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आइसक्रीम वाले ने बताया कि उसके पापा नहीं हैं

घर से फरमाइश थी कि ऑफिस से आते समय आइसक्रीम लेते आना, तो कल हम थोड़ी से देर हो गई, वैसे शाम को साढ़े छ: तक घर पहुँच जाते हैं पर कल साढ़े नौ बज गये। हम हमेशा जिस साईकिल रेहड़ी वाले से आइसक्रीम लेते हैं, उसके पास पहुँचे और बात करने लगे, कहा कि दो आइसक्रीम घर के लिये दे दो।

 

हमारे पहले बाईक पर एक बंदा हेलमेट लगाये हुए बैठा हुआ था जिसके पीछे एक प्यारा से बच्चा बैठा हुआ था, जो कि लगभग 6-7 वर्ष का लग रहा था। वह आइसक्रीम वाले से दो आइसक्रीम लेकर पूछ रहा था जिसमें एक जिगली जैली और दूसरी कोला ब्लॉस्ट थी तो वह बच्चा आइसक्रीम वाले को बोल रहा था कि भैया यह कितने की है, आइसक्रीम वाले ने बताया कि यह 10 रू. की है, तो वह बोला ठीक है हमें एक आइसक्रीम दिखाते हुए बोला कि हमें यह वाली दो आइसक्रीम दे दीजिये। आइसक्रीम वाले ने बच्चे के हाथ से आइसक्रीम लिये बिना ही अपने आइस बॉक्स में हाथ डालकर वही वाली दो आइसक्रीम निकाली, तो बच्चा बोलने लगा कि अंकल हमें तीन नहीं चाहिये हमें दो ही चाहिये, आइसक्रीम वाले ने बोला कि हाँ हम दो ही दे रहे हैं, और यह कहते हुए बच्चे के हाथ से वो एक आइसक्रीम ले ली। तो बच्चा भोलेपन से बोला कि भैया एक पोलीथीन में रख दीजियेगा नहीं तो हम घर कैसे ले जायेंगे। तो आइसक्रीम वाले ने बोला कि हाँ हम पोलीथीन में ही रखकर दे रहे हैं। और उसने वो पोलीथीन बच्चे को पकड़ा दी। बाईक वाला इतनी देर मौन बना रहा, उसने चुपचाप 20 रू. दिये, बाईक को ऑटोस्टार्ट बटन से स्टार्ट किया और चल दिया।

 

बच्चों की बातें सुनकर मन पुलकित हो जाता है, और दिनभर की थकान भी उतर जाती है। तभी आइसक्रीम वाले ने हमें बोला कि ये जो बच्चा था, उसके पापा नहीं हैं, हम थोड़े दिन पहले ऐसे ही पूछ लिये थे कि आज पापा कहाँ है, तो बच्चे ने बताया था कि हमारे पापा नहीं है, वो तो दुर्घटना के कारण भगवान के पास पहुँच गये।

 

हम अब तक वो बाईक वाले को ही बच्चे का पापा समझ रहे थे, और शायद हर कोई यही समझता। पर बच्चा जो कि समय से पहले ही बड़ा हो गया था, जिसे पता था कि पापा नहीं हैं और उम्र से पहले ही समझदार हो गया होगा। उसने अपने बचपन को खोकर इतना भयावह सत्य देख लिया। मेरे मन में पता नहीं बहुत सी बातें घुमड़ने लगीं, बच्चे का चेहरा मेरी आँखों के सामने घूम रहा था। साथ ही सोच भी रहा था कि मैंने पहले वित्तीय  योजना और बीमा पर इतनी ब्लॉग पोस्टें लिखी हैं, उसका शायद यहीं महत्व है, पता नहीं उनका परिवार किन परिस्थितियों से गुजर रहा होगा। बस मन में यही आया कि भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने का सामर्थ्य दे और उनके परिवार को अच्छे से चलाने लायक अच्छी आमदनी भी दे जिससे बच्चा कभी अपने पापा को बहुत ज्यादा याद न करे कि पापा जल्दी चले गये और आर्थिक तंगी के कारण उसकी पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पाई।

 

मैं यही सोचता हुआ अपनी दो आइसक्रीम पोलीथीन में लेकर अपने घर की और बढ़ चला।

 

That is how I can say about the importance of Term insurance of individual life. Everyone should take Term insurance and Personal Accidental Policy, it will help family to get survive behind them.

 

पाँच काम बिल्कुल बेफिकर उमरभर करना चाहता हूँ

    हर कोई चाहता है कि हमेशा बेफिकर उमरभर रहे पर ऐसा होता नहीं है, सब जगह मारामारी रहती है, कोई न कोई फिकर हमेशा जान को लगी ही रहती है, और उस फिकर की फिकर में हम अपने जीवन में जो कुछ करना चाहते हैं, वो सब भूल जाते हैं या यूँ भी कह सकते हैं कि पेट की आग के आगे अपने शौकों को तिलांजली देनी पड़ती है । काश कि हम जीवनफर
बेफिकर रहें तो मैं ये पाँच काम बिल्कुल बेफिकर उमरभर करना चाहता हूँ, जिससे मुझे ये पाँच काम बहुत ही महत्वपूर्ण लगते हैं और ये मेरे लिये हमेशा ही प्राथमिकता भी रही है।
1. गैर सरकारी संगठन शुरू करना – महाकाल के क्षैत्र उज्जैन में एक गैर सरकारी संगठन की स्थापना करना, जिसकी मुख्य गतिविधियाँ हों – 
 
