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शैतान मन ने एक सेकंड में इस जुऎं को इन्वेस्टमेन्ट का नाम दे दिया और 5 मिनिट में 60 रुपये फ़ूँके ।

कल रात को ऐसे ही टीवी के रिमोट पर चैनल को बदलते हुए हम पहुँच गये न्यूज चैनल E-24 पर, वहाँ पर एक एँकर काफ़ी लुभावने अंदाज में बोल रहा था तो हमारा हाथ जड़ हो गया, क्योंकि वो रुपये जीतने की बातें कर रहा था। स्क्रीन पर कुछ छ: पंक्तियों में अलग अलग रुपये लिखे थे, १०,००० से ६०,००० तक और एँकर पूछ रहा था कि बताइये हीरो या हीरोइनों के नाम जिनका नाम ए(A) पर खत्म होता हो और अगर वो उस लिस्ट में होंगे तो आपको उतनी ही रकम इनाम में मिलेगी। पहले तो हम देखते रहे कि यह क्या बला है, क्या आज हम पर किस्मत मेहरबान होकर कुछ हजारों रुपये चंद मिनिटों में ही जितवा देगी, आखिर हरेक आदमी यही सोचता है कि बिना काम करे किस तरह से ज्यादा से ज्यादा धन कमाया जाये।

कितने ही फ़ोन आये जा रहे थे और स्क्रीन के सीधे तरफ़ टाईमर चल रहा था, ओर एँकर बारबार जबाब सुनकर कह रहा था “ओह गलत जबाब”, कुछ दो लोगों का सही जबाब था तो उन्हें बताया गया कि १०,००० व ५०,००० रुपयों का इनाम जीत गये हैं। वह बारबार उकसा रहा था फ़ोन करने के लिये कि देखिये कितने आसान तरीके से आप इतने सारे रुपये जीत सकते हैं केवल २ मिनिट बचे हैं, हमने अपने मन को संयमित रखा और चुपचाप देखते रहे। कितने ही फ़ोन आये और कितने ही हीरो, हीरोईनों के नाम सुनने को मिले जो भूले बिसरे से हमारे मन में थे।

यह सवाल खत्म होने के बाद दूसरा सवाल आया कि पहचानिये आँखें किस हीरोईन की हैं, नाम बताइये और जीतिये २०,००० रुपये अब शर्त एक ओर कर दी गई कि हरेक कालर के गलत जबाब के बाद इनाम की रकम १,००० रुपयों से बड़ा दी जायेगी और कालर को १५०० रुपयों का इनाम मिलेगा, जबाब भले ही सही हो या गलत। अब भी हम अपने मन को संयमित रख कर चुपचाप देख रहे थे, पर हमारा मोबाईल हमारे हाथों में नाचने लगा था। हम अब चुपचाप उस नंबर की ओर देख रहे थे जिस पर डायल करना था, 5664424 अब नंबर न तो मुंबई का लगा न दिल्ली का तो हमने नोएडा का कोड मिलाकर डायल करने की कोशिश की परंतु असफ़ल। हम हताश हो रहे थे कि देखो केवल काल करने पर १,५०० रुपयों की कमाई हमारे हाथ से जा रही है। तभी एँकर ने टाईम खत्म करने की बात की (हम रुँआसे हो गये कि हाय फ़्री में १५०० रुपये का नुक्सान हो गया, जो जीते होंगे वो कितने किस्मत वाले होंगे), ओर कहा कि अब तक सही जबाब नहीं मिला है अब इनाम की रकम ५०,००० की जाती है और अब हर कालर को १५०० की जगह मिलेंगे २५०० रुपये और समय १० मिनिट और बढ़ा दिया गया है।

हमारी आँखों में चमक आ गई और हाथों में पड़ा मोबाईल बैचेन होने लगा हमारे मन जैसा पहले सोचा छोड़ो यह जुँआ है और हम जुँआ नही खेलते तो शरारती मन ने किसी कोने से निकलकर कहा अरे काल करने में क्या जाता है केवल एक मिनिट के १२ रुपये तो लगेंगे और अगर काल लग गया उत्तर गलत भी हुआ तब भी २,५०० रुपये मिलेंगे।

