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अब आप नहीं बोलोगे तो मोंटू बोलेगा (Ab Montu Bolega)

सीन 1 – सब्जीमंडी में
    सुबह का सुहाना दिन शुरू ही हुआ था, और हम सब्जी लेने पहँच गये सब्जीमंडी, वहाँ जाकर सुबह सुबह हरी हरी ताजी सब्जियाँ देखकर मन प्रसन्न हो गया, सब्जी वाले बोरों में से सब्जियाँ निकाल रहे थे, और साथ ही उनकी फालतू की बची हुई डंडियाँ अपने ठेले के पास फेंकते जा रहे थे, हमने कहा भई ये कचरा ऐसे क्यों फेंक रहे हो, तो जवाब मिला कि और क्या करें, फिर ऐसे ही कचरे को कचरा साफ करने वाला ठेले में भरकर ले जायेगा, एकदम हममें मोंटू की आत्मा घुस गई, क्योंकि सामान्यत: हम कुछ भी कहने से बचते हैं, हमने कहा पता है तुम लोगों की इसी आदत के कारण लोग मॉल में सब्जी खरीदने जाते हैं, सब्जीमंडी जाना बंद कर दिया है, लोगों को सब्जीमंडी आना पसंद नहीं है क्योंकि तुम लोग ही इसे स्वच्छ नहीं रखते हो, क्या तुम लोग इस अतिरिक्त कचरे को ठीक ढ़ंग से ठिकाने नहीं लगा सकते हो, जिससे कि लोग वापिस से सब्जीमंडी में आना शुरू कर दें, क्यों नहीं आप लोग अपने पास एक बड़ा बंद ढक्कन का कचरे का डिब्बा नहीं रखते हैं, जिससे गंदगी तो कम से कम अपने पैर नहीं पसारेगी और लोगों को स्वच्छता मिलेगी, जिससे लोग सब्जीमंडी में आना शुरू हो जायेंगे, आपका भी धंधा अच्छा चलेगा और लोगों को भी फायदा होगा, उन्हें बात जँची और जब हम अगले सप्ताह सब्जीमंडी में गये तो कहीं भी गंदगी नहीं मिली, और देखा कि लोग भी अब धीरे धीरे सब्जीमंडी की ओर आने लगे हैं । तो देखा मोंटू के बोलने का कमाल !!
सीन – 2 – ट्रेन में
    काफी दिनों बाद में किसी लंबी यात्रा पर निकला। रात का समय था, लंबा सुहाना सफर शुरू ही हुआ था, कि रात्रीभोजन का समय हो चुका था, लोग अपने साथ लाया खाना या फिर पेंट्री से मँगाया गया खाना आनंदमय तरीके से खा रहे थे, मैंने सोचा कि यह संपूर्ण सामाजिक दृश्य है, किसी कूपे में कोई मिन्नत कर करके अपना खाना किसी और को भी खिला रहा है, तो कोई शांत बैठा खा रहा है और किसी कूपे में सब खाना खा रहे हैं, परंतु किसी को किसी से कोई वास्ता ही नहीं है, पर ट्रेन में बैठे हरेक व्यक्ति में एक समानता है, सब कचरा खिड़की से बाहर फेंककर हमारे भारत को अस्वच्छ कर रहे हैं, तभी मेरे अंदर मोंटू की आत्मा घुस आयी और लोगों से कहा कि आप खाना खाकर भारत को अस्वच्छ क्यों कर रहे हैं, तो लोगों का जवाब था कि उन्हें या तो पता ही नहीं है कि कचरे का करना क्या है और अगर पता भी है तो आलस के मारे कोई कचरे के डब्बे तक जाना नहीं चाहते, मैंने पूछा कि क्या आप घर पर भी जहाँ खा रहे होते हैं तो पास की खिड़की से बचा हुआ खाना ऐसे ही फेंक देते हैं, लोग वाकई समझ रहे थे और कचरे के डब्बे की ओर बड़ रहे थे।
    मोंटू स्ट्रेप्सिल का एक कैम्पेन है जिसके लिये यह पोस्ट लिखी गई है, मोंटू हमारे भीतर के अच्छे आदमी को बोलने को कहा गया है, कहीं भी कुछ गलत होते देखें तो एकदम से मोंटू #AbMontuBolega बन जायें, चुप न रहें। http://www.abmontubolega.com/ पर इस कैम्पेन के बारे में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं, आप मोंटू के इस कैम्पेन में Strepsils के Facebook और Twitter पेज पर भी अधिक जानकारी ले सकते हैं।

स्पर्श की संवेदनशीलता (BringBackTheTouch)

