Category Archives: अध्ययन

सफलता और असफलता घबराना क्यों

सफलता और असफलता घबराना क्यों
इंसान असफलता से घबराता है, क्योंकि इस प्राणी का सफलता का प्रतिशत ज्यादा होता है। पर क्या आपको पता है शेर जो कि जंगल का राजा होता है, जिससे सब डरते हैं उसके शिकार की सफलता का प्रतिशत मात्र 25% होता है और 75% बार उसे असफलता मिलती है, मतलब उसे 4 बार शिकार करने पर मात्र 1 बार ही शिकार होने की संभावना होती है। पर शेर शिकार करना छोड़कर घास, फूल पत्ती नहीं खाने लगता, क्योंकि प्रकृति का अपना नियम है, सबके खानपान निश्चित हैं। असफलता से दुखी न होकर अपनी प्रकृति पहचानें व सफलता की ओर अग्रसर हों, शेर बनने की जरूरत नहीं पड़ेगी, उससे पहले ही सफलता मिलनी निश्चित है, पर आपको उतनी ही लगन से व एकाग्रचित्त होकर सफलता के लिये प्रयासरत होना होगा।
————————————————-

एंटरप्रेन्योरशिप के लिये आइडिया

अपने आइडिया लिखने आने चाहिये, अच्छी तरह से उन्हें प्रस्तुत भी करना आना चाहिये, पर एंटरप्रेन्योरशिप में आइडिया अगर केवल 1 पेज का भी हो, तो भी बहुत कुछ हो जाता है। इसी को फॉलो करते हुए कल बेटेलाल ने एक आइडिया जनरेशन किया, शुरुआत है, आगे बात तो बननी ही है, किसी न किसी आइडिया को हिट तो होना ही है, बस उसके पहले बहुत सारे आइडिया सोचने होंगे, लिखने होंगे, तभी तो अनुभव आयेगा।


कोरोना से बचकर रहना होगा

लोगों को जो लगता है वह लगता रहे, मुझे लगता है कि वैक्सीन का हो हल्ला है, दूर दूर तक इसके अते पते नहीं हैं, आज की दुनिया स्वार्थी व महाबेईमानी है वे बस ऐसे ही सपने बेचते रहेंगे। लगता कि कम से कम अगले 5 से 6 वर्ष तो घर के अंदर ही गुजारने होंगे, नहीं तो बाहर राक्षस हवा में बैठा इंतजार कर ही रहा है। बाहर जाने से बचें, बस यही एकमात्र उपाय है।
————————————————————–
ज्यादा रिश्ते बनाने से ओर उनको निभाने से हम कमजोर व दुखी होते हैं। अंतरतम में झाँकें, व सुखी रहें, यही एक कुँजी है।