१२ रुपये प्रति मिनिट का खुलासा तब हुआ जब हमने ध्यान से एक छोटी सी पट्टी स्क्रीन पर चलती हुई पायी और काल डाइरेक्ट मोबाईल से ही करनी थी कोई कोड पहले नहीं लगाना था। वहाँ कार्यक्रम में तो धड़ाधड़ काल आये जा रहे थे और हमारा दिल भी धाड़ धाड़ कर सोच रहा था कि बस केवल काल लग जाये तो २,५०० रुपये अंटी हो जायेंगे। इन्वेस्टमेन्ट तो केवल कुछ रुपयों का ही है हमारे शैतान मन ने एक सेकंड में इस जुऎं को इन्वेस्टमेन्ट का नाम दे दिया और झट से हमने फ़ोन मिला दिया, मधुर आवाज महिला की आयी और हमारा स्वागत किया और कहा गया कि कृपया इंतजार करें किसी भी क्षण आपका काल स्टूडियो में ट्रांसफ़र किया जा सकता है। उधर से मधुर आवाज में वह यही निवेदन करती रही और हम बारबार अपने मोबाईल की स्क्रीन पर बड़ते हुए टाइम को देख रहे थे। कुछ ५ मिनिट के पहले ही काल अपने आप ही कट गई। हमारा ६० रुपये का नुक्सान हो गया, और चैनल वाले का फ़ायदा।

थोड़ी देर और वह कार्यक्रम देखा तो समझ में आ गया कि ये चैनल वाले बेवकूफ़ बना रहे हैं और केवल रुपये एंठने का काम कर रहे हैं। अपने उपर बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई, कि काश इस शैतान मन की बात न मानी होती।

मुफ्त ऑनलाइन पीडीएफ़ से एक्सेल कनवर्टर सही और आसान तरीके से xls फ़ाइलों को संपादित करने के लिए।


अधिकांश पीडीएफ से एक्सेल कन्वर्टर तालिकाओं और गैर सारणीबद्ध सामग्री का पता नहीं लगा पाते हैं और केवल एक्सेल में पीडीएफ़ फ़ाइल की सामग्री को बदल देते हैं। उसके बाद आपको अवांछित डेटा को नष्ट करने की आवश्यकता होती है इस गतिविधि में ने केवल आपका समय लगता है बल्कि खीज भी होती है। ऑनलाइन पीडीएफ़ से एक्सेल कनवर्टर सही स्वरूपण और मूल सारणियां और स्प्रैडशीट्स के स्वरूप और, किसी अन्य उपकरण से अधिक xls फ़ाइलों को संपादित करने के लिए साफ सटीक और आसान बना देता है। उसके बाद आप इन तालिकाओं और स्प्रैड्शीट्स को पुनः माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, ओपनआफ़िस, गूगल डॉक्यूमेन्ट्स और वर्डपरफ़ेक्ट आफ़िस में उपयोग कर सकते हैं

पीडीएफ से एक्सेल कनवर्टर स्वरूपण (format) का ख्याल रखता है| यह स्वतः ही फ़ॉन्ट शैली, आकार एवं रंग PDF फ़ाइल से ले लेता है और रंग और सीमाओं के साथ तालिका स्वरूप, सेल रंग, और पंक्ति/स्तंभ की ऊंचाई और चौड़ाई का भी ख्याल रखता है।

पीडीएफ फाइल को एक्सेल में कैसे कन्वर्ट करें ?
1. पीडीएफ़ टू एक्सेल वेबसाईट पर चटका लगाइये और पीडीएफ कन्वर्ट करने के लिए चुन लीजिये।
2. आपका वैध ईमेल पता लिखें और कन्वर्ट बटन पर चटका लगाइये।
3. परिवर्तित फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए अपने इनबॉक्स की जाँच करें।

नीचे नमूने की पीडीएफ़ और परिवर्तित xls फ़ाइल जिसके लिए मैं परीक्षण कर रहा था। परिणाम बहुत बढ़िया थे। सभी स्वरूपण सुविधाओं को अच्छे से कन्वर्ट किया गया। मुफ़्त पीडीएफ से एक्सेल कनवर्टर स्वच्छ और साफ फ़ाइल का उत्पादन करने के लिए अच्छा है।