    पहले हम लोग एक साथ बड़ा परिवार होता था, पर अब आजकल किसी न किसी कारण से परिवार छोटे होने शुरू हो गये हैं, पहले परिवार में माता पिता का भी एक अहम रोल होता था, परंतु आजकल हम लोग अलग छोटे परिवार होते हैं, और अपनी छोटी छोटी बातों पर ही झगड़ पड़ते हैं, पर पहले परिवार एक साथ रहने पर समझदारी से सारी बातों का निराकरण हो जाता था, छोटे झगड़े बड़ा रूप नहीं लेते थे।
    केशव और कला एक ऐसे ही जोड़े की कहानी है, जब तक वे संयुक्त परिवार के साथ रहे, तब तक जादुई तरीके से उनका जीवन सुखमय था, वे आपस में अंतर्मन तक जुड़े हुए थे। परंतु केशव को अच्छे कैरियर के लिये भारत से दूर विदेशी धरती पर जाना पड़ा, केशव और कला दोनों ही बहुत खुश थे, आखिरकार भारत से बाहर जाने का हर भारतीय दंपत्ति का सपना होता है, जो उनके लिये साकार हो गया था।
    यह पहली बार था जब वे संयुक्त परिवार से एकल परिवार में होकर रहने का अनुभव करने जा रहे थे, पहले पहल दोनों को बहुत मजा आया, परंतु जैसे जैसे दिन निकलते गये, केशव की व्यस्तता बड़ती गई, और कला घर में अकेले गुमसुम सी रहने लगी, केशव भले ही शाम को घर पर होता था, पर हमेशा ही काम में व्यस्त और यही आलम सुबह का भी था। ना ढंग से नाश्ता करना और ना ही भोजन, कला भी क्या बोलती, कई बार बोलने की कोशिश की परंतु, कुछ न कुछ कला को हमेशा बोलने से रोक लेता और कला रोज की भांति अपने में सिमटना शुरू हो जाती।
    हर चीज को किसी एक बिंदु तक ही सहन किया जा सकता है, वैसे ही कला का एकांत था, वह दिन कला और केशव के लिये मानो परीक्षा की घड़ी बनकर आया था, कला केशव के ऑफिस से आते ही उस पर टूट पड़ी, बिफर पड़ी, आखिर मेरे लिये समय कब है, क्या मैं यहाँ केवल और केवल कठपुतली बनकर रहने आई हूँ, मैं भी इंसान हूँ मुझे भी तवज्जो चाहिये, मुझे भी तुमसे बात करने के लिये तुम चाहिये, इस खुली हुई दुनिया में मैं अपने आप को कैद पाती हूँ और घुटन महसूस करती हूँ। केशव कला की बातों को बुत के माफिक खड़ा सुनता रहा, और उसे अपनी गलती का अहसास हुआ, आखिरकार कला का एक एक शब्द सच था, ना उसके पास बात करने का समय था और ना ही कला को कला की बातें महसूस करने के लिये वक्त था।


    कला केशव के सामने फफक फफक कर रो रही थी, केशव धीमे धीमे कला के नजदीक गया और कला को अपनी बाँहों में भरकर गालों से गालों को सटाकर कह रहा था, बस कला मुझे समझ आ गया है कि मैं कहाँ गलत हूँ । अब आज से मेरा समय तुम्हारा हुआ, केशव के स्पर्श से कला का गुस्सा और अकेलापन क्षण भर में काफूर हो गया, स्पर्श के स्पंदन को कला और केशव दोनों ही महसूस कर रहे थे, कला और केशव दोनों ने आगे से अपना समय आपस में बिताने का निश्चय किया।

    ठंड में स्पर्श को बेहतरीन बनाने के लिये पैराशूट का एडवांस बॉडी लोशन बटर स्मूथ वाला उपयोग कीजिये, अमेजन पर यह ऑनलाईन उपलब्ध है ।
    यह कहानी #BringBackTheTouch http://www.pblskin.com/ के लिये हमने लिखी है । स्पर्श को आपस में महसूस करिये, जीवन में नई ऊर्जा मिलेगी।
इस वीडियो में निम्रत और पराम्ब्रता को स्पर्श की संवेदनशीलता को दर्शाते हुए देखिये, आपको स्पर्श के महत्वत्ता पता चलेगी – Watch the video to witness Nimrat and Parambrata #BringBackTheTouch.

शौचालय नारी गरिमा के अनुरूप हों (Hygienic Toilets for Women and Family)

    भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्र है, जहाँ पर हम अधिकतर हमारे वेद पुराणों में लिखी बातों का अध्ययन कर उन पर विश्वास कर बंद आँखों से अनुगमन करते हैं, पर जहाँ हमारी सामाजिक आलस्यपन की बात आती है वहाँ ये सब बातें गौण हो जाती हैं । हम वहाँ पर किसी न किसी कारण को प्रमुख बनाकर हालात से भागने की कोशिश करते हैं, जैसे कि भारतीय संस्कृति में कहा जाता है नारी सर्वत्र पूज्यते, परंतु घर और बाहर दोनों जगह हम जानते हैं कि नारी के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।
    शौच और शौचालय भारत की प्राथमिक समस्याओं में से एक हैं, घर में चूल्हा करने के लिये रसोईघर जरूर होगा, किंतु अन्न पचाने के बाद अवशिष्टों को निकालने के लिये घर में शौचालय नहीं मिलते हैं, मूलत: यह समस्या गाँवों में बहुत ज्यादा है, परंतु शहरों में भी कम नहीं है। शौच करने के लिये नारी को एक सुरक्षित और साफ स्थान चाहिये होता है, जहाँ वह गरिमा के साथ शौच जा सके । आजकल समाचार पत्रों में इस तरह की कई खबरें पढ़ने को मिलती हैं कि खुले में शौच करने कई युवती से अशोभनीय हरकत की गई, और यह समस्या खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड में बहुत ज्यादा है।
    जिस तरह पुरुष घर में नारी को पर्दे में रखना चाहता है, उसी तरह से क्यों नहीं नारी की गरिमा के अनुरूप घर में शौचालय बनवाने में कतराता है, शौचालय बनवाने के फायदे ज्यादा हैं और नुक्सान तो हालांकि है ही नहीं। शौचालय घर में होने से नारी गरिमा बची रहेगी, घर की शौचालय खुद ही साफ करने से तरह तरह के संक्रामक और डायरिया जैसे भयानक रोगों से बचाव होगा। इन रोगों के होने से भारत में दो लाख से भी ज्यादा 5 वर्ष से छोटे बच्चों का मौत हर वर्ष होती है, इन संक्रामक रोगों और बीमारियों पर भी पानी की तरह पैसा बहाना पड़ता है, तो बेहतर है कि खुले में शौच से होने वाले संक्रमण से बचाव के लिये वह पैसा शौचालय बनाने में खर्च किया जाये।
    शौचालय बनाते समय ध्यान रखें कि शौचालय पानी के स्त्रोत जैसे नदी, तालाब या कुएँ से कम से कम 20 मीटर दूर हों, जिससे शौच के अवशिष्ट जल से पीने के पानी दूषित न हो, जितनी बीमारियाँ खुले में शौच जाने पर होती हैं, उससे भी खतरनाक बीमारियाँ अवशिष्ट जल के पीने के पानी के दूषित होने पर होती हैं, शौचालय के अवशिष्ट को अगर सही तरह से उपयोग किया जाये तो इन अवशिष्टों से खाद बनाई जा सकती है, शौच के अवशिष्ट को खाद बनाने की प्रक्रिया में एक वर्ष तक का समय लगता है, जिससे हम इस प्राकृतिक खाद का उपयोग कृषि कार्यों में कर सकते हैं, यह खाद आजकल बाजार में आ रही रासायनिक खादों से बहुत अच्छी है।
    शौचालय बनवाना हमारे सामाजिक उन्नति और चेतना का भी परिचायक है, इससे न केवल नारी गरिमा को ठेस लगने से रोका जा सकेगा अपितु घर में शौचालय राष्ट्र के स्वच्छता के लिये भी एक बड़ा योगदान होगा।
    डोमेक्म ने महाराष्ट्र और उड़ीसा के गाँवों को खुले में शौच के लिये कदम उठाया है, और इसमें आप भी योगदान कर सकते हैं, आपके एक क्लिक से डोमेक्स 5 रू. का योगदान देगा, डोमेक्स की साईट पर जाकर “Contribute Tab” पर क्लिक करके ज्यादा से ज्यादा योगदान करवाने में मदद करें ।
    You can bring about the change in the lives of millions of kids, thereby showing your support for the Domex Initiative. All you need to do is “click” on the “Contribute Tab” on www.domex.in and Domex will contribute Rs.5 on your behalf to eradicate open defecation, thereby helping kids like Babli live a dignified life.

स्वस्थ बच्चा ही खुशियों से भरा घर बना सकता है (A healthy child makes a happy home!)

    मुझे मेरा बचपन की बहुत सारी चीजें याद नहीं, पर मम्मी और पापा मेरा बहुत ही ख्याल रखते थे, शायद दुनिया में कोई ऐसे माता पिता होंगे जो बच्चों का ध्यान नहीं रखते होंगे, टमाटर खाओगे तो खून बढ़ेगा, गाजर भी सेहत के लिये अच्छी होती है, आँवले से आँखों की रोशनी तेज होती है, आँवले की अच्छी बात यह है कि किसी भी तरह से खाओ, उसके गुण कम नहीं होते, और जीभ पर आँवले का मीठा स्वाद हमेशा ही अच्छा लगता है। रोज एक काली मिर्च खाने से कभी बीमारी नहीं घेरती, यह एक घरेलू उपाय है, जो कभी दादी माँ का नुस्खा था।
 