811 Kotak में अपने नाम से 5 मिनिट में नया एकाउंट खुलवाया

कल से बेटेलाल की इंडिपेंडेंट बैंकिंग शुरू हो गई, 811 Kotak में अपने नाम से 5 मिनिट में नया एकाउंट खुलवाया और कुछ पैसे ट्रांसफर किये, तो बेटेलाल खुश कि अब उनके पास ऑनलाइन बैंकिंग है, UPI ID, NEFT, IMPS सब कुछ है। वहीं से सीधे म्युचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।
बेटेलाल के नाम से खाता तब तक ऑनलाइन खुल नहीं सकता जब तक कि वे 18 वर्ष के न हो जायें, पर मनी मैनेजमेंट लेसन अभी से सीखना जरूरी है, जितना जल्दी सीखेंगे, उतना अच्छा रहेगा।
Kotak 811 में अमेजन का ₹250 का ऑफर चल रहा था तो हमने थोड़े ज्यादा पैसे जमा कर दिये, बेटेलाल कहने लगे अरे डैडी ये बहुत ज्यादा हैं, हमने कहा चिंता न करो सोमवार को वापिस ले लेंगे, बस जितने तुम्हारे हैं उतने ही इस खाते में रहेंगे। फिर भी कहते रहे कि डर लग रहा है।
फिर कहा कि कुछ ऑनलाइन खरीदना है, पर ऑनलाइन खरीदने का कॉन्फिडेंस नहीं है, जब भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करूँगा, आपके साथ बैठकर ही करूँगा, हमने कहा कि यह भी ठीक है।
#आत्मनिर्भर #भारत की ओर बढ़ते कदम
कुछ अन्य फेसबुक स्टेटस
अगर आपको समझ न आ रहा हो कि कौन सा पिज़्ज़ा ऑर्डर करें, मार्गरिटा आर्डर कर लीजिये।
मार्गरिटा पिज़्ज़ा वैसा ही है, जैसे म्युचुअल फंड में इंडेक्स फंड, जब कोई म्युचुअल फंड न समझ आये तो इंडेक्स फंड ले लेना चाहिये।
———–
आज सुबह मैं सपने में 10 वर्ष आगे पहुँच गया था, तो घूमता रहा भविष्य में, जब आँख खुली तो वर्तमान में,
बस कुछ शेयर्स की उस समय की कीमत याद रह गई, पर यहाँ पब्लिकली क्या किसी की प्राइवेटली भी नहीं बताऊँगा।
————-
आज फ़िल्म देखी “आपला मानूस”, मराठी फिल्म है, नाना पाटेकर ने पूरी फिल्म में समां बांध दिया, पारिवारिक परिस्थितियों में कैसे कैसे समीकरण बनते हैं, इस पर बहुत ही बारीकी से इस फ़िल्म की कहानी में काम किया गया है, कहानी में बेटे बहु व ससुर के संबंधों पर बहुत अच्छे से कार्य किया गया है, काश ऐसी फिल्में हिन्दी में भी बनती। एक बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर फिल्म जिसमें कहानी परिवार के रिश्तों के इर्दगिर्द घूमती है।

SIP से पैसा निकाला जाना चाहिये?

शेयर बाजार में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, मेरे पास कुछ म्युचुअल फंड में SIP हैं जो कि लगभग 10 वर्षों से भी ज्यादा समय से चल रही हैं और लगभग सभी पर बेहतरीन रिटर्नस मिल रहे हैं, पर इसका मतलब यह तो नहीं कि मैं उनका प्रॉफिट बुक कर लूँ, जब जरूरत होगी, तो ही SIP से पैसा निकाला जाना चाहिये।
मैंने शेयर बाजार में कई गिरावट के दौर देखें हैं, पर कभी मन ही नहीं हुआ, उन्हें निकालने का।
जी हाँ मैं शेयर बाजार को भी समझता हूँ, और म्यूचुअल फंड को भी, और मुझे गणित भी आती है, और यह भी ध्यान रखें कि आप शेयर बाजार में पैसा लगाने से थोड़ा बहुत कमाने से बहुत अमीर नहीं बन जाओगे, बस आपके पास कुछ हिस्सा अपने निवेश का ऐसा भी होना चाहिये जो कि शेयर बाजार में निवेशित हो।
जिसने पेशेंस से काम लिया है, वही सिकंदर है। संयम रखिये, अपना निवेश लंबे समय के लिये निवेशित रहना सीखिये।
यह स्टेटस अपने फेसबुक पर लिखा था, इस पोस्ट पर आये कमेंट्स
Kajal Kumar
2 म्यूच्यूअल फंड में 36 महीने की एसआईपी थी, दोनों खत्म हो चुके हैं. समझ नहीं आता कि यह पैसा निकाल लिया जाए अभी रहने दिया जाए
Vivek Rastogi
Kajal Kumar

इसलिये हमेशा ही परपेचुअल करवानी चाहिये, फिर जब मर्जी हो बंद कर दो

Alpana Sharma
Make different baskets is my funda
Shailendra Kumar Jha
Post me likhi baten bhai log pi jate hain…au ant me diye gaye nirdesh pe dhyan hi nahi dete
Rounak Jain
मेने आपसे hi inspire होकर इन्वेस्टमेंट चालू किया और आज ज़ोरदार कंडिशन में हु 😃
Vivek Rastogi
Rounak Jain

