जब सीताजी रामजी की तरफ जयमाला लेकर बढ़ रही थीं तब सीताजी ने मन ही मन प्रार्थना की – प्रभु, कोई ऐसा प्रसंग उपस्थित करें कि मैं आपको जयमाला पहना पाऊँ, तभी सीताजी ने लक्ष्मण की तरफ देखा और आँखों में ही प्रार्थना की कि रामजी लंबे हैं तो कुछ ऐसा उपक्रम करें कि मैं आसानी से रामजी को जयमाला पहना दूँ, लक्ष्मणजी ने आँखों में ही सीता माँ की आज्ञा स्वीकार कर ली और जब सीताजी रामजी के करीब आईं, तभी लक्ष्मणजी रामजी के चरणों में गिर पढ़े, जैसे ही रामजी लक्ष्मणजी को उठाने के लिये झुके, उसी समय सीताजी ने रामजी को जयमाला पहनाकर वरण कर लिया, रामजी ने लक्ष्मणजी से पूछा – लक्ष्मण चरण वंदन का यह भी कोई समय है, तो लक्ष्मणजी का जबाब था – प्रभू, बड़े भैया के चरण वंदन के लिये कोई समय तो निर्धारित नहीं है, चरण वंदना तो दिन में कभी भी और कितनी भी बार की जा सकती है, बात सही है और हमें भी अपने जीवन में यह अपनाना चाहिये।
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क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेन्ट फीस से कैसे बचा जाये (How to avoid Late Payment Fees on Credit Card)
नहीं सोचते कि भुगतान तो उन्हें ही करना है, उनके द्वारा खर्च किये गये क्रेडिट कार्ड का भुगतान (Payment) और कोई नहीं करेगा, और अगर निश्चित समय अवधि के अंदर भुगतान नहीं किया जाता है तो उसके देरी से भुगतान के शुल्क (Late Payment Fees) भी भुगतने होंगे और बकाया राशि (Outstanding Amount) पर ब्याज (Interest) भी देय होगा। ब्याज इतना भारी होता है कि इसे भुगतने के बाद क्रेडिट कार्ड धारक (Credit Card Holder) हमेशा याद रखता है, 2 प्रतिशत मासिक याने कि 24 प्रतिशत सालाना, कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां 3 प्रतिशत मासिक भी लेती हैं।
क्रेडिट कार्ड हो या डेबिट कार्ड पिन जरूरी (Credit Card or Debit Card pin is mandatory now)
- अपने बचत खाते से क्रेडिट कार्ड को लिंक करें जिससे देय तिथि पर अपने आप भुगतान (Auto Debit Facility) हो जाये ।
- अगर आप अपने बैंकखाते से लिंक नहीं करना चाहते तो आखिरी भुगतान तिथि के 3 दिन पहले क्रेडिट कार्ड कंपनी को NEFT से भुगतान (Outstanding payment to Credit Card Bank) कर दें।
- अगर चैक (Cheque) से भुगतान कर रहे हैं तो चैक जल्दी ही जमा कर दें, क्योंकि चैक क्लियरिंग (Clearing) में ज्यादा समय लगता है।
- अपनी डायरी, मोबाइल में क्रेडिट कार्ड पैमेन्ट के लिये चेतावनी का संकेत (Reminder Alarm) लगा लें ।
व्याकुलता – चिंतन
जायेगा। इन सारी चीजों को सोचते समय हम विचलित नहीं होते, वरन् हम अपने आप को दृढ कर रहे होते हैं।
माँ की जिंदगी में माइक्रोवेव से आया बदलाव और माइक्रोवेव में वेज बिरयानी
लगी, स्टोव तो घर के बाहर रख देते पर गैस के चूल्हे में यह सुविधा मिलने से रही, तो चिमनी के बारे में समझा गया और चौके में चिमनी लगवा दी गई, सब्जी में सभी ने पहले से ज्यादा स्वाद पाया, रोटी भी चूल्हे के मुकाबले थोङी ठीक थीं, पर धीरे धीरे आदत पङ गई। गैस में भी सब्जी बनाते समय माँ को हमेशा खङी रहना होता था, माँ के पैरों के दर्द ने भी मुझे एहसास दिलवाया।
कुतुबमीनार से मेट्रो का रोज का सफर
होती हैं, जब तक हम सफर को खत्म नहीं कर देते तब तक यह उपक्रम चलता ही रहेगा।
आटा, सब्जी, प्रेमकपल और पुलिसचौकी
एक अच्छी बात यह हुई है कि पास ही पुलिसचौकी खुल गई है, तो इस तरह की हरकतें पहले बगीचे में होती थीं वे अब चौकी के पीछे की गलियों में होने लगी हैं।
शादी के १२ वर्ष और जीवन के अनुभव
आखिरी बात हमेशा अपने वित्तीय निर्णय लेने के पहले अपने जीवनसाथी को अपने निर्णय के बारे में जरूर बतायें, कम से कम इस बहाने घरवाली को हमारे वित्तीय निर्णयों का आधारभूत कारण पता रहता है और उनके संज्ञान में भी रहता है, इससे शायद उनको भी अपने मित्रमंडली में मदद देने में आसानी हो। जीवन और निवेश सरल बनायें, दोनों सुखमय होंगे।
वो काँच का दरवाजा
अब हालत यह है कि उसके बाद से किसी भी दरवाजे से निकलना होता है तो पहले अच्छे से पड़ताल कर लेते हैं, संतुष्ट हो लेते हैं फ़िर ही निकलते हैं, दर्द तो अब भी बहुत है, सूजन कम है। समय के साथ साथ सब ठीक हो जाता है, गहरे जख्म भी भर जाते हैं।
विचारों पर विचार
अभी तक विचारों को सुबह लिखने की आदत नहीं पड़ी है, क्योंकि अगर सुबह ही विचार लिखने बैठ गये तो फ़िर प्रात: भ्रमण मुश्किल हो जाता है पर सुबह के विचारों को कहीं ना कहीं इतिहास बना लेना चाहिये, मानव मन है जो विचारों को जितना लंबा याद रख सकता है और उतनी ही जल्दी याने कि अगले ही क्षण भूल भी सकता है। ऐसे पता नहीं कितने विचारों की हानि हो चुकी है। जो शायद कहीं ना कहीं जीवन का मार्ग और दशा बदलने का कार्य करते हैं।