% पका हुआ, उस 30% में भी आधे से अधिक भाग आपका पकी हुई सब्ज़ी व दाल का होना चाहिये, केवल एक या दो रोटी या फिर थोड़े से चावल साथ में लें।

दिनभर पानी पीते रहें, कम से कम 3 लीटर पानी पीना है।

शुरू में आपको कच्चे फलों व सलाद में स्वाद नहीं आयेगा, क्योंकि हमें हर चीज में शक्कर या नमक या मसाले डालकर खाने की आदत हो गई है।पर धीरे धीरे स्वाद ग्रंथियों को अपना ओरिजनल स्वाद याद आ जायेगा। हमने अपनी ज़बान को तला गला मसाले वाला खिलाखिलाकर इतना ख़राब कर दिया है कि हमें फल व सब्ज़ियों में स्वाद ही नहीं आता। जब आप यह शुरू के 15 दिन करेंगे तो आपको ख़ुद ही सब्ज़ियों के स्वाद का पता चलने लगेगा। आपको सलाद व फल अच्छे लगने लगेंगे। पेट कम खाने में ही भर जायेगा।

इससे वजन तो आश्चर्यजनक रूप से कम होगा ही, साथ ही आप अपनी नींद की क्वालिटी में सुधार देखेंगे, दिनभर इतनी ऊर्जा आपके पास आ जायेगी कि आपको ख़ुद ही आश्चर्य होगा। आपका मन अपने कार्य में अच्छे से लगेगा।

इन सबका लाभ लेते हुए अगर सुबह 30 मिनिट का ध्यान करें तो वह सोने पर सुहागा होगा।

यह पढ़ना जितना आसान है, इसे करना उतना ही कठिन। कुछ प्रश्न हों तो कमेंट में पूछियेगा।

Nifty 20 April 2021

Nureca, EKC में लगी हुई है आग, भले बाज़ार है वोलेटाईल

आज बाजार जबरदस्त तरीके से वोलेटाईल रहा, बाजार तेजी के साथ खुले निफ्टी 14500 पर खुले और फिर बाजार में मुनाफा वसूली का दौर आया और अंतत: 15296 पर बंद हुआ। वैसे ही बैंक निफ्टी भी बहुत वोलेटाईल रहा, बैंकनिफ्टी 31731 उच्चतम रहा और 31112 पर बंद हुआ, वहीं निम्नतम 30891 तक गया।

हमारे कुछ ट्रेड जो आज किये –

MMTC खरीदे आज के भाव में 39.5 क्लोजिंग बेसिस पर स्टॉप लॉस है 35.5, हमारा टार्गेट है 48-50++

Gufic Bio – आज इंट्राडे के लिये ट्रेड करी, जिसे हमने 121 में खरीदा और तेजी की संभावना के चलते टार्गेट 125,128 था, हालांकि हम मात्र 1% के प्रॉफिट पर बाहर हो गये, पर बाद में हमारे सारे टार्गेट पूरे हुए और 126 पर बंद हुआ।

EKC -Everest Kanto Cylinder LTD – यह हमने 2 दिन पहले 77 रूपये पर लिया था, आज 102.75 में होल्डिंग का 60% बेच दिया, जो कि हमारी मूलपूँजी थी, अब 40% जो कि लाभ है वह बाज़ार में निवेशित है, हालाँकि हमारे बेचने के बाद आज EKC फिर से 20% अपर सर्किट पर बंद हुआ, सनद रहे कि कल भी अपर सर्किट पर बंद हुआ था। EKC ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने का काम करती है।

Nureca हमने 15 अप्रैल को ख़रीदा था 861.10 में ख़रीदा था, जो कि लगातार अपर सर्किट लगते हुए आज 1160.75 पर बंद हुआ है, Nureca हाल ही में ही लिस्ट हुई है और इनके फ़ेमस ब्रांड बाज़ार (Dr. Trust, Dr Physio & Trumom) हैं जो कि सीधे चीन के बाज़ार को टक्कर दे रहे हैं, इनके सारे उत्पाद मेडिकल के हैं, जिनकी आजकल बहुत ज़्यादा डिमांड है। अभी भी रखे हुए हैं, बेचे नहीं हैं।

HDFCAMC आज शार्ट टर्म के लिये खरीदे भाव 2789.70, एकदम से टार्गेट 3000 व उससे ज्यादा।

