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वित्तमंत्री का यू टर्न U Turn of Finance Minister

वित्तमंत्री के कल बजट के गड़बड़ी वाले फैसलों में U टर्न के बाद शेयर बाजार के विश्लेषक सोच रहे थे कि अब सोमवार से बाजार फिर तेजी में आयेगा, पर कल रात में ही ट्रम्प बाबा ने गेम कर दिया और अमेरिकी शेयर बाजार 3% नीचे आ गये, ट्रम्प ने अमेरिकी कंपनियों को कहा है कि अपना धंधा चीन से समेटो और किसी और देश में धंधा लगाओ।

वैसे भी ट्रम्प बाबा बहुत बड़े वाले हैं, अगर उनको चीन की वाट लगानी है तो अपनी खुद याने कि अमेरिका की इकॉनॉमी की वाट लगानी पड़ेगी, क्योंकि चीन ही डॉलर बांड का बहुत बड़ा निवेशक है, और तभी चीन की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

तो अब विश्व में जबरदस्त मंदी आने में बहुत देर नहीं है, क्योंकि अगर किसी को परेशान करना हो, वजूद मिटाना हो तो डॉलर हिलेगा, और डॉलर हिला तो सारे देश डांस करेंगे।

यहाँ बताता चलूँ कि कल डॉलर 72 रूपये को पार कर गया है, और बस अब जल्दी ही 75 भी पार कर जायेगा। आप सबको जबरदस्त विकास की बधाई

कुछ फेसबुक स्टेटस

ऐसा लग रहा है कि चिदम्बरम के अंदर जाते ही सरकार को अर्थव्यवस्था सही करने के आइडिया आने लगे हैं, चिदम्बरम को अंदर ही रखो जब तक अर्थव्यवस्था ठीक न हो जाये, अब बेचारे को डंडे के दम पर ही सही सरकार को बताना पड़ रहा है।

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तो अभी तो चौपहिया वाहन बनाने वाली सभी कंपनियों की वाट लगी पड़ी है, पर दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में गिरावट नहीं है, और हाँ ध्यान रखिये बजाज ऑटो अब आने वाली तेजी में मुख्य भूमिका निभायेगा, हीरो मोटर्स भी है, पर बजाज ऑटो मार्केट लीडर है।

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हम रहते हैं स्वच्छ भारत में जहाँ गोबर या कुत्ते की टट्टी यहाँ वहाँ सर्वत्र मिल ही जाती है, कल MG Road पर घूम रहे थे, हम हमारी दोस्त मंडली के साथ थे, सामने से दो भद्र महिलायें आधुनिक वस्त्र धारण किये हुए थीं, और बातें करते हुए चल रही थीं, तथा साथ ही एक महिला फोन पर चलते हुए कुछ टाईप भी कर रही थीं, तभी बीच में गोबर मिल गया, साथ चल रही महिला मित्र ने रोका अरे संभल कर, तो फोन वाली महिला, जोर से हिन्दी में बोली, बाय गॉड केक कटने से बच गया।

हम सोच रहे थे कि हम ताली बजाकर जन्मदिन मुबारक थोड़े ही गाने वाले थे 😂😂😂😂

#MG_रोड_के_किस्से

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लो जी अब पता चला है कि लार्ड माउंटबेटन होमो था, तब भी नेहरू जी से बहुत पटती थी, आश्चर्य है। यह भी हो सकता है कि इसी ब्लैकमेल के चलते वो प्रधानमंत्री बने हों, FBI फाइल्स खोलो मोटा भाई, जबरदस्त मसाला मिला है।

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लेखन dan seterusnya ब्लॉगिंग

पता है लिखना बहुतों के लिये बहुत दुश्कर कार्य होता है, और बहुतों के लिये बहुत ही आसान, कुछ लोग तो जब भी लिखना चाहते हैं, लिख ही लेते हैं, और वहीं कुछ लोगों को लिखने के लिये बहुत जोर लगाना पड़ता है, अंग्रेजी में कहे गये शब्द राईटर्स ब्लॉक को भी कई लोग आजकल उपयोग करने लगे हैं। मेरा तो खैर मानना यह है कि जब शब्द अंदर से निकलते हैं, आप तभी लिख सकते हैं, नहीं तो लिखना नामुमकिन ही है।