वाह, ऐसे कमेंट बहुत खुशी देते हैं ❤️

Kamal Sharma
इस बाजार का गणित सरल है, जो इस गणित को समझ गया, वह अपने निवेश पर कमाई करेगा।
Rakesh Kumar
SIP me kaise investment kre
निवेश करने के बहुत से तरीके हैं, अब तो बहुत ही आसान हो चुका है, आप कोई भी म्यूचुअल फंड की एप्प या किसी एग्रीगेटर की एप्प इंस्टाल कर लीजिये और मजे में निवेश करिये।

eSports इस्पोर्टस क्या होते हैं? हिन्दी में जानकारी

eSports इस्पोर्टस नई पीढ़ी के लिये जाना पहचाना नाम है, वहीं उनके अभिभावकों के लिये यह एक अंजान पहेली है, उन्हें इस बारे में शायद ही कुछ पता हो, और न ही इस बारे में कहीं ज्यादा लिखा गया है। इस्पोर्टस eSports वीडियो गेम्स मशीन के जरिये डिजिटल गेम्स में प्रतिस्पर्धा होती है, व इसमें कई टूर्नामेंट चलते रहते हैं, व ईनामी राशि भी बहुत बड़ी होती है।

eSports साधारणतया: Multiplayer Video Game होते हैं, जिसमें आप एक टीम का हिस्सा होते हैं और खेल में भाग लेते हैं, वहीं Individual भी हिस्सा लेकर खेल सकते हैं। इसमें गेमिंग प्रोफेशनल्स बहुत बड़े पैमाने पर हिस्सा लेते हैं, 2010 में यह और ज्यादा लोकप्रिय हुआ, क्योंकि उस समय इसमें Live Streaming और जुड़ गई, तो जो लोग नहीं खेल पाते थे, वे भी अब eSports के मजे लेने लगे।

विविध शैलियों के eSports आये जिसमें Multiple online battle arena (MOBA), First Person Shooter (FPS), Fighiting, Card Games, Battle Royales व Real Time Strategy (RTS) प्रमुख हैं। कुछ बेहद लोकप्रिय eSports फ्रेचाईजी हैं League of Legends, Dota, Counter-Strike, Overwatch, Super Smash Bros व StarCraft। बहुत से टूर्नामेंट होते हैं जैसे कि League of Legends World Championship, Dota 2’s International फाईटिंग वाले गेम्स के लिये Evolution Championship Series (EVO) व Intel Extreme Masters।

इन सबमें महत्वपूर्ण होते हैं स्पॉनसर्स जो कि eSports को बढ़ावा देते हैं जैसे कि Overwatch League। लेकिन फिर भी eSports को हमारे traditional गेमिंग से दूर ही रखा गया है, इसे ट्रू स्पोर्टस मानने से अभी भी विश्व की स्पोर्टस की कई संस्थायें इंकार करती हैं। परंतु जहाँ तक मुझे लगता है कि eSports जल्दी ही भविष्य में Olympic में जगह बना सकता है।

ऑनलाईन स्ट्रीमिंग वीडियो यूट्यूब YouTube व ट्विच Twitch पर उपलब्ध होती हैं। स्ट्रीमिंग के कारण eSports और ज्यादा popular हो रहे हैं। परंतु फिर भी इसमें खेलने वाले लड़के ज्यादा है और लड़कियाँ कम हैं, लगभग 85% व 15% का रेशो है। चीन व साउथ कोरिया eSports में यह मान लीजिये कि विश्व में प्रतिनिधित्व करते हैं वहीं जापान बहुत ही जल्दी अग्रणी पंक्ति में होगा। eSports यूरोप, अमेरिका में भी बहुत popular है वहाँ पर भी कई रीजनल व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन होते रहते हैं।

आम पुराण, आम इतना स्वादिष्ट क्यों होता है?

धरती पर आम कैसे आया, क्यों आम फलों का राजा है, आम इतना स्वादिष्ट क्यों होता है?, इसके लिये यह आम पुराण हमारे मित्र देवेन्द्र कौशिक जी की अतिथि पोस्ट है।

💐💐ॐ हरि तत्सत 💐💐

द्वापरयुग और त्रेता युग के बाद धरती पर शुरू हुआ क्रेता युग…क्रेता युग में मनुष्य रस और स्वाद के लिए इतना ज्यादा ईर्ष्यालु हो गया कि स्वर्गलोक की सुख समृद्धि और ऐश्वर्य देख कर भी मनुष्य के मन में ईर्ष्या उठने लगी।
स्वर्गलोक के विरुद्ध मनुष्यों ने जगह जगह धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया… देवताओं से ईर्ष्या के कारण धरती पर मनुष्यों द्वारा देवस्थानों के रास्ते रोकना, व्रत उपवास ना करना आदि का प्रचलन हो गया… यहाँ तक की पंडितों ने भी विधिवत पूजा के स्थान पर बिना धूप दीप की सांकेतिक पूजा करनी शुरू कर दी….

