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मेरे बेटे हर्ष का ब्लॉग आज से शुरु किया है।
ब्लॉगिंग में ५ वर्ष पूरे अब आगे… कुछ यादें…कुछ बातें… विवेक रस्तोगी
आज से ठीक ५ साल पहले मैंने अपना ब्लॉग बनाया था और आज ही के दिन पहली पोस्ट दोपहर २.२२ पर “छाप” प्रकाशित की थी, हालांकि उस पर एक भी टिप्पणी नहीं आयी, फ़िर एक माह बाद जुलाई में एक और पोस्ट लिखी “नया चिठ्ठाकार” जिस पर आये ४ टिप्पणी, जिनमें देबाशीष और अनूप शुक्ला जी प्रमुख थे, एक स्पाम टिप्पणी भी थी, वह आज तक वहीं है क्योंकि उस समय हमें स्पाम क्या होता है पता नहीं था 🙂
फ़िर नारद, अक्षरग्राम शुरु हुए, शायद आज के नये हिन्दी ब्लॉगरों ने जीतू भाई की पुरानी पोस्टें नहीं पढ़ी होंगी अगर पढ़ेंगे तो आज भी तब तक हँसेंगे कि पेट में बल ने पढ़ जायें, छोटी छोटी बातों को इतने रसीले और चुटीले तरीके से लिखा है कि बस !!
उस समय के कुछ चिठ्ठाकारों में कुछ नाम ओर याद हैं, ईस्वामी, मिर्चीसेठ, रमन कौल, संजय बेंगाणी, उड़नतश्तरी, अनुनाद सिंह, उनमुक्त, रवि रतलामी। और भी बहुत सारे नाम होंगे जो मुझे याद नहीं हैं, पर लगभग सभी का सहयोग रहा है इस सफ़र में और मार्गदर्शन भी मिला।
अभी तक कुल ५३५ पोस्टें लिख चुके हैं, हालांकि पोस्टों की रफ़्तार पिछले वर्ष से बढ़ी है, और उम्मीद है कि आगे भी कुछ सार्थक ही लिख पायेंगे।
मैंने अपने लिये जो विषय चुने हैं, वे हैं वित्तीय उत्पाद पर लेखन, वित्तीय प्रबंधन पर लेखन, बीमा क्षैत्र पर लेखन जिन विषयों पर उनके विशेषज्ञों को भी लिखने में संकोच होता है वह भी हिन्दी में, तो मैंने एक छोटी सी कोशिश शुरु की है, इसमें मेरी सराहना की है कमल शर्मा जी ने, मेरे लेखों को मोलतोल.इन के खास फ़ीचर में स्थान देकर।
इस ५ वर्ष के सफ़र में तकनीक और ब्लॉगरों को बदलते देखा है, पहले जब २००५ में मैंने हिन्दी चिठ्ठाकारी शुरु की थी, मुझे थोड़ा सा याद है कि मैं शायद ८० वाँ हिन्दी ब्लॉगर था, वो भी इसलिये कि उस समय शुरुआती दौर में माइक्रोसॉफ़्ट ने शुरुआती १०० हिन्दी ब्लॉगरों की एक सूची अपने अंतर्जाल पर लगायी थी, अब वह लिंक मेरे पास नहीं है, गुम गया है अगर किसी के पास हो तो जरुर बताइयेगा। मुझे अच्छा लगता था कि अब अंतर्जाल पर हिन्दी भी शुरु हो चुकी है और जल्दी ही अपना पराक्रम दिखायेगी, हमारे भारत के लोगों के लिये संगणक एक साधारण माध्यम हो जायेगा, क्योंकि अंग्रेजी सबकी कमजोरी है। परंतु यह हिन्दी आंदोलन इतनी तेजी से नहीं चला और न ही अंतर्जाल कंपनियों ने हिन्दी को इतना महत्व दिया पर अब भारतीय उपभोक्ताओं को रिझाने के लिये हिन्दी की दिशा में कार्य शुरु किया गया है, या यूँ कहें बहुत अच्छा काम हुआ है।