लेखन भी कई प्रकार के होते हैं, कोई लेख अच्छा लिख सकता है तो कोई कहानी, नाटक या उपन्यास, अब अपनी विधा के महारती होते हैं, बस जैसे जैसे लिखते जाते हैं तो उस विधा में उनका अनुभव गहराता जाता है और उसे लिखना उनके लिये बाँयें हाथ का खेल हो जाता है , दूसरे लोग सोचते ही रहते हैं कि यह लेखक कैसे इतना गहरा लिख लेता होगा, पर सही बताऊँ तो शायद लेखक भी इस सवाल का जवाब न दे पाये।

कुछ लोग अपने आपको लिखते हैं तो कुछ लोग अनुभव लिखते हैं, और वहीं कुछ लोग दूसरों को लिख देते हैं। मैं पता नहीं कैसे कहाँ कब से लिखने लगा, मुझे अब लिखना अच्छा लगता है, बचपन से ही टेपरिकॉर्डर पर कवितायें सुनते हुए बड़ा हुआ और फिर महाविद्यालयीन काल में कुछ कविताओं, नाटकों और रचनात्मक लेखन ने शायद मुझे लेखन के लिये प्रोत्साहित किया। परंतु असली लेखन तो मेरा ब्लॉगिंग से शुरू हुआ, जब ब्लॉग आये तो मैंने फिर से लिखना शुरू किया, पता नहीं लेखन में वो धार तब भी थी या नहीं, यही बात आज भी सोचता हूँ कि वह लेखन की धार आज भी है या नहीं।

पहले सीधे कम्पयूटर पर लिखा नहीं जाता था, तो पहले कॉपी पर लिखता था और फिर कम्प्यूटर पर टाईप करता था, परंतु धीरे धीरे आदत ऐसी बनी कि अब सीधे ही कीबोर्ड से लिखने में आनंद आने लगा और आदत भी पड़ गई, अब कागज पर लिखना बहुत कम हो गया है , अब तो लिखने के लिये टाईप करना भी जरूरी नहीं है, मोबाईल में बोलकर लिखा जा सकता है, वहीं अब तो लेपटॉप में भी बोलकर लिखा जा सकता है, और सबसे बड़ी बात इसके लिये किसी प्रोग्राम को पहले की तरह ट्रेंड नहीं करना पड़ता है , अब तो प्रोग्राम ट्रेंड होते हैं dan seterusnya बढ़िया से टाईप करते हैं ।

अब जिस विषय पर अच्छी पकड़ होती है, खासकर वित्त पर, उसमें तो मैं कई लेख केवल बोलकर ही लिख लेता हूँ, परंतु जैसे यह ब्लॉग लिख रहा हूँ तो इसे तो मुझे टाईप ही करना पड़ रहा है, क्योंकि यह भावनायें सीधे दिल से निकल रही हैं , यह लिखने के लिये मुझे कुछ सोचना नहीं पड़ रहा है, यहाँ तो बस उँगलियाँ अपने आप ही लिखे जा रही हैं। आप भी कैसे लिख पाते हैं, इस seterusnya टिप्पणी करके जरूर बताईयेगा । हालांकि यह जरूर बता दूँ कि ब्लॉगर लेखक नहीं होता है, केवल ब्ल़ॉगर ही होता है, और मैं भी अपने आपको लेखक नहीं ब्लॉगर ही मानता हूँ, लेखन एक अलग विधा है और ब्लॉगिंग एक अलग विधा है।

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C’est pas le fait de le faire.

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C'est pas le bon des .' C'est pas comme un . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . C'est pas comme un . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . C'est pas le bon des .' C'est pas le bon des .' C'est pas le même.