अ.     बच्चों की ऊर्जा को सकारात्मक रूख देना, जिससे बच्चे अपनी ऊर्जा का उपयोग अपनी मनपसंदीदा गतिविधियों में कर पायें और अपने शौक को पहचान कर जुनून में बदल पायें।
आ.  आधुनिक श्रम केक्षैत्र में हमारे आजकल के नौजवान खासकर गाँव के नौजवान जो इंजीनियरिंग या कोई और
पढ़ाई नहीं कर पाये, उनकी प्रतिभा को निखारकर उन्हें आधुनिकतम तकनीक के बारे में जानकारी देना और उनका मार्गदर्शन करना, जिससे वे अपने जीवन स्तर को उच्चगुणवत्ता के साथ जी पायें और समाज को नई दिशा दे पायें।
इ.   निजी वित्त से संबंधित परिसंवाद गाँव गाँव आयोजित करना जिससे छोटी जगहों के लोग भी आजकल बाजार में उपलब्ध जटिल वित्तीय उत्पादों में निवेश कर पायें और एजेन्टों द्वारा किसी भी तरह के उत्पादों के खरीदे जाने से बच सकें।

2. किताबें पढ़ना – किताबें पढ़ने के बहुत शौक है, हर वर्ष बहुत सारी किताबें खरीद लेता हूँ, और नई किताबें अधिकतर तभी लेती हूँ जब पास में रखी किताबें पढ़ चुका होता हूँ, कोशिश रहती है कि महीने में कम से कम एक किताब तो पढ़ ही ली जायें,
मुझे हिन्दी की साहित्यिक किताबें पढ़ना बहुत भाता है, अभी हाल ही में लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी
सरदार और आचार्य विष्णु प्रभाकर की जीवनी का प्रथम भाग पंखहीन पढ़ा है, अभी तक की पढ़ी गई किताबों में सर्वश्रेष्ठ किताब सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन “अज्ञेय की शेखर एक जीवनी लगी । 

3.   कहानी और नाटक लिखना लिखना अपने आप को अंदर से जानना होता है और जब कोई हमें पढ़ता है तो वह हमें अंदर तक जान लेता है, हम क्या बताना चाहते हैं, कैसे शब्दों को ढ़ालते हैं, पात्रों को कैसे रचते हैं, कैसे हम पाठक को अपनी भाषाशैली से और विभिन्न सामाजिक उदाहरणों से प्रभावित करते हैं, कई पाठकों के लिये कुछ किताबें उनके जीवन की धुरी हो जाती हैं, इस तरह की कहानियाँ और नाटक मैं अपने पाठकों के लिये लिखना चाहता हूँ। 
4. महाकाल की आरती के नित्य दर्शन करना – जब होश सँभाला तब पाया कि बाबा महाकाल की अनन्य भक्ति में कब मैं घुलमिल गया हूँ, कब ये मेरी जीवनशैली में इतना घुलमिल गया कि मैं उस भक्ति में पूरा डूब चुका हूँ, पता ही नहीं चला। मेरे जीवन के इस दौर में भी मैं भले ही उज्जैन से इतनी दूर हूँ पर बाबा महाकालेश्वर में मन इतना रमा हुआ है कि मैंने कब बाबा महाकाल का ब्लॉग बना दिया और फिर उस ब्लॉग पर फोटो भी गाहे बगाहे अपलोड करता रहता हूँ कि मेरे साथ ही साथ उनको भी दर्शन हों जो महाकाल से जुड़ना चाहते हैं। महाकाल की आरती बहुत ही भव्य और आनंदमयी होती हैं, मैं अपना तन मन सब भूल जाता हूँ, कई वर्षों पहले संझा आरती में लगभग रोज ही मैं बाबा महाकाल की आरती में घंटे बजाता था, और निश्चय ही यह सौभाग्य बाबा महाकाल की असीम कृपा के कारण ही मुझे प्राप्त हुआ होगा। हालांकि आजकल भक्तों को यह सेवा करना निषेध कर दिया गया है। 
5. हैकर बनना – जब डायलअप इंटरनेट का दौर था, तब हमने पहली बार हैकिंग की शुरूआत की थी, चुपके से दूसरे के घर से उसका आई.पी. लेते थे और फिर हमारे पास एक हैकिंग सॉफ्टवेयर था जिससे हम उसके कम्प्यूटर को नियंत्रित कर लेते थे, और हमारा मित्र बेबस सा देखता रह जाता था। हैकिंग में बहुत कुछ नया करने को है, जिससे हम आधुनिक सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने में सहयोग कर सकते हैं। 
 

बीमा आपको गलत तरीके से बेचा गया है, यह भी आपको साबित करना होता है (Are you the victim of Insurance or Financial Product Misselling)

     बीमा आपको गलत तरीके से बेचा गया है, यह भी आपको साबित करना होता है, नहीं तो कई बार बीमानियामक और बीमा लोकापाल भी आपकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं ।

    एक ईमानदार सरकारी अधिकारी के बारे में बात करते हैं, लगभग 4 वर्ष पूर्व वे सेवानिवृत्त हुए ही थे और उन्हें लगभग 40 लाख रूपये निवेश करने थे, वे बहुत ही ईमानदार थे तो उनके पास इन रूपयों के अलावा और कुछ भी नहीं था, उनके निवेश करने के लक्ष्य साफ थे पहला नियमित आय और तीन वर्ष बाद उनकी बेटी की शादी के खर्च के लिये रकम चाहिये थी। एक निजी बैंक के बहुत ही अच्छे पॉलिसी बेचने वाले अधिकारी ने उन्हें यूनिट लिंक्ड बीमा प्लॉन याने कि यूलिप जिसमें कि इक्विटी का हिस्सा ज्यादा था, खरीदने के लिये प्रेरित किया और बैंक अधिकारी ने बताया कि यह बहुत ही सुरक्षित और बेहतरीन निवेश होगा, इससे आपकी जिंदगी बिल्कुल ही बदल जायेगी ।
  