Continue reading आम पुराण, आम इतना स्वादिष्ट क्यों होता है?

चीन से ही विश्वयुद्ध की शुरुआत है

यही विश्वयुद्ध की शुरुआत है, इस पर हमने फ़ेसबुक पर एक स्टेटस डाला था जिसमें बताया गया था कि जर्मनी ने चीन को 130 बिलियन पौंड का बिल कोरोना वायरस के लिये भेजा है, जिससे बीजिंग में सरसराहट शुरू हो गई है। ख़बर की लिंक यह रही –

इस पर फ़ेसबुक मित्रों के कमेंट जिनमें से अधिकतर पुरातनकालीन हिन्दी ब्लॉगर हैं –

Kajal Kumar I think this is the estimation done by some newspaper, and not that the Government of Germany has raised the invoice.
Vivek Rastogi Kajal Kumar हाँ है तो ऐसा ही कुछ, पर धुँआ तो तभी उठता है जब आग लगी हो।

Anshu Mali Rastogi हां, जिस तरह के हालात बन रहे हैं, उसे देखकर तो यही लग रहा है कि युद्ध की संभावना बन रही है। अमेरिका भी चीन के पीछे हाथ धोकर पड़ा है। चीन ने अपना नुकसान जो किया सो किया पर पूरी दुनिया का बड़ी मात्रा में नुकसान किया है।

Vivek Rastogi Anshu Mali Rastogi अपन कब बिल भेजेंगे, पता नहीं, भेजेंगे कि भी नहीं, यह भी पता नहीं

Anshu Mali Rastogi समय ही बताएगा कि आगे हम क्या करेंगे। करेंगे भी कि नहीं या भक्ति में ही तल्लीन रहेंगे।

Kajal Kumar Anshu Mali Rastogi अमेरिका, केवल छोटे-मोटे देशों पर ही हमला करता है बड़े देशों पर हमला करने की उसकी औकात नहीं है. वरना वह USSR के ख़िलाफ़ केवल cold War में ही न बना रहता. चीन-सागर पर कब्जा कर चुका है, अमेरिका कुछ ना कर सका. एक कृत्रिम टापू भी बना लिया अमेरिका वहां भी कुछ नहीं कर सका. केवल व्यापारिक प्रतिबंध की बात कर सकता है, लेकिन उस पर भी इसे डर है क्योंकि चीन के पास अमेरिका के इतने ट्रेजरी बांड है कि वह, किसी भी दिन चाहे तो अमरीका की अर्थव्यवस्था को गिरा सकता है

Vivek Rastogi Kajal Kumar चीन ने बहुत सशक्त रणनीति बनाई है, आसपास के गरीब देशों को लोन दे देकर, बढ़िया इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करवा दिया, चीन को पता था कि यर गरीब देश पैसा नहीं चुका पायेंगे, बिल्कुल पुराने लाला की तर्ज पर अब को सबको अपने हाथ की कठपुतली बनायेगा।

Anshu Mali Rastogi वैसे, काजल भाई मुझे ये सारा मामला अर्थव्यवस्था पर आधिपत्य या एकाधिकार का ही अधिक लगता है। आप देख रहे होंगे, चीन इस मामले में खुद को बड़ी आसानी से बचा ले जाना चाह रहा है। खुद बेचारा बन अमेरिका ही नहीं पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बेशक, कोरोना में उसकी ही भूमिका है पर बिल्ली के गले में घण्टी बांधे कौन।
रही बात भारत की तो यहां कोई उम्मीद करना बेईमानी ही होगा।
क्या बोलते हो।