البيستو. التكنولوجيا जो 15 लाख से 60 लाख तक सैलेरी दिलवाने में मदद कर रहे हैं ।

pesto.tech एक भारतीय स्टार्टअप है जो कि भारत के युवाओं को 15 लाख से 60 लाख रूपयों तक सैलेरी दिलवाने में मदद कर रहे हैं, अमेरिका को हमेशा ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की भारी जरूरत है, परंतु वहाँ जाकर काम करने में वीजा एक बड़ी समस्या है। इसका एक हल यह भी था कि अमेरिका की कंपनियों में भारतीय इंजीनियर भारत से ही काम करें और तकनीकी रूप से समस्या को हल करें। मेरे दिमाग में भी यही बात थी क्योंकि एक पड़ौसी हैं जो कि यहीं बैंगलोर से अमेरिका की सॉफ्टवेयर कंपनी में रिमोट एम्पलायी हैं और लगभग उनकी सैलेरी $5000 या $6000 है, जो कि भारतीय रूपयों में लगभग हर माह 3 लाख से 4.5 लाख रूपयों के बीच होती है , सालाना लगभग 36 से 51 लाख रूपये होती है । वे पहले अमेरिका में उसी कंपनी में काम करती थीं और कंपनी को उनके ऊपर भरोसा था, इसलिये उस कंपनी की वे एकमात्र रिमोट एम्पलॉयी हैं, परंतु उनको भी पता है कि उनको भारत में आधी से भी कम सैलेरी मिल रही है, पर वे खुश हैं , क्योंकि उनको घर से ही काम करना है, उनके लिये कोई भी ऑफिस बैंगलोर में नहीं है। हो सकता है कि इस तरह के और भी कर्मचारी बैंगलोर में हों जो कि रिमोटली काम करते हों।

पर यह सॉल्यूशन नहीं है, यह केवल उन लोगों के लिये ही सुविधा है जो कि पहले से ही अमेरीकी कंपनियों में काम कर चुके हैं और कंपनियों को उन कर्मचारियों पर भरोसा है। भारत में बहुत से इंजीनियर ऐसे हैं जो बहुत अच्छा काम तो कर सकते हैं, और अगर उनके पास अमेरीकी वीजा हो तो उनको एकदम अमेरिका में जॉब भी मिल जाये, परंतु वीजा ही सबसे बड़ी समस्या है, अमेरिका में अभी 50 लाख सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की कमी है और 2020 तक यह नंबर 1.4 करोड़ हो जायेगा । अमेरिका में इंजीनियर की सैलेरी लगभग $80,000 से $1, 00000 होती है ال।

इस समस्या का हल निकाला आयुष और एन्ड्रू ने उन्होंने देखा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास अच्छे कोडिंग स्किल्स हों वो रिमोटली ही लगभग $150 हर घंटे के कमा सकता है, परंतु इस तरह के काम मिलना रोज संभव नहीं होता है, तो उन्होंने कंपनियों से बात की कि हम आपको भारत से स्किल्ड रिसोर्स देंगे आप उसे सीधे काम दे देना और अमेरिकी मॉडल के हिसाब से सैलेरी दे देना, कई अमेरिकी कंपनियों को यह बात जँची और उन्होंने हाँ कर दी। तो बस एक नया स्टार्टअप البيستو. التكنولوجيا अस्तित्व में आ गया ।