    तीन वर्ष होने पर निवेशक ने पाया कि उनका निवेश केवल 29 लाख रूपये रह गया है, जिसमें कि पहले तीन वर्षों में उनके यूलिप में से अच्छे खासे शुल्क बीमा कंपनी और बैंक ने वसूल कर लिये थे, और अगर वे उस पॉलिसी को सरेंडर करते तो केवल 14 लाख रूपये मिलते । उन सज्जन को लगा कि मेरे साथ धोखा हुआ है और बस ह्रदयाघात नहीं हुआ । और उन्होंने बैंक और बीमा कंपनियों को शिकायत करना शुरू की, परंतु बैंक और बीमा कंपनियाँ से उन्हें कोई जबाव नहीं मिला।
    आखिरकार उन्होंने बीमा लोकापाल के पास शिकायत करने के निश्चय किया और जब बीमा लोकापाल के पास उन्होंने शिकायत की तो प्रथमदृष्टया ही साबित हो गया कि यूलिप इन सज्जन को गलत तरीके से बेचा गया है और यह मिससेलिंग का केस है। पर मिससेलिंग को सिद्ध कैसे किया जाये ?  सौभाग्यवश उन सज्जन के पास यूलिप खरीदने के दौरान बताये गये सारे कैलकुलेशन और दस्तावेज जो कि बैंक और बीमा कंपनियों ने उन्हें दिया थे वे मौजूद थे, जिसमें कि उन्होंने दर्शाया हुआ था कि किस प्रकार से उनके निवेश को पंख लग जायेंगे और आने वाले समय में उनका निवेश सुरक्षित तरीके से बहुत ज्यादा हो जायेगा।
    और इन कैलकुलेशन और दस्तावेज के कारण बीमा कंपनी को उन सज्जन को पूरे पैसे लौटाने पड़े, पर ऐसे भाग्यशाली लोग कितने होंगे जो ये सारे कागज जिनको मिलते होंगे और वे सँभाल कर रखते भी होंगे, वैसे तो जो भी लोग मिससेलिंग करते हैं या इस तरह की गतिविधियों में लिप्त रहते हैं वे इस तरह के सारे कैलकुलेशन और दस्तावेज निवेशक के हाथों आने ही नहीं देते हैं, वे कोई सबूत छोड़ते नहीं हैं ।
ध्यान रखने योग्य बातें –
    जब भी कोई बीमा या वित्तीय उत्पाद खरीदें, हमेशा कैलकुलेशन और दस्तावेज अपनी मास्टर फाईल में सँभाल कर रखें, जिससे अगर बेचा गया उत्पाद आगे अच्छा नहीं करे तो ये कैलकुलेशन और दस्तावेज आपके मददगार साबित हों ।

पुराने टर्म इन्श्योरेन्स v/s नये ऑनलाईन टर्म इन्श्योरेन्स (Old Term Insurance Vs New Online Term Insurance)

    अपनी एक टर्म इन्श्योरेन्स (Term Insurance) पॉलिसी के बारे में देख रहा था, तो सोचा कि आजकल बहुत सारे ऑनलाईन प्लॉन उपलब्ध हैं, तो नई सुविधाओं वाले प्लॉन देखें जायें और पुराने टर्म प्लॉन को बंद कर नयी सुविधाओं वाला टर्म प्लॉन खरीदा जाये। जब भी हम कोई भी बीमा पॉलिसी लेते हैं, तो सारी जानकारी लेने के बाद ही लेते हैं कि यह प्लॉन सबसे अच्छा हमें लग रहा है क्योंकि सबकी जरूरतें भी अलग अलग होती हैं। हर दो तीन वर्ष में बाजार में उपलब्ध नये बीमा उत्पाद जरूर देख लेने चाहिये। और अगर नये उत्पाद पुराने से बेहतर हैं तो पुराने को बंद कर नये बीमा उत्पाद को ले सकते हैं, टर्म इन्श्योरेन्स लेने का सबसे बड़ा फायदा यही है, अगर पारम्परिक प्लॉन लेते हैं तो आप सपने में भी उन बीमा पॉलिसियों को बंद करने की नहीं सोच सकते हैं, क्योंकि वे बीमा आपने अपने परिवार की सुरक्षा के लिये नहीं लिये होते हैं, वे बीमा तो आपने केवल निवेश के उद्देश्य से लिये होते हैं।
 
    अब हमारे पास HDFC Life का Term Assurance नाम का एक प्लॉन है, जिसे हमने HDFC बैंक से लिया था, और हम खुद से ही यह प्लॉन पसंद करके गये थे क्योंकि उस समय HDFC Life के ऑनलाईन बीमा उत्पाद नहीं थे, हाँ यहाँ बैंक के एजेन्ट ने एक चतुराई कर दी कि ऑटो डेबिट फैसिलिटी के बक्से (option) पर टिक कर दिया, जिसे शायद हमने उतने गौर से नहीं देखा, क्योंकि पहली किश्त तो ऐसे भी चैक से ही जाती है, अब इस बार जब ईमेल आया तो हमने गौर किया, पिछले दो वर्षों से तो हमें इस समय साँस लेने की फुरसत भी नहीं होती थी, तो हमने तुरंत फोन लगाया कि इस ऑटो डेबिट सुविधा को बंद किया जाये, तो हमें कहा गया कि आप [email protected] पर ईमेल करिये तो आपको सुविधा मिल जायेगी, हमने ईमेल किया कि De-register of Auto Debit Facility for Policy No. XXXXXX. हमें जबाब आया कि  If kindly submit/send the De-activation request/letter 15 days prior to the Premium Due date at any nearest HDFC Life branch or you may confirm us the same in revert so that we can also process your request. साथ ही एक नोट भी आया जिस पर हमारा ध्यान ज्यादा आकर्षित हुआ Note: As per the product features if the direct debit facility is active, you will avail a discount on the base premium amount of 10%.
 