    खाने पीने में हम हमेशा मस्त रहे और हरेक सब्जी और फल खाते रहे, वैसे ही हमने अपने बेटेलाल को आदत डाली है, जिससे रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहे और हमेशा रोगों से दूर बने रहें, हमारे बेटेलाल खाने के बहुत आलसी हैं, केवल मूड होता है तो खाते हैं नहीं तो कुछ नहीं खाते, अभी पिछले महीने ही तकरीबन 15 दिनों तक ढंग से खाना नहीं खाया तो मौसमी वाईरल ने पकड़ लिया, जिससे हम सभी लोग 13 दिन तक परेशान रहे, क्योंकि अगर घर में बच्चा बीमार है तो कुछ भी ठीक नहीं लगता है, बच्चा खेलता रहे, स्वस्थ रहे तो पूरा घर खुश रहता है।
    जैसे हमें पापाजी ने च्यवनप्राश खाने की आदत डाली थी, हमारे बेटेलाल पहले च्यवनप्राश नहीं खाते थे परंतु जब धीरे धीरे रोज मुझे और पापाजी को खाते देखते तो उत्सुकतावश रोज ही थोड़ा थोड़ा खा लेते थे, अब हमारे बेटेलाल ने च्यवनप्राश को अपनी रोज की दिनचर्यो में शुमार कर लिया है, रोज सुबह च्यवनप्राश की एक चम्मच और रात को सोने के पहले हल्दी वाले दूध के साथ एक चम्मच खाते हैं।
    हमने 1-2 आयुर्वेदिक चीजें और शुरू कर दी जो कि स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभदायक है, रोज सुबह शाम तुलसी का अर्क 10 एम.एल. एक गिलास पानी में मिलाकर पी जाते हैं, और रोज सुबह उठते ही एक चम्मच शंखपुष्पी, ब्राह्मी, बादाम, मिश्री और सौंफ को पीसकर बनाया गया चूर्ण चबा चबा कर खाते हैं । इस मिश्रण के खाने से दिमाग को ताकत मिलती है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है, तुलसी के अर्क से तुलसी की प्रतिरोधक क्षमता मिल जाती है, आजकल फ्लेट सिस्टम में तुलसी प्रचुर मात्रा में तो होती नहीं कि रोज सुबह शाम 2 4 पत्ती तोड़कर खा लीं, इसलिये हमें तो तुलसी के अर्क बहुत अच्छा लगा।
    पहले कभी ऐसे ही हमने सोचा था कि च्यवनप्राश घर पर बनाकर खायेंगे पर फिर हमने कभी भी च्यवनप्राश बनाने की मेहनत को देखकर कभी भी बनाने की चेष्टा नहीं करी। बाजार से जाकर च्यवनप्राश खा लेते थे, वही हमें आज भी ठीक लगता है, बेटेलाल को जमकर सलाद और फल  खिलाते हैं और खुद भी खाते हैं, जिससे शरीर में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे। और घर में बेटेलाला केवल मस्तियाँ करते नजर आयें, हमेशा उनके हँसने खिलखिलाने की आवाज आये।
       यह पोस्ट इंडीब्लॉगर्स के हैप्पी अवर्स के लिये लिखी गई है, च्यवनप्राश के प्रतिरोधक क्षमता के बारे में यहाँ से ज्यादा जानकारी ले सकते हैं – https://www.liveveda.com/daburchyawanprash/.

बीमा आपको गलत तरीके से बेचा गया है, यह भी आपको साबित करना होता है (Are you the victim of Insurance or Financial Product Misselling)

     बीमा आपको गलत तरीके से बेचा गया है, यह भी आपको साबित करना होता है, नहीं तो कई बार बीमानियामक और बीमा लोकापाल भी आपकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं ।

    एक ईमानदार सरकारी अधिकारी के बारे में बात करते हैं, लगभग 4 वर्ष पूर्व वे सेवानिवृत्त हुए ही थे और उन्हें लगभग 40 लाख रूपये निवेश करने थे, वे बहुत ही ईमानदार थे तो उनके पास इन रूपयों के अलावा और कुछ भी नहीं था, उनके निवेश करने के लक्ष्य साफ थे पहला नियमित आय और तीन वर्ष बाद उनकी बेटी की शादी के खर्च के लिये रकम चाहिये थी। एक निजी बैंक के बहुत ही अच्छे पॉलिसी बेचने वाले अधिकारी ने उन्हें यूनिट लिंक्ड बीमा प्लॉन याने कि यूलिप जिसमें कि इक्विटी का हिस्सा ज्यादा था, खरीदने के लिये प्रेरित किया और बैंक अधिकारी ने बताया कि यह बहुत ही सुरक्षित और बेहतरीन निवेश होगा, इससे आपकी जिंदगी बिल्कुल ही बदल जायेगी ।
  