जमजार – फ़ाईल को दूसरे फ़ोर्मेट में कन्वर्ट करने का बेहतरीन साधन

अभी हाल ही में एक समस्या आई कि मुझे मेरे क्लाईंट ने एक्सेल २००७ की .xlsx फ़ाईल भेज दी जो कि पुराने एक्सेल में नहीं खुलती अब समस्या यह थी कि उस फ़ाईल को कैसे खोला जाये। क्योंकि क्लाईंट से वापस .xls में मंगवाते तो वो ज्यादा समय लगाता। गूगल देवता पर ढूँढ़ा तो जमजार मिला ओनलाईन फ़ाईल कन्वर्टर । केवल ४ स्टेप में –

१. अपनी फ़ाईल अपलोड कीजिये १०० एम.बी. तक फ़्री है।
२. किस फ़ोर्मेट में कन्वर्ट करनी है उसे चुनें।
३. आपका ईमेल एड्रेस वहाँ कन्वर्टेड फ़ाईल का लिंक आ जायेगा।
४. कन्वर्ट पर चटका लगाइये।

जमजार की विशेषता यह है कि यह सभी तरह के फ़ोर्मेट की फ़ाईलों को कन्वर्ट कर सकता है। ज्यादा जानकारी के लिये चटका लगाइये।

उपयोगकर्ता खाता नियंत्रण User Access Control (UAC) विंडोज विस्टा की विशेषता

जब मैंने अपने साफ़्टवेयर को विस्टा आधारित अपने लेपटाप पर चलाने की कोशिश की तो यह समस्या आई An unidentified program wants access to your computer, तब हमने ढूँढ़ मचाई तो विस्टा के UAC का पता चला जो कि विस्टा की विशेषता है।

उपयोगकर्ता खाता नियंत्रण User Access Control (UAC) विंडोज की एक विशेषता है जो कि आपके कंप्यूटर में अनधिकृत परिवर्तन को रोकने में मदद करता है। यह आपसे अनुमति या प्रशासक कूटशब्द (administrator password) लेगा कि संभावित प्रोग्राम कंप्यूटर के संचालन को प्रभावित कर सकता है और सूचित करता है कि यह सेटिंग्स का बदलाव अन्य उपयोगकर्ताओं के कार्यों को प्रभावित कर सकता है। जब भी आप UAC संदेश देखें ध्यान से पढ़ें कि यह उसी कार्यक्रम को शुरु करने का संदेश है जिसे आपने शुरू किया है।

शुरुआत में ही कार्यों से पहले ही पुष्टि करने से, इससे UAC दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर (मैलवेयर) और स्पायवेयर (spyware) स्थापित करने या आपके कंप्यूटर में परिवर्तन करने से रोकने में मदद कर सकता है।

UAC शुरु या बंद निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है –
1.Start
2.Control Panel
3.Turn User Account Control on or off
4.Use User Account Control (UAC) to help protect your computer चेकबाक्स पर क्लिक कर अनचेक कर दें।
5.क्लिक ok
6.क्लिक close.

इसके बाद आपके अपने साफ़्टवेयर विस्टा चलाने देगा पर हाँ सेटिंग्स चेंज करने के बाद एक बार सिस्टम को रिस्टार्ट करना पड़ेगा।

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग ३ (Free Tools for PC Security – Part ३)

५. विनपेट्रोल (Winpetrol) – विनपेट्रोल मजबूत सुरक्षा की निगरानी कर हाइजेकिंग से, मैलवेयर हमलों, और आपके सिस्टम में आपकी अनुमति के बिना परिवर्तनों के लिए बनाया है। पारंपरिक सुरक्षा कार्यक्रम (Anti-viruses), हार्ड ड्राइव स्कैन एवं कुछ थ्रेट्स को ही खोजते हैं। विनपेट्रोल अनुमान से पता लगाता है कहीं आपके सिस्टम पर आपके अनुमति के बिना महत्वपूर्ण संसाधनों का स्नैपशॉट लेकर हमला और सुरक्षा का उल्लंघन करने की कोशिश तो नहीं की जा रही है और अगर ऐसा है तो विनपेट्रोल आपको चेतावनी दे देगा ।

६. सीकुनिया (Secunia) निजी सॉफ्टवेयर इंस्पेक्टर (SPI) – हम में से अधिकांश ने हमारे सिस्टम में कम से कम एक असुरक्षित प्रोग्राम तो अवश्य स्थापित किया हुआ है जो हमारे सिस्टम को खतरे में डालता है। सीकुनिया (Secunia) निजी सॉफ्टवेयर इंस्पेक्टर (SPI) असुरक्षित कार्यक्रम के लिए आपके पीसी को स्कैन करता है। यह आपके स्थापित प्रोग्राम के लिए आपको अद्यतन (updates) और पैच(patches) की सूचना भी रखता है.