    इसका मतलब साफ साफ यह था का इस सुविधा के साथ हमें 10% का प्रीमियम में छूट भी मिल रही थी। सो सोचा अब कुछ हो नहीं सकता इस वर्ष यही बीमा योजना चलने देते हैं, अब अप्रैल में देखेंगे, क्योंकि अगर हम अभी यह वाली पॉलिसी निरस्त करवाते और नई पॉलिसी लेते हैं तो हम परिवार को जोखिम में डाल देते, कि अगर मान लो कि नई पॉलिसी किसी कारण से हमें नहीं मिली और पुरानी वाली हमने बंद करवा दी और पीछे कुछ हो गया तो अपनी सारी फाइनेंशियल प्लॉनिंग धरी का धरी रह जायेगी।
 
    हमने तीन प्लॉन पसंद किये थे जिसमें से दो प्लॉन HDFC Life के हैं
  1. HDFC Protect Plus – Monthly Income
  2. HDFC Protect Plus – 10% increasing Monthly
    Income
तीसरा प्लॉन MAX LIFE ONLINE TERM LIFE COVER + 10% INCREASING MONTHLY INCOME MAX LIFE ONLINE TERM LIFE की प्रीमियम HDFC Protect Plus से कम है, MAX LIFE क्लेम सैटलमेंट के लिये अपना एक एडवाईजर नॉमिनी को देती है, परंतु HDFC Life नहीं, यहाँ नॉमिनी को खुद से ही HDFC Life के Claim Settlement Department को फोन करके सारी कागजी कार्यवाही पूरी करनी होती है।
 
    Monthly Income में केवल यह फायदा है कि अगर बीमा धारक को कुछ हो गया तो एक मुश्त बीमित धन का भुगतान तो नामिनी को मिलेगा ही, परंतु इसमें अगले दस वर्ष तक हर माह .5 प्रतिशत मासिक भुगतान भी प्राप्त होगा, HDFC Life .5% और MAX LIFE .4% मासिक भुगतान करती हैं, Increased Monthly Income में हर वर्ष 10% रकम बड़ती जाती है ।
 
    उदाहरण के लिये अगर 1 करोड़ का बीमा लिया और अगर बीमित व्यक्ति को कुछ हो गया तो नामिनी को जल्दी से जल्दी 1 करोड़ रूपया मिल जायेगा और अगले दस वर्ष तक 50,000 रू. हर माह भुगतान भी मिलेगा।
 
    आज जब MAX LIFE का ऑनलाईन फॉर्म भरा तो उसी समय MAX LIFE से धड़धड़ाते हुए फोन आ गया कि आप अभी ऑनलाईन यह उत्पाद देख रहे हैं, अगर कोई जानकारी चाहिये तो बताईये, हमने कहा कि आपका क्लैम सैटलमेंट रेशो क्या है, जबाब मिला 95.56%, तो हमने पूछा कि बाकी के 4% क्लैम आपने क्यों नहीं दिये, तो वे कुछ मेडिकल गलत मिला जैसा कुछ बोलीं तो हमने कहा कि आप तो बीमा देने के पहले मेडिकल करवाते हो फिर मेडिकल गलत कैसे हो गया, अगर कोई समस्या थी तो आपको बीमा ही नहीं देना चाहिये था, आपने उसका प्रीमियम लौटा देना था पर क्लैम नहीं देना तो गलत है, उधर से फोन काट दिया गया।
 
    तो यह समस्या आम है, ध्यान रखें जब भी टर्म इन्श्योरेन्स लें तो 2-3 कंपनियों से लें, ये न सोचें कि LIC से लेना सुरक्षित है, वे भी क्लैम सैटलमेंट में ऐसे ही होते हैं, तो जहाँ प्लॉन अच्छा मिले उस कंपनी से प्लॉन ले लें ।


कुछ पुरानी संबंधित पोस्टें – 














यूलिप मिस सेलिंग, ५ वर्ष में पैसे दोगुने हो जायेंगे

    अब हमारे मित्र ने कहा – “एक पुराने दोस्त हैं उन्होंने हमे एल आई सी का एक यूलिप (ULIP)  का प्लॉन बेचा था और हमसे कहा था कि भाई इसमें तुम ३ लाख ५० हजार निवेश करो और तुमको पाँच वर्ष बाद इसके ७ लाख रूपये मिल जायेंगे, अब उस प्लॉन को लिये हुए ३ वर्ष से ज्यादा हो गये हैं और मेरे फ़ंड की आज की कीमत जो है वह २ लाख ६८ लाख रूपये हो गई है, अब हमारे मित्र कहते हैं कि तुम इस पैसे को यहाँ से निकाल लो और कहीं और लगा लो। मैंने तो उसको बहुत गाली दी कि तुमने तो बहुत विश्वास से कहा था कि ५ वर्ष में पैसे दोगुने हो जायेंगे, पर हुए नहीं और कम ही हो गये, अब तो जितने रूपये मैंने निवेश किये थे उतने भी नहीं बचे।

    हमने कहा तुम्हारे साथ भी मिस-सेलिंग का केस हुआ है, और अधिकतर ऐसा अपने परिचित ही करते हैं जो कि तुम्हें आराम से बरगला कर ऐसी पॉलिसियाँ बेच देते हैं, ऐसे लोग हमारे पास भी आये थे, हमने उनसे इस पॉलिसी पर ऐसे ऐसे सवाल पूछे कि वे अपने बगलें झाँकते नजर आये। और हमने उनको यह भी समझा दिया कि आप लोग केवल अपने फ़ायदे के लिये यह पॉलिसी बेच रहे हो, ना कि हमारे फ़ायदे के लिये।

    अगर आप वाकई हमारे हितैषी होते तो हमें यूलिप लेने की सलाह ही नहीं देते और बताते कि आप सावधी बीमा (Terma Insurance) लें और बाकी के पैसे जो कि आप यूलिप में प्रीमियम के रूप में जमा कर रहे हैं वह कहीं और निवेश करें, आप बताते कि निवेश और बीमे को आपस में मिलायें नहीं। क्योंकि निवेश और बीमा अगर दोनों एक साथ हों तो दोनों ही काम ठीक से नहीं होते।