अब आयुष और एन्ड्रू के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री वाले बहुत से इंजीनियर तो उपलब्ध हैं, परंतु उनको कोडिंग करना ही नहीं आती थी, वे केवल डिग्रीधारी इंजीनियर थे, तो उन्होंने पेस्टो कंपनी बनाई, जहाँ 3 महीने का कोर्स डिजाईन किया ، जिसमें جافا سكريبت ، ES6 ، HTML5 ، CSS3 ، JSON ، الشبكة ، البروتوكولات ، المتصفحات ، العقدة ، اكسبرس ، Mongo ، واجات برمجه التطبيقات ، اختبار ، خدمات النشر ، الإنتاج ، المخاوف الاخلاقيه من إنتاج البرمجيات والهندسة ، التكنولوجيا المهارات الناعمة की ट्रेनिंग देते हैं । इस कोर्स के दौरान इंजीनियर को दिल्ली में ही रहना होता है और 24 घंटे में कभी भी काम करना पड़ता है, क्योंकि आप अमेरीकी कंपनी के लिये काम कर रहे होते हैं तो उनके समय के हिसाब से भी आपको अपना काम करने का समय निकालना होता है। इस दौरान वे अमेरिकी कल्चर भी सिखाते हैं, जिससे आपको अपने अमेरिकी एम्पलॉयर के साथ काम करने में ज्यादा परेशानी न हो।

यह भी इतना आसान नहीं है, पहले आपको उनका المصدر المفتوح مناهج करना होता है और علوم الحاسب الआपको سبيل बेसिक फंडामेंटल पता होने चाहिये । आपकी इंगलिश अच्छी होनी चाहिये । एक बार 3 महीने की ट्रेनिंग हो गई तो उसके बाद pesto.tech आपको अपने Hiring Partners के साथ सीधे काम करने का मौका देते हैं, सीधे कंपनी आपको रिमोट एम्पलॉयी ले लेती है।

यहाँ तक सब फ्री है, जब आप जॉब करने लगते हैं तो आपको 5 वर्ष के लिये कॉन्ट्रेक्ट साईन करना होता है और 36 महीने की सैलेरी में से हर महीने pesto.tech 17% हिस्सा फीस के रूप में लेते हैं। यह फीस भी वे तभी लेते हैं अगर कमाई 15 लाख रूपयों से ज्यादा हो और उनकी फीस की अधिकतम सीमा है 20 लाख रूपये, याने कि किसी भी इंजीनियर से वे 20 लाख रूपयों से ज्याादा फीस के रूप में नहीं लेंगे। अभी तक उनके यहाँ की औसत सैलेरी 31 लाख रूपये है और अधिकतम 60 लाख रूपये सैलेरी है।

जरूरी नहीं है कि आपके पास Computer Science में इंजीनियरिंग डिग्री ही हो, आपके पास कोई भी डिग्री हो या न हो, अगर आपके कोडिंग स्किल्स अच्छे हैं तो भी आप इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। 

pesto. tech जो 15 लाख से 60 लाख तक सैलेरी दिलवाने में मदद कर रहे हैं ।

pesto.tech एक भारतीय स्टार्टअप है जो कि भारत के युवाओं को 15 लाख से 60 लाख रूपयों तक सैलेरी दिलवाने में मदद कर रहे हैं, अमेरिका को हमेशा ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की भारी जरूरत है, परंतु वहाँ जाकर काम करने में वीजा एक बड़ी समस्या है। इसका एक हल यह भी था कि अमेरिका की कंपनियों में भारतीय इंजीनियर भारत से ही काम करें और तकनीकी रूप से समस्या को हल करें। मेरे दिमाग में भी यही बात थी क्योंकि एक पड़ौसी हैं जो कि यहीं बैंगलोर से अमेरिका की सॉफ्टवेयर कंपनी में रिमोट एम्पलायी हैं और लगभग उनकी सैलेरी $5000 या $6000 है, जो कि भारतीय रूपयों में लगभग हर माह 3 लाख से 4.5 लाख रूपयों के बीच होती है , सालाना लगभग 36 से 51 लाख रूपये होती है । वे पहले अमेरिका में उसी कंपनी में काम करती थीं और कंपनी को उनके ऊपर भरोसा था, इसलिये उस कंपनी की वे एकमात्र रिमोट एम्पलॉयी हैं, परंतु उनको भी पता है कि उनको भारत में आधी से भी कम सैलेरी मिल रही है, पर वे खुश हैं , क्योंकि उनको घर से ही काम करना है, उनके लिये कोई भी ऑफिस बैंगलोर में नहीं है। हो सकता है कि इस तरह के और भी कर्मचारी बैंगलोर में हों जो कि रिमोटली काम करते हों।