पहले की लांग टर्म होल्डिंग जिसमें आज धमाके हुए –

SUBEX खरीदी 27 रूपये आज 60 रूपये हुआ

GICRE खरीदी 138.80 आज लगभग 208 रूपये हुआ

TATACHEM खरीदी 516 आज लगभग 742 हुआ

SMSPharma खरीदी के भाव के आसपास वापिस आया 146 रुपये

इसके अलावा कुछ ऑप्शन सेलिंग में भी पोजिशन ले रखी हैं

जिसमें AMARARAJA, HDFCBANK & PFC के पुट्स हैं।

यहाँ पर दी गई जानकारी केवल वही है जो मैंने साझा करनी चाही है, मेरे पास और भी होल्डिंग है जिसके बारे में यहाँ जानकारी नहीं दी गई है।

Legal Declaimer – I am not SEBI Registered Research Analyst. All Posts, Views & Ideas are for Educational purpose only. I am not responsible for your Profit & Loss. Please consult your Financial Advisor before making any Investment / taking any trade position in market.

समय बहुत भयावह है, संयम रखें, ज़बान और दिमाग़ पर भी

समय बहुत भयावह है, संयम रखें। सबका नंबर आयेगा, अगर अब भी न सुधरे तो। कुछ दिन अपनी ज़बान पर लगाम दो, अपने फेफड़ों को मज़बूत करो, ठंडी चीजें मत खाओ पियो, ज़बान का स्वाद यह गर्मी के लिये रोक लो, इस गर्मी अपने शरीर को थोड़ा कष्ट दे लो। आप जितनी ज़्यादती अपने फेफड़ों के साथ करोगे, ऐन वक़्त पर फेफड़े आपको दगा दे जायेंगे। कोशिश करें कि साधारण तापमान का ही पानी पियें, ठंडे पानी को, बर्फीले शर्बत को न पियें। फेफड़ों को ज़्यादा तकलीफ़ न दें।

केवल फेफड़े ही नहीं, जितनी ज़्यादा काम आप अपने शरीर के अंगों से करवायेंगे, उतना ही ज़्यादा समस्या है। कुछ लोग इस बात को हँसी में लेंगे, पर दरअसल उन्हें पता ही नहीं कि हम प्लेट प्लेट भर खाना खाने वाले इंसानों को मुठ्ठीभर खाना ही ऊर्जा के लिये काफ़ी होता है। खाने में ऊर्जा नहीं होती, यह हमारे मन का वहम है। जैसे सुबह हम कहते हैं कि नाश्ता नहीं किया तो ऊर्जा कहाँ से आयेगी, पर वहीं दिन का खाना या रात का खाना खाने के बाद आप शिथिल क्यों हो जाते हो। जब भी कुछ खाओ तो उस हिसाब से तो हमेशा ही ऊर्जा रहनी चाहिये। पर यह तर्क भी लोगों को समझ में नहीं आता।

जब भूख लगे तभी खाओ, यह नियम ज़िंदगी में बना लेंगे तो हमेशा खुश रहेंगे। हम क्या करते हैं कि खाने के समय बाँध लेते हैं, सुबह ८ बजे नाश्ता करेंगे, ११ बजे फल खायेंगे फिर १ बजे दोपहर का भोजन करेंगे, ४ बजे शाम का नाश्ता करेंगे, ७ बजे खाना खायेंगे। कुछ लोग तो शाम को दो बार भी नाश्ता कर लेते हैं और फिर कहते हैं आज तो कुछ खाया नहीं फिर भी पेट भरा हुआ है, अब रात का खाना थोड़ा ओर देर से करेंगे। इस तरह हमने अपना हाज़मा भी बिगाड़ रखा है, और अपनी जीवनशक्ति के साथ हम खिलवाड़ करते हैं।