    हमने अपने मित्र से पूछा कि बताओ कि तुम्हारा परिवार को तुमने कितने रूपये से सुरक्षित कर रखा है, मतलब कि तुमने अपने अपना कितना बीमा करवा रखा है, हमारे मित्र ने कहा हमने लगभग ४० लाख रूपये का बीमा करवा रखा है, हमने कुछ कहा नहीं क्योंकि हमें पता है कि उन्होंने वाकई में अपने बीमा की कोई गणना की ही नहीं है, क्योंकि अगर २ लाख का बीमा आप लगभग २८ वर्ष की आयु में एल आई सी में लेते हैं तो अंदाजन उसकी किश्त ही १५ हजार के आसपास आती है, जिसमें केवल २ लाख का बीमा मिलता है, और वे हमें ४० लाख का बीमा बता रहे हैं तो २८ वर्ष की आयु के हिसाब से भी गणना की जाये तो उनकी प्रीमियम ही लगभग ३ लाख रूपया सालाना होनी चाहिये। जो कि व्यवहारिक रूप से संभव ही नहीं है।

    हमने फ़िर उन्हें अपनी एक पुरानी पोस्ट पढ़वाई –

बीमा और निवेश अलग अलग हैं, समझिये.. | जब उन्होंने यह पोस्ट पढ़ी तो बोले अरे भाई यही तो हमारी समस्या है, और तुमने कितने आसान रूप से इसका हल बता दिया।

    हमने कहा कि अगर तुम १५००० रूपये का सावधि बीमा (Term Insurance) ले लो तो यह मान लो कि तुम अपने परिवार को लगभग ५० लाख की सुरक्षा दे सकते हो, और बाकी का पैसा वाकई में निवेश करें।

जीवन की कठिनाइयों में परिवार का साथी बीमा

    जीवन बहुत कठिन है और जीवन में कई तरह की कठिनाइयाँ पल familyपल पर आपका इंतजार करती हैं, जिससे जूझते हुए हम जीवन को सुखद एवं सफ़ल बनाते हैं। जीवन में कई आपातकाल भी आते हैं, जहाँ ना अपने काम आते हैं और ना ही पराये काम आते हैं। इसके लिये हमें खुद ही तैयारी करनी पड़ती है, सोचना पड़ता है, योजना बनानी पड़ती है।

    मनुष्य के जीवन के आपातकाल कौन से होते हैं, आपातकाल मुख्यत:money उसे कह सकते हैं, जब आप वाकई कठिनाई में हों और कोई रास्ता ना सूझ रहा हो और उस समय अपना / पराया कोई सहायता नहीं करने आता । सुख में तो सभी आपके साथ हैं परंतु दुख में कोई दूर दूर तक नहीं दिखता ।

जीवन की सबसे ज्यादा कठिनाई के क्षण होते हैं –

insurance१. मौत

२. बीमारी

३. दुर्घटना

    इन तीनों ही स्थिति में परिवार टूट जाता है और कहीं ना कहीं सहारा ढूँढ़ता है, और इन तीनों से परिवार को केवल बीमा से सुरक्षित किया जा सकता है ।

१. मौत

 

२. बीमारी

 

३. दुर्घटना

सावधि जीवन बीमा (Term Insurance)

Mediclaim Insurance / Critical Insurance

Personal Accidental Insurance

   इस प्रकार उपरोक्त कठिनाइयों से बीमा द्वारा परिवार को सुरक्षित किया जा सकता है। एवं साथ में परिवार को आपातकाल के लिये इनका उपयोग भी बताना चाहिये। जिससे परिवार बीमे का सही उपयोग कर पाये और उस आपातकाल वाले कठिन क्षणों में बीमे से उसे साहस बँधे, क्योंकि अधिकतर आपातकाल में धन की कमी बहुत महसूस होती है और आजकल महँगाई सर चढ़कर बोल रही है।

क्या ५० वर्ष की उम्र के बाद जीवन बीमा करवाना चाहिये..? (Life Insurance required after 50 …?)

क्या ५० वर्ष की उम्र के बाद जीवन बीमा करवाना चाहिये..?

यह एक आम प्रश्न नहीं है, अक्सर प्रश्न होता है “५० वर्ष के बाद मुझे कौन सा जीवन बीमा करवाना चाहिये”, पर उसके पहले हमें यह समझना होगा कि क्या ५० वर्ष की उम्र के बाद जीवन बीमा करवाना चाहिये और अगर करवाना चाहिये तो कितना करवाना चाहिये ?

इस प्रश्न का उत्तर समझने के लिये पहले जीवन बीमा क्यों करवाना चाहिये यह समझना होगा।

जीवन बीमा लिया जाता है आश्रितों की आर्थिक सुरक्षा के लिये, जिससे अगर बीमित व्यक्ति जो कि घर चलाने वाला भी होता है वह परिवार का साथ बीम में ही छोड़ जाये, साधारण शब्दों में उसकी मृत्यु हो जाये, तो आश्रित परिवार उसके बीमित धन से अपनी आगामी जिंदगी उसी प्रकार के जीवन स्तर पर जी सके।

अब एक उदाहरण लेते हैं, रमेश की उम्र है २१ वर्ष और अभी अभी उसकी अच्छी नौकरी लगी है, अब आयकर में बचत के लिये वह जीवनबीमा लेना चाहता है, उसने मुझसे पूछा कि कौन सा जीवनबीमा लेना चाहिये, तो सबसे पहला मेरा प्रश्न था कि तुम पर कितने आश्रित लोग हैं, वह ठगा सा मेरा मुँह देखता रहा, और बोला कि “कोई नहीं”।

फ़िर मैंने कहा तुम्हें जीवन बीमा लेने की जरुरत ही क्या है, जीवन बीमा केवल और केवल उनके लिये होता है जिनके ऊपर परिवार आश्रित होता है।

तो उसका अगला प्रश्न था  “मुझे बीमा कब लेना चाहिये ?”