Anshu Mali Rastogi आप सही कह रहे हो विवेक भाई।

Vivek Rastogi Anshu Mali Rastogi अब अमेरिका अकेला नहीं है, यह बात चीन को भी अच्छे से समझ में आ रही है, इसलिये अब चीन क्या करता है, वह देखना जरूरी है।

Anshu Mali Rastogi माना कि अमेरिका अकेला नहीं है पर मुझे लगता है अन्य देश अभी युद्ध को टालना ही बेहतर समझेंगे। क्योंकि अभी उनके लिए अपने नागरिकों की जान बचाना प्राथमिकता में होगा। बाद में देखा जाएगा कि क्या करना है। पर चीन को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान झेलना होगा, ऐसी संभावना कम ही लगती है। चीन बड़ा निर्दयी मुल्क है।

Vivek Rastogi Anshu Mali Rastogi बात आपकी सही है, अभी प्राथमिकता अपने नागरिकों को बचाने की है, पर इसका बहुत बड़ा नुक्सान चीन को किसी न किसी रूप में भुगतना ही होगा, अभी ऐसा भी लगता है कि विश्व की चौधराहट अमेरिका के हाथ से निकल सकती है और उस चौधराहट को या तो चीन ही हथियायेगा या फिर यूरोप के कुछ देश मिलकर विश्व चलायेंगे, एशिया के किसी मुल्क में चौधराहट करने का दमखम है नहीं।

Anshu Mali Rastogi सही। वैसे, ये मौका अभी भारत के हाथ में भी है कि वो चीन और अमेरिका को मात दे दे। पर यहां समस्या वही है कि बातें ऊंची-ऊंची और जमीनी हकीकत भिन्न। अमेरिका की चौधराहट तो ध्वस्त होनी ही थी- बहाना कोरोना बन गया। रही बात यूरोप या एशिया के देशों की तो अभी वक्त लगेगा लंबा। अमेरिका के बाद चीन ही है। हम विरोध चाहे चीन का कितना ही कर लें किंतु उसके प्रति निर्भरता से मुंह न मोड़ पाएंगे। महामारी के निपटते ही हम अपने-अपने खोलों में वापस लौट आएंगे।

Vivek Rastogi Anshu Mali Rastogi हमारे यहाँ जितने भी वीर हैं वे फेसबुक और ट्विटर वीर हैं, कामधंधे में इन्नोवेशन करने की कह दो तो नानी मर जाती है, सब केवल शब्दों के महारथी हैं, कितने लोगों ने अपनी खुद की प्राइवेट लेब खोलकर कोविड वायरस की दवाई बनाने की शुरूआत की, अनपढ़ों गँवारों के बस की बात नहीं, बस ये लोग केवल गरिया सकते हैं। काम धाम इनको कुछ करना नहीं है, इनके बूते पर भारत क्या खाक चौधराहट करेगा, रात दिन मेहनत करना होगी, वो भी फेसबुक और ट्विटर पर नहीं, जमीनी हकीकत पर, अगर भारत की आधी जनता भी जी जान से जुट जाये और केंद्रीय नेतृत्व असरकारक हो, तो हम चौधराहट के लिये अग्रसर हो सकते हैं। पैसा कमाना वो भी बाहर के देशों से बच्चों का हँसी खेल नहीं है।

Anshu Mali Rastogi आपसे सहमत हूं।
हमारे यहां लोगों के साथ खुशफहमी यह है कि वे 24X7 किसी न किसी दल, नेता और संगठन की भक्ति में लीन रहते हैं। ऐसे में उनसे किसी ऊंचे या गंभीर काम की अपेक्षा करना बेमानी ही है।

Vijender Masijeevi चीन को दुनिया का तब्लीगी जमात बनाने की कोशिश है- इस्लामोफोबिया की तर्ज पर एक सिनो फोबिया भी चल रहा है। ऐसे किसी युद्ध, भले ही वह केवल आभासी, आर्थिक और वाक युद्ध भर हो, के दूरगामी बुरे प्रभाव होंगे।