पहले कृतिदेव फ़ोंट में हिन्दी में लिखते थे फ़िर ब्लॉगर.कॉम पर आकर उसे कॉपी पेस्ट करते थे, इंटरनेट कनेक्शन ब्रॉडबेन्ड होना तो सपने जैसा ही था, एक पोस्ट को छापने में कई बार तो १ घंटा तक लग जाता था। अब पिछले २ वर्षों से हम हिन्दी लिखने के लिये बाराह का उपयोग करते हैं, फ़ोनोटिक कीबोर्ड स्टाईल में। पहले जब हमने लिखना शुरु किया था तो संगणक पर सीधा लिखना संभव नहीं हो पाता था, पहले कागज पर लिखते थे फ़िर संगणक पर टंकण करते थे, पर अब परिस्थितियाँ बदल गई हैं, अब तो जैसे विचार आते हैं वैसे ही संगणक पर सीधे लिखते जाते हैं, और छाप देते हैं। अब कागज पर लिखने में परेशानी लगती है, क्योंकि उसमें अपने वाक्यों को सफ़ाई से सुधारने की सुविधा नहीं है, पर संगणक में कभी काट-पीट नहीं होती, हमेशा साफ़ सुथरा लिखा हुआ दिखाई देता है।
इतने समय अंतराल में केवल यही सीखा है कि अपने लिये लिखो जैसे अपनी डायरी में लिखते हो, अब अपने पाठकों के लिये भी लिखो जो चिठ्ठे पर भ्रमण करने आते हैं। अब देखते हैं कि यह चिठ्ठाकारी का सफ़र कब तक अनवरत जारी होगा।
“चिठ्ठाकारी चलती रहे” [Happy Blogging]
किसी भी सोफ़्टवेयर को पोर्टेबल कैसे बनाये और पेनड्राईव से सीधे चलायें। (How to convert any application portable and run from a USB drive)
पोर्टेबल उत्पाद मुझे बहुत ही अच्छे लगते हैं क्योंकि उन्हें संस्थापित (Installation) करने की जरुरत नहीं पड़ती है। ये उत्पाद आपके विन्डोज की रजिस्ट्री में दर्ज नहीं होते और सबसे बड़ी बात आप इन पोर्टेबल उत्पादों को अपने साथ पेनड्राईव पर ले जा सकते हैं। पोर्टेबल उत्पाद केवल पोर्टेबल चीजों के लिये नहीं आप इसे पीसी पर भी उपयोग कर सकते हैं, ओर जैसा मैंने पहले बताया है बिना संस्थापित किये। केवल हार्डडिस्क पर कापी कीजिये और चलाइये। बहुत सारे उत्पाद अपने पोर्टेबल रुप में उपलब्ध हैं, लेकिन सारे नहीं। इसलिये मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे किसी भी सोफ़्ट्वेयर उत्पाद को पोर्टेबल उत्पाद में बदल सकते हैं। माइक्रोसोफ़्ट ऑफ़िस २००३ के साथ यह समझते हैं कि कैसे पोर्टेबल उत्पाद में बदला जाता है।
पोर्टेबल उत्पाद में बदलने के लिये हम लोग उपयोग करेंगे एक सोफ़्टवेयर जो कि वीएमवेयर थिन (VM Ware Thin) के नाम से जाना जाता है। वीएमवेयर थिन एक ऐसा सोफ़्टवेयर उत्पाद है जो कि किसी भी सोफ़्टवेयर को एक EXE फ़ाईल में बदल देगा जिसे आप बिना संस्थापन के सीधे चला सकते हैं और कहीं से भी किसी भी मीडिया से पेनड्राईव, सीडी, डीवीडी, हार्डडिस्क इत्यादि। यह एक वर्चुअल ओपरेटिंग उत्पाद बनाता है एवं वीएमवेयर थिन उत्पाद खुद की रजिस्ट्री और फ़ाईल सिस्टम उस EXE में शामिल कर लेता है।
वीएमवेयर थिन मे सब कुछ अच्छा है केवल इसके दाम को छोड़कर, इसका दाम है $8,187 (लगभग साढ़े चार लाख रुपये, पता नहीं उन्होंने क्या सोचकर इतने दाम रखे हैं!) । लेकिन वे उपलब्ध करवाते है एक पूर्ण उपयोगी उत्पाद ६० दिन के ट्रायल वर्शन पर, ओर यह डाउनलोड रिक्वेस्ट पर उपलब्ध है।
वीएमवेयर थिन को जरुरत होती है एक साफ़ पीसी, जिस पर फ़्रेश विन्डोज संस्थापित किया गया हो, ओर वो उत्पाद जिसे आप पोर्टेबल उत्पाद में बदलना चाहते हैं, संस्थापित हों। लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है यह पुराने संस्थापित विन्डोज पर भी समान रुप से कार्य करता है। (EXE वायरस मुक्त हो इसलिये ये सुझाव दिया गया था)| मेरे पीसी पर माइक्रोसोफ़्ट ऑफ़िस उपलब्ध था जिसे मैंने इस प्रक्रिया को करने से पहले हटा दिया जो कि बिल्कुल ठीक काम कर रहा था। लेकिन इस बात का मैं कह नहीं सकता कि यह सभी उत्पादों के लिये ठीक होगा। इसके लिये निम्नलिखित तरीके को अपनायें –