मेरा जबाब था “जब शादी हो जाये तब, जब तुम्हारे बच्चे हो जायें तो उस बीमे का वापिस से मूल्यांकन करके जीवन बीमित राशि और ज्यादा करनी चाहिये”

जीवन बीमा में आपकी बीमा राशि कितनी हो यह उम्र के पड़ाव पर निर्भर करता है, बीमित राशि ज्यादा होना चाहिये जवान होने पर और जैसे जैसे आपके जीवन में स्थिरता आती जाती है, आप अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे करते जाते हैं, आपको अपने बीमित राशि को कम करते जाना चाहिये।

किरण की उम्र २५ वर्ष है और अभी नई नई शादी हुई है, उसकी नववधु के लिये अब किरण जिम्मेदार हो गया है, उसको आर्थिक सुरक्षा के लिये अब तुरंत ही जीवन बीमा लेना चाहिये, और इतनी राशि का लेना चाहिये कि अगर आज उसकी मृत्यु भी हो जाये तो उसकी पत्नी उस बीमित धन से अपना पूर्ण जीवन निकाल सके।

जब बच्चे हो जायें तो जीवन बीमा का वापिस से मूल्यांकन करना चाहिये। और फ़िर जैसे जैसे आप जीवन में अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करते जायें वैसे वैसे बीमित राशि कम करते जायें। बीमित राशि २५ वर्ष के नौजवान की और ५० वर्ष के व्यक्ति की एक समान नहीं हो सकती। क्योंकि २५ वर्ष की उम्र में व्यक्ति अपना जीवन शुरु करता है, उसके पास कोई बचत नहीं होती और यहाँ वह अपना वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करता है। जबकि ५० वर्ष की उम्र में व्यक्ति अपने कई वित्तीय लक्ष्य प्राप्त कर चुका होता है, जैसे कि कार, घर और अच्छी बचत अपनी सेवानिवृत्ति के लिये, ५० वर्ष की उम्र के बाद व्यक्ति बहुत ही अच्छी वित्तीय अवस्था में होता है, उसका जितना वित्तीय लक्ष्य पूर्ण नहीं हुआ है और जितनी जिम्मेदारी बाकी है, केवल उतना ही जीवन बीमा करवाना चाहिये। और यह हर व्यक्ति का अलग अलग हो सकता है।

ऐगॉन रेलीगेयर का आईटर्म प्लॉन देखिये – (AEGON Religare iTerm Plan) –

    समय बहुत तेजी से भाग रहा है। बहुत सारी चीजें करने के लिये हैं पर समय बहुत कम है। आप कुछ भी करो जिससे बस यह सुनिश्चित हो जाये कि आपके परिवार को हमेशा सारी सुख सुविधाएँ उपलब्ध हों। पर फ़िर भी कुछ चीजों के ऊपर किसी का भी बस नहीं है। तो आप बताईये क्या जिस सुख सुविधाओं में आपने अपने परिवार को रखा है, आपकी अनुपस्थिती में भी वे इस सबके हकदार है या नहीं ? यहाँ बात केवल आपकी आपके परिवार के फ़िक्र की है, जो कि आपके परिवार को एक बेहतरीन जीवन देने के लिये निश्चिंतता दे।

    ऐगॉन रेलीगेयर का आईटर्म प्लॉन देखिये – (AEGON Religare iTerm Plan) –

    यह सावधि बीमा योजना आपको आपके परिवार के लिये भविष्य की निश्चिंतता देता है वह भी बहुत ही कम प्रीमियम में। यह बीमा सीधे बीमाधारक को उपलब्ध है ऑनलाईन, इसके लिये आपको किसी बीमा एजेन्ट को बुलाने की जरुरत नहीं है। यह योजना लेना केवल आसान ही नहीं है बल्कि आप अपने संगणक पर ही सारी प्रक्रियाएँ आसानी से पूरी कर सकते हैं।

ऐगॉन रेलीगेयर का आईटर्म प्लॉन के लिये कैसे आवेदन करें – (How to Apply AEGON Religare iTerm Plan) –

१. बीमा की रकम चुनिये, जिस रकम से आप अपने को बीमित करना चाहते हैं।
२. कितनी अवधि के लिये यह योजना लेना चाहते हैं।
३. सीधा संपर्क करें –
अ. अंतर्जाल से, buyonline.aegonreligare.com
ब. ग्राहक सेवा केन्द्र को फ़ोन कर सकते हैं 1800 209 9090
सुविधाएँ –

मृत्यु – दुर्भाग्यवश मृत्यु होने पर, बीमित राशि नामित व्यक्ति को भुगतान कर दिया जायेगा।

कर लाभ –  आयकर की  धारा ८० सी, १० (१०डी) के अंतर्गत, पहले आप अपने कर सलाहकार से जरुर सलाह ले लें।

पात्रता –
बीमित राशि
(
१००० रुपये के गुणज में)
कम से कम – १०,००,००० रुपये
अधिकतम – कोई सीमा नहीं (जोखिम अंकन जरुरतों के अधीन)
प्रवेश उम्र
कम से कम – १८ वर्ष*
अधिकतम – ६० वर्ष
परिपक्वता उम्र
अधिकतम – ६५ वर्ष
योजना अवधि
कम से कम – ५ वर्ष
अधिकतम – २५ वर्ष
प्रीमियम अदा करने की अवधि
योजना अवधि के बराबर
प्रीमियम अदा करने की आवृत्ति
वार्षिक
* अगर योजना अवधि १० वर्ष से कम है तो, कम से कम प्रवेश की उम्र ३० वर्ष होनी चाहिये।