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अब आयुष और एन्ड्रू के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री वाले बहुत से इंजीनियर तो उपलब्ध हैं, परंतु उनको कोडिंग करना ही नहीं आती थी, वे केवल डिग्रीधारी इंजीनियर थे, तो उन्होंने पेस्टो कंपनी बनाई, जहाँ 3 महीने का कोर्स डिजाईन किया , जिसमें JavaScript, ES6, HTML5, CSS3, JSON, Jaringan, protokol, browser, node, Express, Mongo, api, pengujian, Layanan penyebaran, produksi, keprihatinan etis dari produksi dan rekayasa perangkat lunak, Tek soft skills की ट्रेनिंग देते हैं । इस कोर्स के दौरान इंजीनियर को दिल्ली में ही रहना होता है और 24 घंटे में कभी भी काम करना पड़ता है, क्योंकि आप अमेरीकी कंपनी के लिये काम कर रहे होते हैं तो उनके समय के हिसाब से भी आपको अपना काम करने का समय निकालना होता है। इस दौरान वे अमेरिकी कल्चर भी सिखाते हैं, जिससे आपको अपने अमेरिकी एम्पलॉयर के साथ काम करने में ज्यादा परेशानी न हो।

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तकसैलेरीदिलवानेमेंमददरहेहैं।

जोकिभारतयुवाओंकोलाखसेलाखरूपयोंतकसैलेरीदिलवानेमेंमददरहेहैंअमेरिकाकोहमेशासॉफ्टवेयरइंजीनियर्सभारीजरूरतहैपरंतुवहाँजाकरकामकरनेमेंवीजाएकबड़ीसमस्याहै।इसका एक हल यह भी था कि अमेरिका की कंपनियों में भारतीय इंजीनियर भारत से ही काम करें और तकनीकी रूप से समस्या को हल करें।थीक्योंकिएकपड़ौसीहैंजोकियहींबैंगलोरसेअमेरिकासॉफ्टवेयरकंपनीमेंरिमोटएम्पलायीहैंऔरलगभगउनकीसैलेरीयाहैजोकिभारतीयरूपयोंमेंलगभगमाहलाखसेलाखरूपयोंबीचहोतीहैरूपयेहोतीहै।, सालानालगभग36से51वे पहले अमेरिका में उसी कंपनी में काम करती थीं और कंपनी को उनके ऊपर भरोसा था, इसलिये उस कंपनी की वे एकमात्र रिमोट एम्पलॉयी हैं, परंतु उनको भी पता है कि उनको भारत में आधी से भी कम सैलेरी मिल रही है, पर वे खुश हैंकामकरनाहैउनकेकोईऑफिसबैंगलोरमेंनहींहै।हो सकता है कि इस तरह के और भी कर्मचारी बैंगलोर में हों जो कि रिमोटली काम करते हों।

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इस समस्या का हल निकाला आयुष और एन्ड्रू ने उन्होंने देखा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास अच्छे कोडिंग स्किल्स हों वो रिमोटली ही लगभग $150 हर घंटे के कमा सकता है, परंतु इस तरह के काम मिलना रोज संभव नहीं होता है, तो उन्होंने कंपनियों से बात की कि हम आपको भारत से स्किल्डसीधेकामदेनाऔरअमेरिकीमॉडलहिसाबसेसैलेरीदेनाकईअमेरिकीकंपनियोंकोयहबातजँचीऔरउन्होंनेहाँ।स्टार्टअपअस्तित्वमेंआगया।नयाएक