१. वीएमवेयर थिन संस्थापित कर सेटअप केप्चर चलाइये। (वीएमवेयर थिन का मुख्य फ़ाईल) स्टार्ट पर क्लिक करें।
२. चुनिये सी ड्राइव (C Drive) एवं कोई अन्य ड्राइव जहाँ पर आप माइक्रोसोफ़्ट संस्थापित करना चाहते हैं, अगर आप
ऑफ़िस सी ड्राइव पर ही संस्थापित करना चाहते हैं तो केवल सी ड्राइव ही चुनिये।
३. प्री-इंस्टाल स्केन पर क्लिक करें और प्रोग्राम को चुनी हुई ड्राईव की पूरी स्केनिंग करने दें।
४. स्केनिंग पूरी होने के बाद ऑफ़िस को वापस से अपने पीसी पर संस्थापित कर लें, जैसे कि साधारणतया: करते हैं।
५. ऑफ़िस संस्थापित होने के बाद क्लिक करें पोस्ट-इंस्टाल स्केन को और फ़िर से इंतजार करें इस स्केन के खत्म होने का।
६. अब यह उत्पाद आप से पूछेगा कि कौन सी चलने वाली (executables) फ़ाईलों का पोर्टेबल उत्पाद बनाना है। दी गई
सूची में से चुन लीजिये व कन्टीनय़ू पर क्लिक करें।
७. अब आप से पूछा जायेगा कि इन फ़ाइलों को कहाँ पर स्टोर करना है।
८. जहाँ फ़ाईलों को आपने स्टोर किया है उस फ़ोल्डर को खोलकर बिल्ड.बेट (build.bat) चलाइये।
वीएमवेयर थिन अब पोर्टेबल फ़ाईल बनाकर उसी फ़ोल्डर में बिन नामक फ़ोल्डर बनाकर सेव कर देगा। बिन फ़ोल्डर में आपको exe ऑफ़िस की फ़ाईल मिल जायेंगी। इस फ़ोल्डर को आप अपनी पेनड्राईव पर कापी कर लीजिये और अपनी पेनड्राईव से सीधे ऑफ़िस चलाइये।
मन का ब्लागर होना बहुत जरुरी है ब्लाग लिखने के लिये, ब्लागर मन आखिर क्या चाहता है कुछ विश्लेषण
अब तो मेरा मन भी ब्लागर हो चला है, क्योंकि मन का ब्लागर होना बहुत जरुरी है ब्लाग लिखने के लिये, ब्लागर मन आखिर क्या चाहता है कुछ विश्लेषण –
१.आज कौन से नए विषय पर लिखा जाये कि पाठकों का असीम स्नेह मिले और ब्लागर मन की तड़पन को शांति मिल सके।
२.आसपास और अपनी जिंदगी में झांककर, घटी हुई घटनाओं को शब्दों के जादू से बुनकर अपनी जिंदगी के रंग सब को दिखा
दूँ।
३.साहित्यिक भाषा का उपयोग करुँ, जिससे ब्लागर मन के किसी कोने में बैठे साहित्यकार को दुनिया को दिखा सकूँ। (पहले
मैं कविताएँ लिखता था परंतु कार्य की व्यस्तता में सब खत्म हो गया।)
४.तंत्रजाल पर बहुत कुछ नया उपलब्ध है उसके बारे में खोजबीन कर अपने ब्लाग पर जानकारी प्रकाशित करुँ।
५.हिन्दी में अपने प्रोफ़ेशन के बारे में कुछ लिखूँ । ( लिखा था पर न ज्यादा हिट्स आये और न ही प्रतिक्रिया)
६.घरवाली ब्लाग लिखने पर काश झगड़ा न करे और यह भी सुनने को न मिले कि तुम मेरा समय चिठ्ठाकारी को दे देते हो।
(कई बार तो बड़े और तगड़े झगड़े हो चुके हैं। अब घरवाली को भी चिठ्ठाकारी के लिये राजी कर लिया है। अब वह भी जल्दी
ही चिठ्ठाजगत में प्रवेश करने वाली है।)
७.रिटायरमेंट के बाद फ़ुल टाईम ब्लागिंग करुँ।