अन्य विशेषताएँ –

पैसा वापसी – अगर, आप आईटर्म योजना से संतुष्ट नहीं हैं तो आप अपने बीमा को बीमा के कागज प्राप्त होने के १५ दिन के अंदर रद्द कर सकते हैं। रद्दीकरण की स्थिती में आपको आपकी प्रीमियम की राशि वापिस मिल जायेगी, परंतु उसमें स्टाम्प ड्यूटी की कीमत, चिकित्सा जाँच और उक्त अवधि का आनुपातिक प्रीमियम काट लिया जाता है।

नियम एवं शर्तें –

मोहलत – आप अपनी प्रीमियम देय तिथी से ३० दिन तक जमा कर सकते हैं। अगर देय तिथी तक प्रीमियम राशि अदा नहीं की जाती है तो बीमित राशि की सुरक्षा अपने आप खत्म हो जाती है।

मृत्यु – मृत्यु लाभ, अगर मोहलत अवधि में बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो बीमित राशि में से देय प्रीमियम राशि को घटा कर दावा भुगतान कर दिया जायेगा।

चूक और बहाली – अगर ३० दिन की मोहलत अवधि में प्रीमियम राशि जमा नहीं की जाती है तो योजना अपने आप लेप्स हो जायेगी। अगर लगातार दो वर्षों तक प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो बीमा खत्म कर दिया जाता है। बहाली के लिये, सभी बाकी के प्रीमियम बिना ब्याज के देय होंगी।

परिपक्वता  (Maturity / Surrender) – परिपक्वता अवधि पर पॉलिसी पर कोई भुगतान नहीं दिया जाता है।

सेवा कर – सेवा कर या कोई और कर अगर देय होगा तो जो भी कर होगा वह प्रीमियम पर देना होगा।

छूट – अगर बीमा लेने की अवधि के प्रथम वर्ष में या बीमा बहाली के प्रथम वर्ष में आत्महत्या से मृत्यु होती है तो कोई भी मृत्यु लाभ नहीं दिया जायेगा।

जीवन बीमा को समझिये – कुछ सवाल खुद से पूछिये और खुद को जबाब दीजिये… (Simple questions for yourself on Life Insurance..)

    एलआईसी की एन्डोमेन्ट योजना और यहाँ तक की सारी योजनाएँ सचमुच बहुत अच्छी हैं ? और क्या वह सब कुछ आप पा रहे हैं जो आपको एक बीमा के रुप में किसी भी बीमा कंपनी से मिलना चाहिये ?

    सवाल है कि एलआईसी योजनाएँ जैसे कि जीवन आनंद जो कि जीवन का जोखिम प्रदान करती हैं जिंदगी भर और परिपक्वता के बाद एकमुश्त भुगतान मिलता है वह भी करमुक्त । क्या यह अच्छी योजना नहीं है ?

    क्या इस जीवन बीमा योजना को बीच में ही खत्म कर देना चाहिये और इसकी जगह सावधि जीवन बीमा योजना (Term Insurance) ले लेना चाहिये क्या यह समझदारी भरा निर्णय होगा ?

    इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि बीमा योजना का नाम क्या है, जीवन आनंद, जीवन मित्र, जीवन सुरभि, जीवन श्री, जीवन निधि, जीवन अमृत, जीवन साथी, जीवन तरंग, जीवन भारती या जीवन वर्षा। ये सब पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएँ हैं, (चाहे वह एन्डोमेन्ट, मनीबैक, पूरी जिंदगी के लिये या इन सबको मिलाकर कोई ओर) ये सब सबसे खराब तरह की बीमा योजनाएँ हैं । जिनसे समाज और व्यक्ति को आर्थिक नुकसान ही हो रहा है।

फ़िर भी, इन प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करें –

१. बीमा और निवेश में क्या अंतर है ?

२. जीवन बीमा का एकमात्र उद्देश्य क्या है ?

३.क्या आपको अपने बुढ़ापे के लिये वाकई बीमे की आवश्यकता है ?

४. आपके जीवन बीमा की राशि आपकी आमदनी और आपके रहन सहन के अनुरुप है ? जीवन बीमा की राशि आपके परिवार की जरुरतें पूरा करने में समर्थ है ?

५. अगर आपको दुर्भाग्य से कुछ हो गया तो ? तो क्या ये तथाकथित भ्रमपूर्ण जीवन बीमा योजनाएँ निकट भविष्य में आपके परिवार की वित्तीय जरुरतों को पूर्ण करने में सक्षम होंगी ? जो दावा भुगतान राशि इन योजनाओं से मिलेगी क्या वह आपके परिवार के लिये काफ़ी होगी ?

६. वार्षिक प्रीमियम जो कि आप बीमित राशि पर भरते हैं कितना अनुपात में भरते हैं ? क्या आपने कभी सोचा है कि आप जितनी राशि अपने इन एलआईसी की बीमा के लिये भरते हैं, उससे आपको कितनी सुरक्षा मिल रही है, अगर आप निकट भविष्य में प्रीमियम भरने में असमर्थ होंगे तो फ़िर क्या होगा ? सोचा है कभी ?

७. क्या आपने कभी खुद बैठकर गणना की है कि किस दर से हमें बीमा कंपनी परिपक्वता पर पैसा देने वाली है ?

    मुझे उम्मीद है कि जब तक आप इन सवालों के उत्तर देंगे, तब तक आप अच्छी तरह से जीवन बीमा को समझ चुके होंगे और यह भी जान चुके होंगे कि जीवन बीमा कितना जरुरी है और क्यों जरुरी है ?