मुझे जब भी भूख लगती है, तो सबसे पहले मैं बहुत सारा पानी पीकर चेक करता हूँ कि वाक़ई मुझे भूख लग रही है या फिर दिमाग़ खाने का झूठा सिग्नल भेज रहा है, क्योंकि दिमाग़ को तो ज़बान ने कह दिया कि कुछ खाने का इंतज़ाम करो बढ़िया सा, जिसमें बढ़िया स्वाद हो, ताकि यह समय बहुत अच्छा निकले, तो दिमाग़ को खाने का झूठा सिग्नल भेजा जाता है, परंतु अगर मन अपना वश में रखें और स्वादग्रंथियों को पानी का एक लीटर स्वाद चखने को मिल जाये, फिर पेट भी सिग्नल भेजता है, कि अब कुछ ओर रखने के लिये जगह नहीं है, यहाँ मामला फ़ुल है। तो बस ज़बान निराश हो जाती है और चुपचाप रहकर कुछ ओर समय का इंतज़ार करती है। उस समय ज़बान फिर नाटक करेगी, ज़बान कसैली या स्वादहीन हो जायेगी, जिससे आर्टीफीशियली दिमाग़ को लगेगा, इससे शरीर को तकलीफ़ हो सकती है तो दिमाग़ भी सिग्नल देगा, कुछ तो खा लो, भले चुटकी भर कोई चूरण खा लो, ये ज़बान बहुत परेशान कर रही है।

पूरी प्रक्रिया यही है, लिखने को तो बहुत कुछ है, परंतु अब अगले ब्लॉग में, अगर इन स्वाद ग्रंथियों ओर शरीर के इन अवयवों पर कंट्रोल कर लिया तो हम ज़्यादा सुरक्षित हैं। हालाँकि इसके लिये दिमाग़ को वैसा ही पढ़ने लिखने के लिये साहित्य भी देना होगा, साथ ही अपने आसपास का वातावरण भी ऐसा हो सुनिश्चित करना होगा।

कोरोना काल में मदद केवल धन से ही नहीं, अपने समय से भी कर सकते हैं

कोरोना के इस काल में अगर आप दान देना ही चाहते हैं, तो केवल किसी को सही राह दिखाकर सहायता को भी दान समझ सकते हैं, दवाइयाँ, ऑक्सीजन, अस्पताल में बिस्तर सबकी अपनी एक सीमित मात्रा है, अगर हम थोड़ा समय निकालकर फ़ोन करके, ट्वीटर के ज़रिये भी कुछ मदद कर पायें तो वह भी एक बड़ी मदद होगी। नकारात्मकता को हटाना ही होगा, कोरोना मरीज़ों से फ़ोन पर बात करके उनकी जीवटता को बढ़ाना भी मदद ही होगी, कहने का अर्थ यही है कि जितनी मदद अपनी जगह से कर सकते हों, करें। पीछे न हटें, और जो यह मदद रूपी दान आप कर रहे हैं, उसके लिये किसी को कुछ बताने की ज़रूरत नहीं। बस आप मदद करते चलें।

हमारे लगभग हर पुरातन ग्रंथों में कहा गया है कि कोई भी कार्य स्वार्थवश व भौतिक लाभ से प्रेरित की आकांक्षा से किया जाता है तो वह सात्विक नहीं होता, रजोगुणी हो जाता है। कार्य तो सभी करते हैं परंतु केवल करने का हेतु जो भी मन में होता है, अगर उसमें कुछ लालच होता है, तो ही उसका गुण बदल जाता है। इसलिये हमें सिखाया जाता है कि अपना मन भी शुद्ध रखना है। अपने मन को भटकने नहीं देना है, अपने किसी भी कार्य को दंभपूर्वक न करें, न ही उसमें किसी सम्मान, सत्कार व पूजा की आकांक्षा रखें। वहीं अगर कोई कार्य आप बहुत अच्छा कर रहे हैं, परंतु उसका मंतव्य किसी को पीड़ा पहुँचाना, किसी को नीचा दिखाना या किसी को हानि पहुँचाना है तो आपकी इच्छा तामसी हो जाती है। केवल इच्छा मात्र से ही परिणाम बदल जाता है, गुण बदल जाता है।

अगर कोई भी कार्य आप कर रहे हैं तो कोशिश करें कि अपना मन साफ़ रखें, अपने मन में किसी के लिये बुराई न हो, न ही किसी के बारे में अहित सोचें, तभी वह कार्य सात्विक हो पायेगा। जहाँ दंभ, सम्मान, सत्कार व पूजा कराने की प्रवृत्ति आ जाती है, तो यह राजसी गुण हो जाता है। जिसे रजोगुण भी कहा जाता है।