    तीन वर्ष होने पर निवेशक ने पाया कि उनका निवेश केवल 29 लाख रूपये रह गया है, जिसमें कि पहले तीन वर्षों में उनके यूलिप में से अच्छे खासे शुल्क बीमा कंपनी और बैंक ने वसूल कर लिये थे, और अगर वे उस पॉलिसी को सरेंडर करते तो केवल 14 लाख रूपये मिलते । उन सज्जन को लगा कि मेरे साथ धोखा हुआ है और बस ह्रदयाघात नहीं हुआ । और उन्होंने बैंक और बीमा कंपनियों को शिकायत करना शुरू की, परंतु बैंक और बीमा कंपनियाँ से उन्हें कोई जबाव नहीं मिला।
    आखिरकार उन्होंने बीमा लोकापाल के पास शिकायत करने के निश्चय किया और जब बीमा लोकापाल के पास उन्होंने शिकायत की तो प्रथमदृष्टया ही साबित हो गया कि यूलिप इन सज्जन को गलत तरीके से बेचा गया है और यह मिससेलिंग का केस है। पर मिससेलिंग को सिद्ध कैसे किया जाये ?  सौभाग्यवश उन सज्जन के पास यूलिप खरीदने के दौरान बताये गये सारे कैलकुलेशन और दस्तावेज जो कि बैंक और बीमा कंपनियों ने उन्हें दिया थे वे मौजूद थे, जिसमें कि उन्होंने दर्शाया हुआ था कि किस प्रकार से उनके निवेश को पंख लग जायेंगे और आने वाले समय में उनका निवेश सुरक्षित तरीके से बहुत ज्यादा हो जायेगा।
    और इन कैलकुलेशन और दस्तावेज के कारण बीमा कंपनी को उन सज्जन को पूरे पैसे लौटाने पड़े, पर ऐसे भाग्यशाली लोग कितने होंगे जो ये सारे कागज जिनको मिलते होंगे और वे सँभाल कर रखते भी होंगे, वैसे तो जो भी लोग मिससेलिंग करते हैं या इस तरह की गतिविधियों में लिप्त रहते हैं वे इस तरह के सारे कैलकुलेशन और दस्तावेज निवेशक के हाथों आने ही नहीं देते हैं, वे कोई सबूत छोड़ते नहीं हैं ।
ध्यान रखने योग्य बातें –
    जब भी कोई बीमा या वित्तीय उत्पाद खरीदें, हमेशा कैलकुलेशन और दस्तावेज अपनी मास्टर फाईल में सँभाल कर रखें, जिससे अगर बेचा गया उत्पाद आगे अच्छा नहीं करे तो ये कैलकुलेशन और दस्तावेज आपके मददगार साबित हों ।

पुराने टर्म इन्श्योरेन्स v/s नये ऑनलाईन टर्म इन्श्योरेन्स (Old Term Insurance Vs New Online Term Insurance)

    अपनी एक टर्म इन्श्योरेन्स (Term Insurance) पॉलिसी के बारे में देख रहा था, तो सोचा कि आजकल बहुत सारे ऑनलाईन प्लॉन उपलब्ध हैं, तो नई सुविधाओं वाले प्लॉन देखें जायें और पुराने टर्म प्लॉन को बंद कर नयी सुविधाओं वाला टर्म प्लॉन खरीदा जाये। जब भी हम कोई भी बीमा पॉलिसी लेते हैं, तो सारी जानकारी लेने के बाद ही लेते हैं कि यह प्लॉन सबसे अच्छा हमें लग रहा है क्योंकि सबकी जरूरतें भी अलग अलग होती हैं। हर दो तीन वर्ष में बाजार में उपलब्ध नये बीमा उत्पाद जरूर देख लेने चाहिये। और अगर नये उत्पाद पुराने से बेहतर हैं तो पुराने को बंद कर नये बीमा उत्पाद को ले सकते हैं, टर्म इन्श्योरेन्स लेने का सबसे बड़ा फायदा यही है, अगर पारम्परिक प्लॉन लेते हैं तो आप सपने में भी उन बीमा पॉलिसियों को बंद करने की नहीं सोच सकते हैं, क्योंकि वे बीमा आपने अपने परिवार की सुरक्षा के लिये नहीं लिये होते हैं, वे बीमा तो आपने केवल निवेश के उद्देश्य से लिये होते हैं।
 
    अब हमारे पास HDFC Life का Term Assurance नाम का एक प्लॉन है, जिसे हमने HDFC बैंक से लिया था, और हम खुद से ही यह प्लॉन पसंद करके गये थे क्योंकि उस समय HDFC Life के ऑनलाईन बीमा उत्पाद नहीं थे, हाँ यहाँ बैंक के एजेन्ट ने एक चतुराई कर दी कि ऑटो डेबिट फैसिलिटी के बक्से (option) पर टिक कर दिया, जिसे शायद हमने उतने गौर से नहीं देखा, क्योंकि पहली किश्त तो ऐसे भी चैक से ही जाती है, अब इस बार जब ईमेल आया तो हमने गौर किया, पिछले दो वर्षों से तो हमें इस समय साँस लेने की फुरसत भी नहीं होती थी, तो हमने तुरंत फोन लगाया कि इस ऑटो डेबिट सुविधा को बंद किया जाये, तो हमें कहा गया कि आप [email protected] पर ईमेल करिये तो आपको सुविधा मिल जायेगी, हमने ईमेल किया कि De-register of Auto Debit Facility for Policy No. XXXXXX. हमें जबाब आया कि  If kindly submit/send the De-activation request/letter 15 days prior to the Premium Due date at any nearest HDFC Life branch or you may confirm us the same in revert so that we can also process your request. साथ ही एक नोट भी आया जिस पर हमारा ध्यान ज्यादा आकर्षित हुआ Note: As per the product features if the direct debit facility is active, you will avail a discount on the base premium amount of 10%.
 