    इसके अलावा, कंपनियों के स्लोगन “कर मुक्त वापसी”, मैं आपको एक और आश्चर्यजनक बात बताता हूँ – कि वास्तव में कर रियायत की वास्तविक लाभ बीमा कंपनियाँ उठाती हैं, बीमित व्यक्ति नहीं। यह कर के रुप में दिये जाने वाले प्रोत्साहन का सरासर मजाक है। लेकिन मैं जानता हूँ कि आपको यह समझ में नहीं आयेगा क्योंकि हम केवल वही सुनते हैं, जो हम सुनना चाहते हैं। जिस तरह से हम सोचते हैं, वह बीमा कंपनियों का काम और आसान कर देता है।

    मेरे पास कोई बीमा एजेन्ट आता है तो अपने सिर पर पैर रखकर वापिस भाग जाता है या फ़िर बोलता है कि कृपया हमें बीमा के बारे में और जानकारी दीजिये।  कोई बड़ी बात नहीं है आप भी इन बीमा एजेन्टों की खटिया खड़ी कर सकते हैं अगर सही बीमा उत्पाद के बारे में पता होगा तो ।

    क्या हुआ उलझ गये ? कुछ उलझन हो तो जरुर बताईये टिप्पणी करके और समझ गये तो सहमति दीजिये टिप्पणी करके।

सावधि जीवन बीमा योजना – जीवन बीमा के बारे में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले तथ्य (Some Amazing Truths about Term Insurance..)

    यह बात बिल्कुल सही कही गई है कि आज कल की दुनिया में सामान्यबोध, बिल्कुल असामान्य हो चुका है। जी हाँ आज की दुनिया का यह एक कड़वा सच है। खैर इस पोस्ट में जीवन बीमा सावधि योजनाओं को मैं अच्छा साबित करने की कोशिश कर रहा हूँ।

    यहाँ दस बुनियादी सवालों की एक सूची में दे रहा हूँ, जो कि आपको जीवन बीमा में निवेश करते समय या खरीदते समय आपको इसके ऊपर सोचना चाहिये –

१. जीवन बीमा का सबसे सरल तरीका क्या है ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

२. जीवन बीमा लेने का सबसे सस्ता तरीका क्या है?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना 

३. जीवन बीमा का सबसे बुनियादी और विशुद्ध रुप क्या है ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना 

४. जीवन बीमा का सबसे अच्छा तरीका क्या है ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

५. कौन से जीवन बीमा योजना तुलना करने के लिये सबसे सरल हैं ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

६. जीवन बीमा योजना लेने का सबसे अच्छा तरीका क्या है जिसे आप आर्थिक रुप से वहन कर सकें ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

७. जीवन बीमा की कौन सी योजनाओं के बारे में आपका बीमा एजेन्ट या बीमा सलाहकार चर्चा करने को ही तैयार नहीं होता है, या आपको खरीदने के लिये हतोत्साहित करता है?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

८. कौन सी बीमा योजना की बिक्री सबसे कम होती है ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

९. कौन सा बीमा योजना है जो आप आसानी से समाप्त कर सकते हैं?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना

१०. कौन सा सबसे अच्छा उपहार है जो आप अपने परिवार को दे सकते हैं ?

उत्तरसावधि जीवन बीमा योजना 

    क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है? जीवन बीमा  का सबसे अच्छा तईका होने के बाबजूद, सावधि जीवन बीमा  की बिक्री बहुत कम है। जबकि सावधि जीवन बीमा योजनाएँ, जीवन बीमा  करवाने का सबसे असरकारी, प्रभावी तरीका है, पर केवल कुछ ही लोग इसके बारे में जानते हैं।

    खैर, आपको कौन सा जीवन बीमा चुनना चाहिये ? आपको खुद ही तय करना है !

    अरे भाई !! अब किसका इंतजार करे रहे हो ? अभी फ़ोन उठाओ और अपने बीमा सलाहकार को बुलाओ और सावधि जीवन बीमा योजना खरीदने के लिये पूछो, कि कितने का है और कम से कम ४-५ विभिन्न बीमा कंपनियों के सावधि बीमा योजनाओं में तुलना कर लें इसके लिये आपको थोड़ी ओर मेहनत करनी होगी कि इन ४-५ बीमा कंपनियों के बीमा कितने के हैं, वो भी पता करना होगा तुलना करकर सबसे अच्छी और सस्ती योजना खरीद लीजिये। देर मत कीजिये, मैं सही कह रहा हूँ आप कभी भी अपने इस निर्णय के लिये नहीं पछताओगे।

    लेकिन इसे खरीदने के पहले, मैं आपको इस सावधि जीवन बीमा योजना  के बारे में यह बात बता दूँ कि जब यह बीमा खत्म होगा तो आपको कुछ भी मिलने वाला नहीं है। यह तथ्य ज्यादातर लोगों को पचने वाला नहीं है क्योंकि सबको अपने पैसे से बहुत ज्यादा प्यार होता है और इसी का फ़ायदा ये बीमा एजेन्ट उठाते हैं, इसी के फ़लस्वरुप जीवन बीमा के सही उद्देश्य से लोग भटक जाते हैं, और ये बीमा एजेन्ट लोगों को जीवन बीमा के सबसे मुख्य उद्देश्य से भटकाते हैं।

    अच्छा एक बात मुझे बताईये, जब आप अपने वाहन का बीमा करवाते हैं तो क्या उस रकम की वापसी की कोई उम्मीद करते हैं ? नहीं, इसी तरह यह विशुद्ध तरीका है जीवन बीमा का। अब तो इस तथ्य को समझिये कि जीवन बीमा का विशुद्ध रुप सावधि जीवन बीमा योजना (Term Life Insurance) है, और यह सुरक्षा देने के लिये सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद है। परिवार को सुरक्षित रखने के लिये, अपने परिवार को विजेता बनाने के लिये, दुख से बचाने के लिये यह सावधि जीवन बीमा योजना  आपके पास होना ही चाहिये। मुझे उम्मीद है कि मैं सही तरीके से अपनी बात रख पा रहा हूँ, अगर समझ गये हैं तब भी और नहीं समझे हैं और भी कुछ प्रश्न हैं तो टिप्पणी करें।