आजकल दान देना कोई बहुत आसान कार्य नहीं है, क्योंकि यह सभी को भारी पड़ता है। ध्यान रखें कि जब दान देते हैं तो परोपकार की मंशा से, कर्तव्य समझकर, बिना किसी लाभ की भावना के, सही जगह व सही स्थान और सही व योग्य व्यक्ति को दिया जाता है, वही दान सात्विक माना जाता है। वैदिक साहित्य में अविचारपूर्ण दान की संस्तुति नहीं है। वहीं जो दान लाभ की भावना से, कर्मफल की इच्छा से या अनिच्छापूर्वक किया जाता है, दान का गुण बदल जाता है, ऐसा दान रजोगुणी कहलाता है। दान कभी स्वर्ग जाने के लिये दिया जाता है, तो कभी अत्यंत कष्ट से तथा कभी इस पश्चात्ताप के साथ कि मैंने इतना व्यय क्यों किया, कभी कभी अपने वरिष्ठजनों के दबाव में आकर भी दान दे देते हैं। तो ऐसे दान राजस गुण युक्त होते हैं।

वहीं जो दान किसी अपवित्र स्थान, अनुचित समय में, किसी अयोग्य व्यक्ति को या बिना समुचित ध्यान व आदर के साथ दिया जाता है, ऐसा दान तामसीगुण से प्रभावित माना जाता है।किसी ऐसे व्यक्ति या संस्था को दिया गया दान, जो कि मद्यपान व द्यूतक्रीड़ा में संलग्न हो, उन्हें दान नहीं देना चाहिये।इससे ग़लत कार्यों को प्रोत्साहन मिलता है।

क्रूरता का काल

यह क्रूरता का काल चल रहा है, इतने परिचितों की मौत की ख़बर ने अंदर तक हिलाकर रख दिया है, दिल मायूस है, लगता है कि कैसे अब उनका परिवार बिना उनके रहेगा। परंतु सत्य तो यही है कि किसी के बिना दुनिया रुकती नहीं है। कलियुग का सबसे बड़ा फ़ायदा ही यह है कि हम ज़्यादा दिन किसी बात को ध्यान नहीं रख पायेंगे, काल हमारी बुद्धि हर लेगा, हमारी याददाश्त कमजोर कर देगा। हमेशा ही कई लोगों से जीवन में ऊर्जा मिलती है, परंतु जब वे चले जाते हैं तो एक प्रकार सा मन में नकारात्मकता तो आ ही जाती है।

अब समय आ गया है कि जब हम अपना मोह त्यागें, और मज़बूत बनें क्योंकि कोई भरोसा ही नहीं कब कौन चला जायेगा, पता नहीं कौन इस वक़्त अपनी ज़िंदगी के लिये साँसों को थामे मौत से लड़ रहा होगा। पता नहीं मौत को इतना क़रीब से देखकर व्यक्ति अंतिम पल में कैसा महसूस करता होगा, सारे रिश्तेनाते, घरबार, पैसे, गहने सब यहीं छूट जायेगा। जिस पल व्यक्ति इस शरीर को छोड़ेगा, और उस पल जो उसके पास होंगे, वे लोग शायद ही उस पल को आजीवन भूल पायेंगे।

मुझे याद है जब एक मित्र के भाई की मृत्यु के बाद हम श्मशान में थे, तो एक मित्र ने मुझसे कहा था देख भई क्या है ये संसार, जब तक उन भैया के अंदर जान थी, साँसें ले रहे थे, तब तक वे इस दुनिया के लिये कुछ थे, पर अब कुछ नहीं, थोड़े समय बाद राख में बदल जायेंगे, कहने को वे अपने जीवन में बहुत कुछ थे, पर मरते समय कुछ काम न आया। मरने के बाद कोई तो ऐसा शहर होगा जहाँ आत्माओं को बसाया जाता होगा, शायद ये आत्मा कहीं अपने ही घर में किसी फूल की ख़ुशबू बन जाती है, या फिर किसी फूल का रूप ले लेती हो, पता ही नहीं चलता, यह एक अनसुलझी पहेली है।

बेहतर यह है कि हम अपने जीवन को ऐसे जियें कि जिसमें हम दूसरे को अपने स्वार्थवश कोई परेशानी में न डालें। जब हम मुसीबत में होते हैं तो कोई एक मदद का हाथ कहीं अनजाने में आता है, वह कोई परोपकारी आत्मा होती है। हम बस इतना ही ध्यान रखें कि इन सीमित संसाधनों में दूसरों की भी परेशानी समझें और निःस्वार्थ भाव से जितना हो सके उतनी एक दूसरे की मदद करें। मदद न कर सकें तो रोने के लिये कम से कम अपना कंधा तो आगे बढ़ा ही सकते हैं।