अब आयुष और एन्ड्रू के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री वाले बहुत से इंजीनियर तो उपलब्ध हैं, परंतु उनको कोडिंग करना ही नहीं आती थी, वे केवल डिग्रीधारी इंजीनियर थे, तो उन्होंने पेस्टो कंपनी बनाई, जहाँ 3 महीने का कोर्स डिजाईन किया, जिसमें JavaScript、ES6、HTML5、CSS3、JSON、网络、协议、浏览器、节点、express、Mongo、Api、测试、部署服务、软件生产和工程的道德问题、技术软技能ट्रेनिंगदेतेहैं।कोदिल्लीमेंरहनाहोताहैऔरघंटेमेंकामकरनापड़ताहैक्योंकिआपअमेरीकीकंपनीकामरहेहोतेहैंतोउनकेसमयहिसाबसेआपकोअपनाकामकरनेकासमयनिकालनाहोताहै।इस दौरान वे अमेरिकी कल्चर भी सिखाते हैं, जिससे आपको अपने अमेरिकी एम्पलॉयर के साथ काम करने में ज्यादा परेशानी न हो।

हैपहलेआपकोउनकाकरनाहोताहैऔरआपकोबेसिकफंडामेंटलपताहोनेचाहिये।चाहिये।अच्छीइंगलिशएकबार3होगईतोउसकेबादआपकोअपनेसाथसीधेकामकरनेकामौकादेतेहैंसीधेकंपनीआपकोरिमोटएम्पलॉयीलेतीहै।技术

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ब्लॉग वेबसाईट को फ्री में https में बदलें और पुश नोटिफिकेशन भी लगायें

आज की छुट्टी का सदुपयोग किया गया अपने सारे ब्लॉग्स के मैंटेनेंस करने में, सभी ब्लॉग वेबसाईट अनसिक्योर्ड थे और गूगल ने कुछ महीने पहले ही चेता दिया था कि अगर SSL सिक्योरिटी नहीं होगी तो ब्लॉग वेबसाईट सर्च इंजिन में सर्च नहीं होगा। पर हमें तो समय मिल ही नहीं रहा था, आज अपने सारे ब्लॉग वेबसाईट को SSL सिक्योर्ड कर दिया है।

तरीका हम यहाँ बता देते हैं, बहुत आसान है –

हमारा होस्टिंग होस्टगैटर पर है, तो सबसे पहले हमने अपने ब्लॉग वेबसाईट के कंट्रोल पैनल पर लॉगिन किया और क्लाऊड फेयर में जाकर फुल सिक्योरिटी ऑन कर दी, तो वहाँ से नया नेमसर्वर मिल गया जिसे कि अपने डोमैन के नेमसर्वर पर लगा दिया। बस हो गई अपनी सारी ब्लॉग वेबसाईट सिक्योर।

अब हमारी सारी वेबसाईट वेबसाईटें https से खुला करेंगी और उस पर ताला भी लगा दिखा करेगा, क्लाऊड फेयर में SSL फ्री है, जबकि और सारी वेबसाईटें जमकर शुल्क ले रही हैं।

फिर हमें पुश नोटिफिकेशन भी डालना था, क्योंकि आजकल पुश नोटिफिकेशन का जमाना है, जब कोई भी आपकी वेबसाईट वेबसाईट ब्राऊजर में खोलता है तो उसे पुश नोटिफिकेशन मिलेगा कि कोई भी नया अपडेट वेबसाईट वेबसाईट पर आता है तो Allow और Deny के दो बटन आते हैं, क्योंकि आजकल कोई भी ब्लॉग सब्सक्राईब करने की जहमत नहीं उठाता। वापिस से अगर किसी को पढ़ने आना है तो सबसे बढ़िया तरीका है पुश नोटिफिकेशन। बस आपके ब्लॉग वेबसाईट विजिटर को Allow पर क्लिक करना है, तो जब भी आप नया ब्लॉग पब्लिश करेंगे, तो मोबाईल या ब्रॉउजर पर नोटिफिकेशन मिल जायेगा और वह आपके ब्लॉग पर पहुँच जायेगा। पर समस्या यह है कि पुश नोटिफिकेशन भी फ्री में उपलब्ध नहीं है, पर foxpush.com फ्री में पुश नोटिफिकेशन भी दे रही है, बस साईनअप करें और सेटअप करते जायें, जब आखिरी में कोड मिलेगा, वह कोड अपने ब्लॉग की सेटिंग में जाकर हैडर और फुटर सैटिंग्स के हैडर में कॉपी कर दें।