    इसका मतलब साफ साफ यह था का इस सुविधा के साथ हमें 10% का प्रीमियम में छूट भी मिल रही थी। सो सोचा अब कुछ हो नहीं सकता इस वर्ष यही बीमा योजना चलने देते हैं, अब अप्रैल में देखेंगे, क्योंकि अगर हम अभी यह वाली पॉलिसी निरस्त करवाते और नई पॉलिसी लेते हैं तो हम परिवार को जोखिम में डाल देते, कि अगर मान लो कि नई पॉलिसी किसी कारण से हमें नहीं मिली और पुरानी वाली हमने बंद करवा दी और पीछे कुछ हो गया तो अपनी सारी फाइनेंशियल प्लॉनिंग धरी का धरी रह जायेगी।
 
    हमने तीन प्लॉन पसंद किये थे जिसमें से दो प्लॉन HDFC Life के हैं
  1. HDFC Protect Plus – Monthly Income
  2. HDFC Protect Plus – 10% increasing Monthly
    Income
तीसरा प्लॉन MAX LIFE ONLINE TERM LIFE COVER + 10% INCREASING MONTHLY INCOME MAX LIFE ONLINE TERM LIFE की प्रीमियम HDFC Protect Plus से कम है, MAX LIFE क्लेम सैटलमेंट के लिये अपना एक एडवाईजर नॉमिनी को देती है, परंतु HDFC Life नहीं, यहाँ नॉमिनी को खुद से ही HDFC Life के Claim Settlement Department को फोन करके सारी कागजी कार्यवाही पूरी करनी होती है।
 
    Monthly Income में केवल यह फायदा है कि अगर बीमा धारक को कुछ हो गया तो एक मुश्त बीमित धन का भुगतान तो नामिनी को मिलेगा ही, परंतु इसमें अगले दस वर्ष तक हर माह .5 प्रतिशत मासिक भुगतान भी प्राप्त होगा, HDFC Life .5% और MAX LIFE .4% मासिक भुगतान करती हैं, Increased Monthly Income में हर वर्ष 10% रकम बड़ती जाती है ।
 
    उदाहरण के लिये अगर 1 करोड़ का बीमा लिया और अगर बीमित व्यक्ति को कुछ हो गया तो नामिनी को जल्दी से जल्दी 1 करोड़ रूपया मिल जायेगा और अगले दस वर्ष तक 50,000 रू. हर माह भुगतान भी मिलेगा।
 
    आज जब MAX LIFE का ऑनलाईन फॉर्म भरा तो उसी समय MAX LIFE से धड़धड़ाते हुए फोन आ गया कि आप अभी ऑनलाईन यह उत्पाद देख रहे हैं, अगर कोई जानकारी चाहिये तो बताईये, हमने कहा कि आपका क्लैम सैटलमेंट रेशो क्या है, जबाब मिला 95.56%, तो हमने पूछा कि बाकी के 4% क्लैम आपने क्यों नहीं दिये, तो वे कुछ मेडिकल गलत मिला जैसा कुछ बोलीं तो हमने कहा कि आप तो बीमा देने के पहले मेडिकल करवाते हो फिर मेडिकल गलत कैसे हो गया, अगर कोई समस्या थी तो आपको बीमा ही नहीं देना चाहिये था, आपने उसका प्रीमियम लौटा देना था पर क्लैम नहीं देना तो गलत है, उधर से फोन काट दिया गया।
 
    तो यह समस्या आम है, ध्यान रखें जब भी टर्म इन्श्योरेन्स लें तो 2-3 कंपनियों से लें, ये न सोचें कि LIC से लेना सुरक्षित है, वे भी क्लैम सैटलमेंट में ऐसे ही होते हैं, तो जहाँ प्लॉन अच्छा मिले उस कंपनी से प्लॉन ले लें ।


कुछ पुरानी संबंधित पोस्टें – 














एटीएम कार्ड के बिना एटीएम से पैसे कैसे निकालें (Withdrawl Money from ATM without using ATM Card)

     एटीएम कार्ड के बिना एटीएम से पैसे निकालना अविश्वसनीय सी बात लगती है, परंतु तकनीकी युग में नई तकनीक विस्तार से अब बहुत कुछ संभव हो गया है, और हम इस सुविधा का उपयोग भारत में बहुत ही अच्छी तरह से कर सकते हैं, क्योंकि भारत में अभी भी पैसे एक जगह से दूसरी जगह भेजना एक दुष्कर कार्य की श्रेणी में आता है, हमें जब कुछ पैसे घर या बाहर अपने परिवार या परिचित को भेजने होते हैं, तब खासकर यह सुविधा बहुत ही फायदेमंद है।
 
    इसी वर्ष के आरंभ में बैंक ऑफ इंडिया और इंडसइंड बैंक ने एटीएम कार्ड के बिना एटीएम से पैसे निकालने की यह सुविधा अपने ग्राहकों को दी थी, अभी हाल ही में आईसीआईसीआई बैंक ने भी यह सुविधा अपने ग्राहकों
को दी, हालांकि जितना विज्ञापन और हल्ला आईसीआईसीआई बैंक ने किया उतना बैंक ऑफ इंडिया और इंडसइंड बैंक ने यह सुविधा शुरू करते समय नहीं किया था।
 