Operator Drive Stock

हर बढ़ने वाला स्टॉक क्वालिटी स्टॉक नहीं होता Operator driven stocks

शेयर बाज़ार में हमेशा ही उठापटक होती रहती है, जहाँ निवेशक अनिश्चित रहते हैं कि कौन से स्टॉक में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लगायें। क्योंकि आपने भी यह लाईन जरुर पढ़ी होगी – शेयर बाज़ार में निवेश जोखिमों के अधीन है। पर क्या जोखिम है, यह कोई नहीं बताता, किस प्रकार से उन जोखिमों से बचा जाये, यह भी कोई नहीं बताता। इसलिये हम कहते हैं कि हर बढ़ने वाला स्टॉक क्वालिटी स्टॉक नहीं होता।

अब यही समझ लिया जाये कि क्वालिटी स्टॉक क्या होता है – क्वालिटी स्टॉक मतलब कि अच्छी कंपनी, जिसके उत्पाद बढ़िया हों, बाज़ार में आपको दिखते हों, या बाज़ार में उपयोग होने वाले उत्पादों में उनका रॉ मटेरियल के रूप में उनका प्रयोग होता हो। बहुत सी ऐसी कंपनियाँ भी होती हैं जहाँ आपको यह सब नहीं दिखेगा, परंतु वे क्वालिटी स्टॉक होते हैं, तो उसके लिये आपको बहुत पढ़ना होगा, समझना होगा। तभी आप पता लगा पायेंगे कि हाँ यह कंपनी वाक़ई काम क्या करती है। ये जो पढ़ाई का काम है, बहुत ज़रूरी है क्योंकि जितना ज़्यादा समय आप देंगे उतना ही ज़्यादा आपको कंपनी के कार्यों व भविष्य में यह कैसा प्रतिसाद देगी, पर आप कोई राय बना पायेंगे। बस समस्या यही है कि भारत में इसकी कोई औपचारिक पढ़ाई नहीं है, ख़ाली समय में टीवी या टाइमपास करने की जगह सीखने की जिज्ञासा रखना होगी।

स्टॉक का भाव बढ़ता कब है, यह भी समझना होगा, इसमें कई प्रकार की ख़बरें काम करती हैं। जैसे कंपनी को कोई बड़ा ऑर्डर मिला, जिससे कंपनी की वैल्युएशन १-२ वर्ष में अच्छी खासी बढ़ जायेगी या फिर कंपनी ने कोई ऐसा नया उत्पाद निकाला जिसकी बाज़ार में बहुत ज़रूरत है और बाज़ार उस उत्पाद को हाथोंहाथ लेगा, इससे भी कंपनी को बहुत फ़ायदा होगा। तो आपको हमेशा ही बिज़नेस न्यूज़ पर अपनी पैनी नज़र रखनी होगी। साथ ही यह भी सीखना होगा कि क्या वाक़ई इस ख़बर का कोई मतलब भी है या नहीं, या यह ख़बर ही झूठी है, जो कि कुछ ऐसे तत्त्वों के द्वारा फैलायी जा रही है जो इस कंपनी का भाव शेयर बाज़ार में कुछ समय के लिये बढ़ाना चाहते हैं।

किसी भी कंपनी का भाव बढ़ाने वाले लोग ऑपरेटर कहलाते हैं, जहाँ कोई ऐसी कंपनी जिसका न उत्पाद ही अच्छा है, और न ही प्रबंधन, परंतु अचानक ही बाज़ार में उससे संबंधित ख़बरें आपको हर तरफ़ दिखाई देने लगती हैं। धीरे धीरे वह कंपनी का नाम आपके लिये जाना पहचाना हो जाता है, तो आपको उस कंपनी के इर्दगिर्द बनाई कहानी वाली ख़बरों पर विश्वास होने लगता है। ऑपरेटर ये गेम बड़ा पैसा बनाने के लिये करते हैं, ऑपरेटर जब भी ये काम करते हैं तो वे कंपनी के प्रमोटरों के साथ मिले होते हैं, क्योंकि बिना प्रमोटरों की मिलीभगत के ऐसा होना बहुत मुश्किल है। प्रमोटर ऐसी स्थिति में अपना स्टैक बाज़ार से ख़रीदकर बढ़ा लेगा, या फिर दोस्तों के नाम या छद्म कंपनियों के नाम से शेयर ख़रीद लेगा, यही ऑपरेटर करेगा। जब वे अच्छी खासी मात्रा में शेयर ख़रीद लेंगे तब बाज़ार में ख़बरों को फैलाने का काम शुरू करेंगे। जब शेयर अपने उच्चतम स्तर पर होगा, तब प्रमोटर और ऑपरेटर अपने शेयर आम निवेशकों को बेचकर बाहर हो जायेंगे। अब चूँकि उस कंपनी में दम ही नहीं है और बाज़ार में वॉल्यूम अचानक से कम हो जायेगा तो शेयरों का भाव टूटना लाज़मी है।