Neeraj Rohilla Vijender Masijeevi चीन इतना भी मासूम नहीं है, इससे छोटी घटनाओ पर संग्राम हो चुके हैं। वैसे पूरी दुनिया सिवा चीन पर खिसिया जाने के अलावा फिलहाल तो कुछ और नहीं कर पायेगी लेकिन इसका लॉन्ग टर्म नुकसान चीन को जरूर होगा। हां, मैन्युफैक्चरिंग अभी भी चीन में ही रहेगी

Ashutosh Pandit Vijender Masijeevi चीन की और जमात की कोई तुलना नहीं है दोनों के एजेंडा बिलकुल भिन्न है

Ashwin Joshi Agar ye world War 3 nahi he to bhi.।।।।।। This is the base ground या फिर कहे तो भूमिका जरूर है।।।।

अगर आपके भी कुछ कमेंट हों तो बताइयेगा हम यहीं जोड़ देंगे।

बैंकनिफ़्टी में लालच

रोज़ सुबह ९ बजे से बाज़ार का पूरा विश्लेषण करके बैठ जाता हूँ, कि आज तो बैंक निफ़्टी में कोई ट्रेड करूँगा, अपना एक्सपर्टीज केवल बैंक निफ़्टी और निफ़्टी ऑप्शन्स पर है, और बैंकनिफ़्टी में जल्दी लालच करके थोड़ा बहुत कमाकर निकल लेना अपनी आदत है।

अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर करीबी मित्रों के लिये अपनी स्टडी भी शेयर करता हूँ, पर कई बार होता यह है कि ख़ुद ही ट्रेड नहीं कर पाता, कई बार मूड नहीं होता, कई बार नींद में होता हूँ, क्योंकि रात को देर से मीटिंग ख़त्म होती है, तो फिर नींद में ट्रेडिंग नहीं करता, लोग कहते हैं कि 9.15 से 9.30 के बीच मार्केट सैटल होने दो फिर बैंकनिफ्टी में ट्रेड उसके बाद करो, और बैंकनिफ्टी में मेरा पसंदीदा ट्रेड करने का समय ही यह 15 मिनिट है। सबकी अपनी अपनी स्टडी होती है, खैर आजकल स्टडी ठीकठाक सी ही है, बैंकनिफ्टी में 90% तक के ट्रेड में अच्छी खासी कमाई हो  जाता है, स्टॉप लॉस भी कभी कभार ठुक ही जाता है।

अब चार्ट पढ़ने के लिये तो मैं अपने ब्रोकिंग एप्प कुछ एक स्पेशल पेड़ सर्विस वाले एप्प का ही इस्तेमाल करता हूँ, लोग 5 मिनिट का चार्ट बनाते हैं, मैं 1 मिनिट का चार्ट बनाता हूँ और अब कोशिश होती है कि अपना लाग टर्म 5 मिनिट का ही हो, कई बार तो मैं ट्रेड ख़रीद कर एकदम बेच भी देता हूँ, बाद में समय देखता हूँ तो पता चलता है कि मात्र 15-20 सेकंड में भी कई बार टार्गेट आ जाता है और ट्रेड हो जाती है।

लोग कहते हैं कि तुम ख़ुद के कॉल पर ही काम नहीं करते, मैं कहता हूँ कि मुझे बाज़ार थोड़ा बहुत समझ में ज़रूर आने लगा है, परंतु इसका मतलब यह तो नहीं कि अपनी कमाई का पैसा ऐसे ही जाने दूँ, पर हाँ मैं जब भी ट्रेड करता हूँ हैज करके करता हूँ, आजकल की वोलेटिलिटी में हैजिंग बहुत काम की है, दोनों तरफ़ कमाई होती है।