ज्यादा जानकारी के लिये पढ़ें –
कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part १)कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग २ (Free Tools for PC Security – Part २)

मुफ़्त साफ़्टवेयर

मुफ़्त चीज हमेशा अच्छी नहीं होती यह मानसिकता हमें बदलने की जरुरत है पर कुछ ३-४ मुफ़्त सा्फ़्वेयर के संयोजन से सुरक्षा प्रणाली अच्छी हो सकती है। क्योंकि मुफ़्त वाले साफ़्टवेयरों में कुछ न कुछ कमी अवश्य होती है पर वह हम किसी और सा्फ़्टवेयर से पूर्ण कर सकते हैं।

कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग २ (Free Tools for PC Security – Part 2)

३. स्पायबोट – स्पायवेयर इन्टरनेट पर आपके कम्प्यूटर पर जो भी हो रहा है उसका एक मार्केटिंग प्रोफ़ाईल बनाता है और बिना आपकी जानकारी के आपकी प्रोफ़ाईल विज्ञापन कंपनियों को उपलब्ध करवाता है। अगर आप ध्यान दें तो आपके ब्राउजर का कोई भी नया टूलबार यह सब कर सकता है, और आपको बिना पता चले स्पायवेयर आपके मार्गों को रिकार्ड कर के भेज देता है। कई बार तो स्पायवेयर आपके वेबपेज पर अनाधिकृत प्रवेश कर लेता है और किसी और वेबपेज पर ले जाता है। हालांकि स्पायवेयर का स्वाभाव विनाशकारी नहीं है पर यह आमतौर पर प्रदर्शन (performance) को प्रभावित करता है| अगर आपके सिस्टम की स्पीड बहुत कम हो जाये तो मान लीजिये कि स्पायवेयर ने हमला कर दिया है। आप स्पायबोट से स्पायवेयर को ढ़ँढकर खत्म कर सकते हैं, जो कि बहुत सारे एन्टीवायरस साफ़्टवेयर भी नहीं कर पाते हैं।

विशेष: #१,#२,#३ साफ़्ट्वेयरों का संयोजन एकल उपयोगकर्ता प्रणालियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करता है। इनका आसानी से उपयोग कर सकते हैं इसके लिये किसी विशेष तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं है।

४. वोट (WOT) – बाजार के संदर्भ में, वोट (WOT) एड-इन(add-in) के द्वारा ब्राउज़र के लिए सुरक्षा के लिये एक नई पेशकश है| यह आपके सिस्टम को ऑनलाइन घोटाले, पहचान, चोरी, स्पायवेयर, स्पैम, वायरस और संदिग्ध वाणिज्य साइटों से सुरक्षित, रखेगा। जैसे ही वोट (WOT) संदिग्ध साईट की पहचान करेगा, ये आपको सतर्क कर देगा। बेशक फ़ैसला आपको करना है कि आपको कार्य जारी रखना है या नहीं पर कम से कम आपको यह पहले ही सतर्क तो कर देगा।

ज्यादा जानकारी के लिये पहले पढ़ें कम्प्य़ूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part १)

कम्प्यूटर के मुफ़्त सुरक्षा उपकरण – भाग १ (Free Tools for PC Security – Part 1)

कम्प्यूटर की सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसके लिये सभी बहुत चिन्तित भी रहते हैं ।

कुछ सुरक्षा उपकरणों को हमें खरीदना भी पड़ता है, और कुछ मुफ़्त में भी उपलब्ध हैं। मुफ़्त सुरक्षा उपकरण भी बहुत
अच्छा काम करते हैं। आजमा कर देखें –

१. एवीजी एन्टीवायरस – शायद एवीजी सबसे लोकप्रिय एन्टीवायरस सोफ़्टवेयर है। यह वायरस एवं स्पायवेयर दोनों से सुरक्षा प्रदान करता है।