मैं किसी कंपनी का नाम नहीं लूँगा, परंतु एक उदाहरण से समझाता हूँ किसी कंपनी का भाव 30 रूपये चल रहा है, और ऑपरेटरों ने प्रमोटरों के साथ साँठगाँठ करके बाज़ार में शेयरों का भाव बढ़ाने की बात की, कुछ ही दिनों में कंपनी का भाव 150 रूपयों तक चला गया, फिर 175 रुपये भी हो गया, यह भाव बढ़ने का कार्यकाल 6 महीने से 60 महीने या कुछ ओर भी बड़ा हो सकता है, जब कंपनी के प्रमोटरों और ऑपरेटरों ने देखा कि हाँ अब आम निवेशक उनकी फैलाई ख़बरों पर यक़ीन करने लगा है, तब वे बेचना शुरू करती हैं और जिस तेज़ी से शेयर का भाव ऊपर गया था, उससे ज़्यादा तेज़ी से नीचे आ जाता है, 175 रूपयों से 30 रूपयों तक वापिस शेयर का भाव आने में कुछ ही महीने लगेंगे। और हमारा आम निवेशक इतना भोला होता है कि वह उच्चतम क़ीमत पर शेयरों को ख़ुशी ख़ुशी ख़रीद लेता है, और कभी भी लॉस बुक करने की नहीं सोचता है, जब शेयर वापिस से 30 रूपये हो जाता है तो वह उस शेयर में लंबी अवधि का निवेशक बन जाता है, अपने आप का दिलासा देता है कि कभी न कभी तो इस कंपनी का भाव वापिस से 175 रूपये आयेगा, तब उसे बेच देगा।

इसलिये मैं कहता हूँ कि शेयर बाज़ार में एक्शन कम करना चाहिये, एक्शन के मुक़ाबले पढ़ाई कम से कम एक लाख गुना होनी चाहिये, तभी आपको अच्छे और ऐसे बुरे शेयर जो कि ऑपरेटर व प्रमोटर मिलकर चलाते हैं, समझ में आयेगा।

इनसाईडर ट्रेडिंग क्या होती है और यह भारत में Illegal क्यों है?

इनसाईडर ट्रेडिंग शेयर बाज़ार में अनुचित व अवैध प्रेक्टिस है, जहाँ अधिकतर शेयर निवेशकों को बेहद घाटा है क्योंकि उनके पास वह जानकारी नहीं है जो कि कंपनी के लोगों के पास होती है।

इसका मतलब यह है कि कंपनी के अंदर की किसी महत्वपूर्ण जानकारी से बहुत सारा पैसा बनाया जा सकता है जिससे शेयर बाज़ार में हो रहे शेयर के कारोबार में सही नहीं ठहराया जा सकता है।

इनसाईडर ट्रेडिंग क्या है?

भारत में सेबी जो कि शेयर बाज़ार की नियामक संस्था है के द्वारा इनसाईडर ट्रेडिंग को हतोत्साहित किया जाता है क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग प्रेक्टिस अनुचित है, और साधारण निवेशकों के साथ यह बेईमानी है।

शेयर बाज़ार में सूचिबद्ध शेयरों, प्रतिभूतियों (जैसे बांड, शेयर, स्टॉक ऑप्शन्स) में होने वाले कारोबार वाली कंपनियों में कोई भी ऐसी ख़बर जिससे कंपनी की कार्यप्रणाली, किसी बड़े निर्णय की पहले से जानकारी होना, व उससे फ़ायदे या नुक़सान का आँकलन कर उसमें ट्रेडिंग करना इनसाईडर ट्रेडिंग कहलाता है। इस जानकारी को नॉन-पब्लिक इंफर्मेशन कहा जाता है। जिससे कंपनी के अंदर का कोई भी व्यक्ति जिसे उन नॉन-पब्लिक इंफर्मेंशन की जानकारी होती है वह फ़ायदा होने की स्थिति में शेयर बाज़ार से ख़रीद लेता है, घाटा होने की स्थिति में शेयर पहले बेच देता है।