तभी तो दोस्तों को कहता हूँ कि भले मुझे सीखने में 20 वर्ष लगे, पर आप लोग ज़्यादा होशियार हो, आप लोग जल्दी सीख सकते हो, और अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं। वह भी बहुत कम पैसे में याने कि 5 – 6000 से ही काम शुरू कर सकते हैं, पर हाँ पहले सीखने में बहुत मेहनत करना पड़ेगी, टीवी मत देखना, सब बेबकूफ बनायेंगे। पेपर ट्रेडिंग करना शुरू करो, बाज़ार में आ रही ख़बरों को पढ़ना शुरू करो, समझो कि कैसे और कहाँ इस ख़बर का असर होगा, मुझे यह चीज Kamal Sharma जी ने समझाई, उनका बहुत बहुत आभार है, वे मेरे गुरू हैं शेयर बाजार के मामलों में। शेयर बाजार को पढ़ना मुझे बोर नहीं लगता है, अब तो बिजनेस की न्यूज देखकर और मजा आता है, बैलेन्स शीट पढ़ना प्रिय शगल है, सेक्टर रिपोर्ट पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, ट्विटर पर भी जानकारी भरी पड़ी है, एक से एक विशेषज्ञ लोग भरे पड़े हैं, बस अपने आप को फोकस करने की जरूरत है।

उच्चशिक्षा के नाम पर फ़ीस क्यों वसूली जाती है? क्या वे उम्र के साथ अमीर होते जाते हैं?

95% फ़ीसदी बच्चों को सरकार मुफ़्त शिक्षा देती है, मि़डडे मील के नाम पर खाना भी खिलाती है, इसके बाद भी इनमें से 10% भी कॉलेजों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं, तो इस पर सोचा जाना बेहद ज़रूरी है, जिस देश में बच्चे मुफ़्त में भी प्राइमरी शिक्षा नहीं ले पाते, वहाँ उनसे उच्चशिक्षा के नाम पर फ़ीस क्यों वसूली जाती है? क्या वे उम्र के साथ अमीर होते जाते हैं?

मिडिल तक शिक्षा इतनी महँगी नहीं है कि अभिभावक उस का खर्च न उठा पायें, अधिकांश प्राइमरी, मिडिल स्कूलों की फ़ीस उन की पहुँच के भीतर है, लेकिन कॉलेज स्तर पर वे भारी भरकम खर्च नहीं उठा पाते हैं, तो ज़रूरी यह है कि उच्चशिक्षा सस्ती की जाये।

उच्चशिक्षा महँगा करने का उद्देश्य तो केवल यही लग रहा है कि सरकार क़तई नहीं चाहती और न ही इस मूड में हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग उच्चशिक्षित हों, क्योंकि सरकार नौकरियाँ भी पैदा नहीं कर पा रही है, तो ‘न रहेगा बांस न बजेगी बाँसुरी’।

एक महत्वपूर्ण बात यह है कि युवा पढ़ लिखकर समझदार हो जाता है, याने कि राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक तौर तरीक़ों पर वे खुद की सोच क़ायम कर पाते हैं, अपनी ख़ुद की राय या अपने विचार बना पाते हैं। चिंता की बात सरकार के लिये यह है कि युवाओं को उस बिंदु तक पहुँचने ही न दिया जाये कि जहाँ वे आकर सी विचारधारा के अनुयायी या ग़लत बातों का विरोध कर पायें।

ये जो बाहर के देश में रहने वाले लोग हैं जैसे कि जर्मनी, शिक्षा के क्षैत्र में विश्व में महत्वूपर्ण रखता है और दुनिया की बेहतरीन 250 यूनिवर्सिटीज में से 16 जर्मनी की हैं, जहाँ उच्चशिक्षा के लिेये न के बराबर फ़ीस ली जाती हैं, वहीं कई संस्थान तो ऐसे हैं जो बिल्कुल मुफ़्त में उच्चशिक्षा प्रदान करते हैं। वैसे ही नॉर्वे, फ़िनलैंड, स्वीडन, फ़्रांस, नार्डिक देश, आइसलैंड, यूरोपीय देश, चेक रिपब्लिक, इटली, अर्जेंटीना में तो पूर्णतः: मुफ़्त है।

अगर उच्चशिक्षा से इतनी ही समस्या है तो फिर प्राइमरी व मिडिल की मुफ़्त शिक्षा और मिडडे मील का नाटक भी बंद कर देना चाहिये।

यातायात नियमों को तोड़ने पर वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है

चौंकिये मत कि यातायात नियमों को तोड़ने पर बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है, इसकी शुरूआत दिल्ली से होने जा रही है, अगर आप दिल्ली में रहते हैं और यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपके वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है। हालांकि अभी इसे लागू होने में समय है, पर यह निश्चित हो गया है कि थर्ड पार्टी बीमा पर प्रीमियम बढ़ जायेगा।इसमें यातायात नियम तोड़ने पर नेगेटिव प्वॉइंट्स दिये जायेंगे और यही प्वाईंट्स बीमा कंपनियों को बढ़ी हुई प्रीमियम के लिये बुनियादी होगा।