२. मेलवेयरबाइट्स – यह सुरक्षा प्रदान करता है मेलवेयर से। दुर्भाग्यवश, मेलवेयर एक बार संस्थापित हो जाने के बाद किसी भी तरीके से हटाया नहीं जा सकता, क्योंकि यह कंट्रोल पेनल में भी नही दिखाई देता है। मेलवेयर कुछ हेल्पर फ़ाइल्स को संस्थापित कर देता है, अगर हम मेलवेयर हटा भी देते है तो यह वापस से डाउनलोड कर संस्थापित कर देता है। मेलवेयर में वायरस, वोर्मस, रूट्किट्स, स्पायवेयर एवं ट्रोजन्स होते हैं। मेलवेयरबाइट्स एक अच्छा उपकरण है मेलवेयर ढूँढ़्ने और हटाने के लिये।

क्या आपको पता है कि १ अप्रैल २००९ से ATM transaction शुल्क नही लगेंगे व भविष्य में आने वाली समस्या ।

जी हाँ, यह गप नहीं यह सत्य है, १ अप्रैल २००९ से ATM transaction शुल्क नही लगेंगे। रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में यह कहा है।

शुल्क के नाम पर बैंक अभी तक मनमाना शुल्क वसूलती थीं उन पर लगाम लगेगी। किन्तु जब से यह नियम रिजर्व बैंक ने बनाया है, तब से लगभग किसी भी बैंक ने ATM नहीं लगाया है, सब अपना ATM लगाने से कतरा रहे हैं, क्योंकि उसका स्थापन और परिचालन खर्च तो उसे ही करना है परंतु उपयोग सभी बैंकों के उपभोक्ता करेंगे। इस बारे में रिजर्व बैंक ने कोई भी टिप्पणी नहीं की है। पर सभी बैंक इस समस्या से निपटने के लिये विचार विमर्श कर रही हैं, और रिजर्व बैंक से अनुरोध भी किया है कि ATM नेटवर्क खुद रिजर्व बैंक ही अपने अधिकार क्षैत्र में ले ले।

नई समस्या जो हमारे सामने आ सकती है – ATM बंद मिले कारण बताया जा सकता है कि कैश खत्म हो गया है, तकनीकी खराबी आ गई है वगैराह।
देखते हैं कि रिजर्व बैंक इस समस्या का क्या समाधान ढूँढती है।
सर्कुलर के लिये आप यहाँ तड़का लगा सकते हैं, रिजर्व बैंक की आधिकारिक साईट पर ।

मेरे देश भारत की राजधानी दिल्ली

वैसे तो मैं मुंबई में नौकरी करता हूँ परंतु दिल्ली में क्लाईंट है तो दिल्ली का चक्कर लगता ही रहता है, वैसे तो मैं भी दिल्ली साईड का रहने वाला हूँ परंतु फ़िर भी यह शहर और यहाँ के लोग मुझे कम ही पसन्द आते हैं, उसका एक कारण यह भी हो सकता है कि मुँबई में आम आदमी अनुशासित है परंतु दिल्ली में उत्तर भारतीयों का जलवा अलग ही झलकता है, अनुशासन में रहना उत्तर भारतीय अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। बस हम निजामुद्दीन रेल्वे स्टेशन पर आये थे और अपने होटल जाने के लिये प्रीपेड रिक्शा का रुख किया वहाँ देखा कि पहले ही बहुत लंबी लाईन लगी है (अनुशासित जनता दिल्ली की नहीं मुँबई की !! या भारत की…), आधे घंटे लाईन में खडे रहने के बाद प्रीपेड की पर्ची के लिये हमारा नंबर आया और फ़िर ऑटो का इंतजार और पर्चीवाले अनुशासित लोगों के मारामारी में १ घंटा चला गया । तब लगा कि शायद आम जनता का सपना हमेशा सपना ही रहेगा, दिल्ली मे प्रशासन का, इससे अच्छा प्रशासन तो मुँबई में है वहाँ ऑटो के लिये भावताव नहीं करना पड़ता है वहाँ मीटर से ईमानदारी से चलते हैं, पर यहाँ आते ही भारत की राजधानी की प्रशासनिक हकीकत से रुबरु होना पड़ता है।