बारबार मेरे स्वप्न में
वही नदी क्यों आती है
जो मुझे बुलाती है
कहती है कि आओ जैसे तुम पहले
मेरे पास आकर बैठते थे
वैसे ही पाँव डालकर बैठो,
अब तो तुम
समुंदर के पास हो
है बहुत विशाल
पर मुझे बताओ
कि कितनी बार उसने तुम्हें
अपने पास बैठने दिया
जैसे मैंने ??