साधारण से शब्दों में अगर कहा जाये तो यह समझिये कि जिस जानकार व्यक्ति के पास कंपनी की अंदरूनी जानकारी है वह फ़ायदे में है और साधारण शेयरधारकों के पास वह जानकारी नहीं है। वह जानकार व्यक्ति कार्पोरेट ऑफ़िसर, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, एम्पलोई या वह जिसे इस नॉन-पब्लिक इंफर्मेंशन तक पहुँच है, हो सकता है।

इनसाईडर ट्रेडिंग के उदाहरण –

हम यहाँ तीन प्रकार के उदाहरण से समझेंगे –

१. किसी कंपनी के CEO के वकील को एक गोपनीय मीटिंग में यह पता चलता है कि अगले कुछ दिनों में ही CEO एकाऊँटिंग फ़्रॉड के कारण पकड़ा जायेगा।

इस परिस्थिती में वकील उस कंपनी के शेयरों को बाज़ार में बेच देगा, क्योंकि उसे पता है कि CEO के पकड़े जाने की ख़बर आने के बाद कंपनी के शेयर का भाव गिरेगा।

२. मान लीजिये कि मेरा कोई दोस्त किसी कंपनी में महत्वपूर्ण पद पर है और उसके पास बेहद महत्वपूर्ण जानकारी है कि उसकी कंपनी को बहुत बड़ा फ़ायदा होने वाला है, वह यह जानकारी मुझसे साझा करता है।

तो मैं उस कंपनी के शेयर उस समय बाज़ार भाव से बहुत ज़्यादा मात्रा में ख़रीद लेता हूँ, जब दो दिन के बाद वह ख़बर आम जनता को पता चलेगी तो उस शेयर का भाव बहुत बढ़ जायेगा।

मान लीजिये कि शेयर का भाव उस समय 400 रुपये चल रहा है और मैं उस कंपनी के 1000 शेयर ख़रीद लेता हूँ, तो मेरा निवेश 4,00,000 रूपये का हो जाता है।

अब उस कंपनी की ख़बर बाज़ार में आ जाती है और उस ख़बर से जो कि नये उत्पाद लाँच की ख़बर है, और उस तरह का उत्पाद बाज़ार में था ही नहीं, और उस उत्पाद की ज़रूरत भारत में लंबे समय से है तो कंपनी के शेयरों का भाव तेज़ी से बढ़ने लगेगा।

2-3 सप्ताह में ही कंपनी के शेयर का भाव 600 रुपये हो जाता है और मैं उन शेयरों को बेच देता हूँ, जो कि 600 रुपये के हिसाब से 1000 शेयरों का 6,00,000 रूपये हो जाता है। मेरा लाभ मात्र 2-3 सप्ताह में 40% हो जाता है, जो कि 2,00,000 रूपये होता है।

३. कोई व्यक्ति सरकारी अफ़सर है और उसे किसी नये क़ानून व नियम के बारे में पहले ही पता चल जाता है और उस नियम से ऑटो कंपनियों को बहुत फ़ायदा होने वाला है, और वह गोपनीय तरीक़े से ऑटो कंपनियों के बहुत सारे शेयर ख़रीद लेता है, क्योंकि उसे पता है कि जैसे ही यह क़ानून व नियम लागू होंगे, शेयर के भाव बहुत बढ़ जायेंगे।

इनसाईडर ट्रेंडिंग Illegal क्यों है?

अधिकतर देशों में इनसाईडर ट्रेडिंग मतलब कि गोपनीय जानकारी के आधार पर लाभ कमाने वाली गतिविधियों को Illegal माना जाता है और इस प्रकार की ट्रेडिंग को आपराधिक कृत्य के तौर पर देखा जाता है।

१. आम निवेशकों के साथ धोखा –

यह वाक़ई उन आम निवेशकों के साथ धोखा है जिन्हें इस गोपनीय जानकारी का पता नहीं होता है और वे घाटा में रहते हैं। वहीं जिनके पास वह गोपनीय जानकारी होती है वे लोग उस जानकारी से बहुत से पैसा बना लेते हैं।