आपका पुश नोटिफिकेशन चालू हो जायेगा, आजकल सबसे ज्यादा ट्रॉफिक पुश नोटिफिकेशन से आता है, बस हाँ इसमें एक लॉगिन से एक वेबसाईट पर ही नोटिफिकेशन आयेगा और मोबाईल नंबर भी देना होगा।

चलिये फिर देर किस बात की है, आपने अगर अभी तक अपनी ब्लॉग सिक्योर नहीं की है तो कर लीजिये और पुश नोटिफिकेशन भी सैट कर लीजिये।

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आज की छुट्टी का सदुपयोग किया गया अपने सारे ब्लॉग्स के मैंटेनेंस करने में, सभी ब्लॉग वेबसाईट अनसिक्योर्ड थे और गूगल ने कुछ महीने पहले ही चेता दिया था कि अगर SSL सिक्योरिटी नहीं होगी तो ब्लॉग वेबसाईट सर्च इंजिन में सर्च नहीं होगा।मिलनहींरहाथाआजअपनेसारेब्लॉगवेबसाईटकोसिक्योर्डदियाहै।तरीका हम यहाँ बता देते हैं, बहुत आसान है – हमारा होस्टिंग होस्टगैटर पर है, तो सबसे पहले हमने अपने ब्लॉग वेबसाईट के कंट्रोल पैनल पर लॉगिन किया और क्लाऊड फेयर में जाकर फुल सिक्योरिटी ऑन कर दी, तो वहाँ से नया नेमसर्वर मिल गया जिसे कि अपने डोमैन के नेमसर्वर पर लगा दिया।सारीब्लॉगवेबसाईटसिक्योर।बसहोगईअब हमारी सारी वेबसाईट वेबसाईटें https से खुला करेंगी और उस पर ताला भी लगा दिखा करेगा, क्लाऊड फेयर में SSL फ्री है, जबकि और सारी वेबसाईटें जमकर शुल्क ले रही हैं।फिर हमें पुश नोटिफिकेशन भी डालना था, क्योंकि आजकल पुश नोटिफिकेशन का जमाना है, जब कोई भी आपकी वेबसाईट वेबसाईट ब्राऊजर में खोलता है तो उसे पुश नोटिफिकेशन मिलेगा कि कोई भी नया अपडेट वेबसाईट वेबसाईट पर आता है तो Allow और Deny के दो बटन आते हैंसब्सक्राईबकरनेजहमतनहींउठाता।वापिस से अगर किसी को पढ़ने आना है तो सबसे बढ़िया तरीका है पुश नोटिफिकेशन।बस आपके ब्लॉग वेबसाईट विजिटर को Allow पर क्लिक करना है, तो जब भी आप नया ब्लॉग पब्लिश करेंगे, तो मोबाईल या ब्रॉउजर पर नोटिफिकेशन मिल जायेगा और वह आपके ब्लॉग पर पहुँच जायेगा।किपुशनोटिफिकेशनफ्रीमेंउपलब्धनहींहैपरफ्रीमेंपुशनोटिफिकेशनरहीहैबससाईनअपकरेंऔरसेटअपकरतेजायेंजबआखिरीमेंकोडमिलेगावहकोडअपनेब्लॉगसेटिंगमेंजाकरहैडरऔरफुटरसैटिंग्सहैडरमेंकॉपीदें।आपका पुश नोटिफिकेशन चालू हो जायेगा, आजकल सबसे ज्यादा ट्रॉफिक पुश नोटिफिकेशन से आता है, बस हाँ इसमें एक लॉगिन से एक वेबसाईट पर ही नोटिफिकेशन आयेगा और मोबाईल नंबर भी देना होगा।आपनेअगरअभीतकअपनीब्लॉग. सिक्योर. नहीं。