अभी तक बीमा प्रीमियम वाहन के इंजिन केपेसिटी व वाहन के प्रकार पर निर्भर करती है, वहीं अगर आपने कोई भी क्लेम नहीं किया है तो आपको अपने वाहन के बीमा प्रीमियम पर आकर्षक छूट भी मिलेगी। यह पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली से शुरू हो रहे है, फिर सभी राज्यों में लागू किया जायेगा। बीमा कंपनियाँ लंबे समय से वाहन के ड्राईवरों को बीमा प्रीमियम से जोड़ने के लिये लंबे समय से लड़ाई कर रही हैं।

अगर आपने यातायात नियमों को तोड़ा तो यह मत सोचियेगा कि केवल बढ़ी हुई बीमा प्रीमियम ही देना होगी, बीमा प्रीमियम तो बढ़ी हुई देनी ही होगी साथ ही यातायात पुलिस आपका चालान भी बनायेगी व वह चालान की राशि भी भरना होगी। तो यातायात नियमों को तोड़ना अब बहुत ही महँगा होने वाला है, गाड़ी धीरे धीरे आराम से चलाईये, सारे यातायात नियमों का पालन करिये, किसी एक यातायात की लाल बत्ती पर रुकना आपके बहुत से पैसे बचा सकता है, और उससे भी अधिक कीमती किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है।

यह सब आम जनता को परेशान करने के लिये नहीं किया जा रहा है, बल्कि बढ़ती हुई दुर्घटनाओं को कम करने के लिये किया जा रहा है। आपके 5-10 मिनिट से कीमती किसी की जिंदगी है, वहीं अगर आप पैदल यात्री हैं तो आपको भी तेज आते वाहन के सामने केवल हाथ देकर सड़क पार नहीं करनी चाहिये, नहीं तो आप अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और अपने परिवार को बहुत बड़ी विपत्ती में डाल रहे हैं, अगर आपका जीवन बीमा है तो आपका परिवार फिर भी किसी प्रकार आपके बिना जी लेगा, परंतु अगर आपने जीवन बीमा भी नहीं ले रखा है तब सोचिये कि अगर कमाने वाले आप अकेले हैं तो आपके परिवार का क्या होगा। आपकी क्षति कितनी भी बड़ी रकम पूरी नहीं कर सकती।

नियमों को तोड़ने के पहले केवल एक बार अपने परिवार को अपनी आँखों के सामने रखियेगा, आप कभी भी नियम नहीं तोड़ पायेंगे। ध्यान रखें चार पहिये के वाहन चलाते समय हमेशा ही सीट बैल्ट बाँधें और दो पहिया वाहनों को चलाते समय हमेशा ही हेलमेट लगायें।

ब्लॉग में php का अपडेट, निवेश क्यों करना चाहिये वीडियो, पंजीर लड्डू और सरकारी बैंकें

जिन चीजों के बारे में जानकारी न हों वे बहुत सारा समय खा जाती हैं, पिछले सप्ताह से परेशान था कि php का नया वर्शन कैसे ब्लॉग के लिये अपडेट करना है, आज भी सुबह से ३ घंटे परेशान हो लिया, क्योंकि वर्डप्रेस का नया वर्शन php के अपडेट के बाद ही अपडेट होता, होस्टगेटर ने नया सॉफ्टवेयर बहुत ही साधारण वाला बना दिया, पर कहीं कोई जानकारी नहीं, खैर cpanel और blog में backup लेकर अपडेट कर ही दिया। अब अपनी वेबसाईट php 7.3 पर हैं।

इसी कारण से पिछले सप्ताह से कोई ब्लॉग भी पोस्ट नहीं कर पा रहे थे, अब कर पायेंगे। Continue reading ब्लॉग में php का अपडेट, निवेश क्यों करना चाहिये वीडियो, पंजीर लड्डू और सरकारी बैंकें