 
यह कार्य कैसे करता है –
 
  1. ग्राहक के पास इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होना चाहिये
  2. ग्राहक के पास मोबाईल होना चाहिये
  3. ग्राहक को अपने अकाऊँट में लॉगिन करना होता है
  4. ग्राहक को कैश बैनीफीशयरी में अपना या / और जिन्हें पैसे निकालने हैं, उन्हें पंजीकृत करना होगा, जिसमें
    नाम, मोबाईल नंबर, ईमेल एवं पता देना होता है
  5. जब भी आपको पैसे निकालने हैं तो इंटरनेट बैंकिंग में ए.टी.एम. निकास सुविधा में जाकर, बैनीफीशयरी चुनें और रकम का उल्लेख करें
  6. जैसे ही आप कन्फर्म कर देंगे तो बैनीफीशयरी के मोबाईल पर एक कोड आ जायेगा
  7. अब वह बैनीफीशयरी उल्लेखित ए.टी.एम. पर जाकर अपना मोबाईल नंबर, कोड और रकम डालकर पैसे बिना कार्ड के निकाल सकता है
ध्यान रखने की बातें –
 
बैनीफीशयरी रकम को 14 दिन तक निकाल सकता है, अगर बैनीफीशयरी 14 दिन में रकम नहीं निकालता है या गलत सूचना ए.टी.एम. में प्रविष्ट करता है तो रकम वापिस से अकाऊँट में जमा हो जाती है ।
 
कैसे लाभ उठायें –
 
– अगर घर पर पैसे भेजने हों तो अपने माता पिता को बैनीफीशयरी के रूप में पंजीकृत कर लें और  वे आराम से अपने शहर से पैसे निकाल सकते हैं।
– अगर आप कहीं बाहर घूमने जा रहे हैं और साथ में ए.टी.एम. कार्ड रखने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो अपने को बैनीफीशयरी बनाकर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
– अगर आपके पुत्र या पुत्री कहीं दूर रहते हैं तो बैनीफीशयरी में उनको जोड़कर उन्हें सीधे ए.टी.एम. से पैसे निकाल सकते हैं, और उन्हें ए.टी.एम. कार्ड भी नहीं रखना होगा।
 

फाइनेंशियल बकवास (FinancialBakwas)

हमने यूट्यूब पर फाइनेंशियल बकवास नाम से नया चैनल शुरू किया है, जिसमें पर्सनल फाईनेंस से संबंधित बातों को वीडियो या प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताने का एक प्रयास है ।

अभी तक हमने यहाँ 5 वीडियो अपलोड किये हैं, आप भी देखिये और बताईये कि आगे आप और क्या सुनना चाहते हैं । मैं इस चैनल में मुख्यत: बात करूँगा –
1. म्यूचअल फंड
2. जीवन बीमा
3. मेडीक्लेम
4. दुर्घटना बीमा
5. शेयर बाजार
6. निवेश के तरीके
7. सेवानिवृत्ति की योजना
8. क्रेडिट कार्ड
9. टैक्स में बचत
10. कैसे अच्छे उत्पाद चुनें
11. अपने धन के सही तरीके से कैसे उपयोग करें

एल आई सी या टर्म इन्श्योरेन्स और आवर्ती जमा LIC or Term Insurance and Recurring Deposit in Hindi

 

त्योहारों पर म्यूचयल फंड उपहार में दें Gift Mutual Funds On Festivals (Hindi)

म्यूचअल फंड क्या होता है What is Mutual Fund in Hindi

म्यूचअल फंड योजनाओं के प्रकार हिन्दी में Mutual Fund Type of Schemes In Hindi

म्युचअल फंड योजनाओं के प्रकार एवं संरचना – हिन्दी Types of Mutual Funds and Structure in Hindi

 

क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेन्ट फीस से कैसे बचा जाये (How to avoid Late Payment Fees on Credit Card)

    क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का उपयोग करना भी एक कला है, जो कि हमारे वित्तीय जीवन (Financial Life) के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। कई लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना बंद कर देते हैं क्योंकि जब वे खर्च करते हैं और क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं तो उन्हें लगता है कि नगद (Cash) तो उनकी जेब से जा नहीं रहा, और क्रेडिट कार्ड का भुगतान बाद में करना है, पर वे यह

नहीं सोचते कि भुगतान तो उन्हें ही करना है, उनके द्वारा खर्च किये गये क्रेडिट कार्ड का भुगतान (Payment) और कोई नहीं करेगा, और अगर निश्चित समय अवधि के अंदर भुगतान नहीं किया जाता है तो उसके देरी से भुगतान के शुल्क (Late Payment Fees) भी भुगतने होंगे और बकाया राशि (Outstanding Amount) पर ब्याज (Interest) भी देय होगा। ब्याज इतना भारी होता है कि इसे भुगतने के बाद क्रेडिट कार्ड धारक (Credit Card Holder) हमेशा याद रखता है, 2 प्रतिशत मासिक याने कि 24 प्रतिशत सालाना, कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां 3 प्रतिशत मासिक भी लेती हैं।

क्रेडिट कार्ड हो या डेबिट कार्ड पिन जरूरी (Credit Card or Debit Card pin is mandatory now)