२. नैतिक रूप से ग़लत है

इनसाईडर ट्रेडिंग को नैतिक रूप से ग़लत कार्य माना जाता है और शेयर बाज़ार में इस तरह के कार्य को अनैतिक माना जाता है, क्योंकि उस कंपनी के सभी शेयरधारकों को ट्रेडिंग में बराबर का अवसर नहीं मिल पाता। वह जानकारी उनके पास बाद में आती है।

३. लोगों का विश्वास डगमगाता है

इनसाईडर ट्रेडिंग से शेयर बाज़ार में कंपनी के प्रति विश्वास डगमगाता है, कम हो जाता है।

क्या आप किसी ऐसे खेल को खेलना पसंद करोगे जहाँ धोखेबाज़ी है, नहीं न, क्योंकि आपको पता है कि इस कंपनी के लोग धोखेबाज़ हैं और गोपनीय जानकारी के आधार पर अपना फ़ायदा बना लेते हैं, जिससे आम निवेशक को हमेशा ही फ़ायदा नहीं होता है, उल्टा नुक़सान ही होता है तो आम निवेश इस तरह की कंपनियों के शेयरों से दूर ही रहता है। जिससे कंपनी की छवि ख़राब होती है।

इनसाईडर ट्रेडिंग एक जुर्म है और इस पर सज़ा के साथ साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है।

कोरोना के काल में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर असर

कोरोना वायरस का यह समय केवल स्वास्थ्य के लिये ही नहीं, बल्कि जीवन के बहुत से पहलुओं के लिये सही नहीं है। यह कोरोना काल बेहद कठिन है, जिसे निकालना बहुत कष्टप्रद है। कोरोना के डर से न केवल बड़े, बूढ़े बल्कि बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों के लिये यह दौर बहुत कठिन हो रहा है, बच्चों का सर्वांगीण विकास चारदीवारी में सिमट कर रह गया है। बच्चा शुद्ध हवा के लिये भी तरस गया है।

बच्चों के लिये कोरोना बहुत कष्टप्रद साबित होता जा रहा है, बच्चों का बालपन सामाजिक तौर पर घुलने मिलने का होता है, इससे ही उन्हें समाज की बहुत सी बातों का पता चलता है, व बच्चे सामाजिक होते हैं। अब बच्चों को न पढ़ाई के लिये विद्यालय जाना है, न खेलने के लिये मैदान में, और जब बाहर जाना ही नहीं है तो दोस्तों से मिलने, उनसे बात करने की तो बात ही छोड़ दीजिये। बच्चे अपने मन की बात, दिल की बात आख़िर किस से कहें, दोस्त लोग होते हैं तो वे हँसी मज़ाक़ भी करते हैं, मस्तियाँ भी करते हैं, परंतु घर की चार दीवार में क़ैद होकर कौन मस्ती कर पाया है, स्वच्छंद हो पाया है।

बच्चों का अधिकतर समय कमरे के किसी एक कोने में अपने टेबल कुर्सी पर लेपटॉप, मोबाईल पर ऑनलाइन कक्षा में ही बीत जाता है, फिर उन पर गृहकार्य का भी दवाब होता है, कोई बच्चों की मनोदशा समझना नहीं चाहता, किसी के पास समय नहीं है। बच्चों में अब इस प्रकार की दिनचर्या को जीने की आदत सी हो गई है। बच्चों में अब सामाजिकता भी ख़त्म होती जा रही है। बच्चों में प्रश्न पूछने की कला, उत्तर देने की कला जो बच्चों के बीच किसी विद्यालय के कक्ष में आती है वह कभी भी मोबाईल या लेपटॉप के सामने विकसित होने की संभावना नहीं है।

न विद्यालय इस बात के लिये चिंतित हैं और न ही शिक्षक, वे तो बस अपनी कक्षा पूर्ण करके अपने कर्त्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। बच्चों में प्रतियोगी भाव भी तभी आता है जब बच्चे एक दूसरे को देखते हैं। बच्चे आपस में ही बहुत कुछ सीखते हैं, जिसे घर में नहीं सिखाया जा सकता है, परंतु यह इन बच्चों का दुर्भाग्य कहें या ख़राब समय कि उनकी इस बालावस्था में कोरोना आया है। बच्चों में यह समय कहीं न कहीं बहुत गहरे उनके दिमाग़ में पूरी ज़िंदगी बैठी रहेगी। बच्चे जब बड़े भी हो जायेंगे, तो बहुत से व्यवहारिक परिवर्तन होंगे, कुछ अच्छे होंगे तो कुछ नहीं, यह तो अब भविष्य ही बतायेगा।