  लेट पेमेन्ट फीस से बचें (Avoid Late Payment Fees) –
    क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने ग्राहक को 50 दिन के क्रेडिट की सुविधा देती हैं, अगर आप निश्चित देय तिथि तक भुगतान नहीं कर पाते हैं तो ब्याज के अतिरिक्त देरी से भुगतान शुल्क (Late Payment Fees) भी देय होती है, क्रेडिट कार्ड के लेट पेमेन्ट फीस से बचने के कुछ उपाय
  1. अपने बचत खाते से क्रेडिट कार्ड को लिंक करें जिससे देय तिथि पर अपने आप भुगतान (Auto Debit Facility) हो जाये ।
  2. अगर आप अपने बैंकखाते से लिंक नहीं करना चाहते तो आखिरी भुगतान तिथि के 3 दिन पहले क्रेडिट कार्ड कंपनी को NEFT से भुगतान (Outstanding payment to Credit Card Bank) कर दें।
  3. अगर चैक (Cheque) से भुगतान कर रहे हैं तो चैक जल्दी ही जमा कर दें, क्योंकि चैक क्लियरिंग (Clearing) में ज्यादा समय लगता है।
  4. अपनी डायरी, मोबाइल में क्रेडिट कार्ड पैमेन्ट के लिये चेतावनी का संकेत (Reminder Alarm) लगा लें ।
     इन उपायों के बावजूद भी अगर लेट पेमेन्ट फीस लग जाती है तो क्रेडिट कार्ड कस्टमर केयर (Credit Customer Care) से बात करें और उन्हें विश्वास दिलवायें कि यह पहली बार हुआ है और आगे से ऐसा नहीं होगा, और वाकई अगर पहली बार आपके साथ यह हुआ है तो आपके क्रेडिट कार्ड पर लगायी गई लेट पेमेन्ट फीस सौ फीसदी आपके खाते में क्रेडिट हो जायेगी।
    लेकिन अगर आप हमेशा ही भुगतान में देरी करते हैं तो लेट पेमेन्ट फीस का भुगतान करने को तैयार रहिये । और हाँ लेट पेमेन्ट फीस आपकी क्रेडिट स्कोर याने कि हिस्ट्री (Credit Score) भी खराब करता है ।

भारत में पहली बार सोशल बैंकिंग जिफि बैंक खाता

    भारत में बैंकों के इतिहास में पहली बार कोटक महिन्द्रा बैंक ने इंडीब्लॉगरों के मध्य सोशल बैंकिंग पर आधारित अपना पहला उत्पाद 23 मार्च को बाजार में उतारा । जिसका नाम जिफि #JIFI दिया गया है । ट्विटर पर इसे #JifiIsHere के टैग से देखा जा सकता है । जिफि खाता खुलवाने के लिए फेसबुक एकाऊँट का होना जरूरी आवश्यकता है। जिफि एकाऊँट का निमंत्रण पाने के लिए ईमेल या फेसबुक लॉगिन का उपयोग करना होता है।
    सोशल बैंकिंग में  बैंक की सारी नई जानकारियाँ जिफि बैंक खाताधारक अपने ट्विटर हैंडल पर सीधे पा सकता हैं, बैंक जिफि ग्राहकों को डाइरेक्ट मैसेज से जानकारी भेजेगी, जिससे जिफि ग्राहक की जानकारी पूर्णरूप से गोपनीय रहेगी । जिफि ग्राहक बैंक को सीधे ट्विट करके अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं । तो जिफि ग्राहकों के लिए अपना बैलेंस जानना भी केवल एक ट्विट करने भर की दूरी पर है।
    जिफि ग्राहक अपना एकाऊँट एक्टिवेट करने के बाद अपने ट्विटर हैंडल को जिफि डेशबोर्ड से जोङना है, इस सुविधा का लाभ वे सभी जिफि ग्राहक उठा सकते हैं जिनके पास ट्विटर एकाउँट है।

ट्विटर पर ट्विट करके जिफि ग्राहक  निम्न जानकारियाँ पा सकते हैं

–    बैलेंस जानना, आखिरी तीन ट्रांजेक्शन, पिछले तीन महीने के स्टेटमेंट ईमेल पर मँगाना, किसी चेक के स्टेटस की जानकारी, नई चेकबुक का लिए आवेदन, पास के एटीएम एवं शाखा के बारे में जानकारी, नेट बैंकिंग एवं फोन बैंकिंग का पिन बदलना, ऐसे ही क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी पा सकते हैं। यहीं पर जिफि ग्राहक अपने रैफेरल और रिवार्ड पॉइंट्स के बारे में भी जान सकते हैं।
    अगर आपका ट्विटर एकाउँट हैक भी हो जाये तो kotakjifi.com पर लॉगिन करके ट्विटर एकाउँट हैंडल हटा दें।
    500 रू. के ऊपर के हर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर 25 पॉइंट्स मिलेंगे और हर रैफेरल पर 250 सोशल पॉइंट्स मिलेंगे। जिफि ग्राहक मोबाईल एप्प से भी बैंकिंग कर सकते हैं। जिफि बैंक एकाऊँट में सबसे अच्छी बात है कि 25 हजार के ऊपर का बैलेन्स अपने आप फिक्सड डिपोजिट बन जायेगी।
    तो इंतजार किस बात का, kotakjifi.com पर लॉगिन कीजिये और जिफि ग्राहक बनिये ।
    Indiblogger.in को इस बेहतरीन अनुभव का साक्षी बनाने के लिए  धन्यवाद ।